बायजूस के सीईओ पर छात्रों और अभिभावकों को लालच देकर अपने कोर्स बेचने के आरोप

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक न्यूज़ रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया था कि ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूस’ अपने पाठ्यक्रम बेचने के लिए बच्चों और उनके माता-पिता को प्रलोभन देती है और फिर उनका शोषण करती है. आयोग ने उन आरोपों के संबंध में कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन को तलब किया है.

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बायजूस के सीईओ बायजू रवींद्रन. (फोटो साभार: फेसबुक/@drilers)

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक न्यूज़ रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें दावा किया गया था कि ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ‘बायजूस’ अपने पाठ्यक्रम बेचने के लिए बच्चों और उनके माता-पिता को प्रलोभन देती है और फिर उनका शोषण करती है. आयोग ने उन आरोपों के संबंध में कंपनी के सीईओ बायजू रवींद्रन को तलब किया है.

बायजूस के सीईओ बायजू रवींद्रन. (फोटो साभार: फेसबुक/@drilers)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ऐप आ​धारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी बायजूस (BYJU’S) के सीईओ बायजू रवींद्रन को उन आरोपों के संबंध में तलब किया है, जिनमें कहा गया था कि ऐप आ​धारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली उनकी कंपनी माता-पिता और बच्चों को अपने पाठ्यक्रम खरीदने का प्रलोभन देने के कदाचार में लिप्त है.

मिंट की खबर के मुताबिक, एनसीपीआर ने एक बयान में कहा, ‘आयोग को एक समाचार लेख मिला है, जिसमें यह बताया गया है कि बायजूस की सेल्स टीम माता-पिता को अपने बच्चों के लिए पाठ्यक्रम खरीदने के लिए लुभाने के कदाचार में लिप्त है. न्यूज रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि कुछ ग्राहकों ने यह भी दावा किया है कि उनका शोषण किया गया और उन्हें धोखा दिया गया और उनकी बचत व भविष्य को खतरे में डाला.’

एनसीपीसीआर ने कहा, ‘आयोग का अवलोकन है कि माता-पिता या बच्चों से ऋण आधारित समझौते कराने के कदाचार में लिप्त होना और फिर उनका शोषण करना, बच्चों के कल्याण के खिलाफ है और सीपीसीआर अधिनियम-2005 की धारा 13 व 14 के तहत कार्यों और शक्तियों के अनुसरण में है.’

एनसीपीसीआर ने उक्त मामले के संबंध में विसंगतियों को स्पष्ट करने के लिए विवरण के साथ रवींद्रन को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा है.

इसने कहा, ‘बच्चों के लिए बायजूस द्वारा चलाए जा रहे सभी पाठ्यक्रमों के विवरण, इन पाठ्यक्रमों की संरचना और शुल्क विवरण, वर्तमान में प्रत्येक पाठ्यक्रम में नामांकित छात्रों की संख्या, बायजूस की रिफंड पॉलिसी, वैध एड-टेक कंपनी के रूप में बायजूस की मान्यता से संबंधित कानूनी दस्तावेज और समाचार रिपोर्ट में किए गए दावों के संबंध में अन्य सभी प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ उक्त मामले के संबंध में विसंगतियों को स्पष्ट करने के लिए आयोग आपको व्यक्तिगत तौर पर 23/12/2022 को दोपहर 2 बजे अपने समक्ष प्रस्तुत होने को कहता है.’

इसमें कहा गया है कि अगर रवींद्रन बिना किसी वैध बहाने के आदेश का पालन करने में विफल रहते हैं, तो वह नागरिक प्रक्रिया संहिता-1908 के तहत गैर-उपस्थिति मानी जाएगी.