असम के हैलाकांडी ज़िले का मामला. स्थानीय पंचायत के प्रमुख राधेश्याम कुर्मी ने आरोप लगाया कि चाय बागान के अधिकारियों ने 14 दिसंबर की रात चुपके से तालाबंदी का नोटिस लगा दिया और चाय बागान परिसर छोड़कर चले गए. अगले दिन कामगारों को भुगतान किया जाना था, लेकिन अधिकारियों के इस तरह भागने से लोग भड़क गए हैं.
हैलाकांडी: असम के हैलाकांडी जिले में एक चाय बागान के लगभग 500 मजदूरों ने परिचालन ‘अचानक’ रोके जाने की घोषणा के बाद विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
हैलाकांडी शहर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गगलाचेरा चाय बागान के कर्मचारी बृहस्पतिवार (15 दिसंबर) से ही बागान अधिकारियों के फैसले का विरोध कर रहे हैं. अधिकारियों ने एक दिन पहले बागान का परिचालन बंद करने की घोषणा कर दी थी.
विवाद को खत्म करने के लिए स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के साथ-साथ एक चाय संघ ने पहल की है.
मजिस्ट्रेट झिंटू बोरा और श्रम अधिकारी पीके मालाकार सहित अधिकारियों की एक टीम ने शुक्रवार को बागान का दौरा किया और जिला उपायुक्त के समक्ष यह मामला उठाने का आश्वासन दिया. इस बारे में टिप्पणी के लिए उद्यान अधिकारियों से संपर्क नहीं किया जा सका.
वहीं, स्थानीय पंचायत के प्रमुख राधेश्याम कुर्मी ने आरोप लगाया कि चाय बागान के अधिकारियों ने बुधवार (14 दिसंबर) रात चुपके से तालाबंदी का नोटिस लगा दिया और परिसर से चले गए.
उन्होंने कहा, ‘बृहस्पतिवार को कामगारों को भुगतान किया जाना था, लेकिन अधिकारियों के इस तरह भागने से लोग भड़क गए हैं.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कुर्मी ने यह भी आरोप लगाया कि मजदूरों को सरकारी दर से कम दैनिक मजदूरी मिलती थी और महिला श्रमिकों को प्रतिदिन अनिवार्य से अधिक चाय पत्ती तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता था.
भारतीय चाय संघ की बराक घाटी क्षेत्र के महासचिव सरदिंदु भट्टाचार्य ने जल्द ही इस मुद्दे को सुलझा लिए जाने की उम्मीद जताई.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)