दिल्ली की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की शोध शाखा ‘प्रोजेक्ट 39ए’ ने चेन्नई के एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज़्म में एजी पेरारिवलन के साथ वार्ता का आयोजन किया था, जिसे बाद में आयोजन स्थल पर हिंसा और तोड़फोड़ आशंका को देखते हुए ऑनलाइन करने की बात कही गई थी, लेकिन फिर ‘अप्रत्याशित हालात’ का हवाला देकर इसे रद्द कर दिया गया.
नई दिल्ली: दिल्ली की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एनएलयूडी) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए और इस साल मई में जेल से रिहा हुए एजी पेरारीवलन का प्रस्तावित व्याख्यान रद्द कर दिया है.
विश्वविद्यालय की एक शोध शाखा ‘प्रोजेक्ट 39ए’ द्वारा इसका आयोजन अपने वार्षिक व्याख्यान के रूप में किया गया था. ‘प्रोजेक्ट 39ए’ कानूनी सहायता, यातना, जेलों में मानसिक स्वास्थ्य और मृत्युदंड पर अध्ययन करती है.
बुधवार (14 दिसंबर) शाम को, ‘प्रोजेक्ट 39ए’ के ट्विटर हैंडल से विश्वविद्यालय का एक आधिकारिक नोटिस पोस्ट किया गया, जिसमें कहा गया कि ‘अप्रत्याशित हालात’ के चलते व्याख्यान रद्द किया जा रहा है.
National Law University, Delhi (@NLUDofficial) has cancelled Project 39A’s 5th Annual Lecture in Criminal Law (2022). pic.twitter.com/boA27wIWCg
— Project 39A, National Law University, Delhi (@P39A_nlud) December 14, 2022
इससे पहले 13 दिसंबर को ‘प्रोजेक्ट 39ए’ ने घोषणा की थी कि योजना के मुताबिक चेन्नई के एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म में व्याख्यान का आयोजन होना था, लेकिन हमारे वक्ता चयन के चलते आयोजन स्थल पर हिंसा और तोड़फोड़ का गंभीर खतरा है, इसलिए व्याख्यान ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा.
इस बदलाव की घोषणा करने वाले बयान में ‘प्रोजेक्ट 39ए’ ने कहा कि पेरारिवलन 31 साल के कारावास के दौरान न्याय प्राप्ति के संघर्ष में अपने अनुभवों पर बात करेंगे.
बयान के अंत में कहा गया था, ‘व्याख्यान न्याय से इनकार और एक अधूरी तलाश (The Denial of Justice and A Quest Unfinished)’ पेरारिवलन के संघर्ष की कहानी है. छिन्न-भिन्न व्यवस्था के मानवीय प्रभाव को आपराधिक न्याय सुधार का मार्गदर्शन करना चाहिए.’
Statement.#Perarivalan #CriminalJustice pic.twitter.com/O5FWiVCUK3
— Project 39A, National Law University, Delhi (@P39A_nlud) December 13, 2022
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के फैसले के बाद ‘प्रोजेक्ट 39ए’ के कार्यकारी निदेशक अनूप सुरेंद्रनाथ ने ट्वीट किया, ‘हम यह लड़ाई हार गए.’
द वायर ने विश्वविद्यालय की कुलपति हरप्रीत कौर और कुलसचिव अनुपमा गोयल से संपर्क कर पूछा है कि व्याख्यान रद्द क्यों किया गया. उनके जवाब आने पर इस में जोड़े जाएंगे.
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