छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों ने पहले उन पर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे हिंसा हुई. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई.
इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सोमवार को विद्यार्थियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में तीन छात्र घायल हो गए.
झड़प के बाद आक्रोशित छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में दो मोटरसाइकिल में आग लगा दी. हालांकि दमकलकर्मियों ने इन वाहनों में लगी आग को बुझा दिया.
इलाहाबाद के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि विश्वविद्यालय के छात्र विवेकानंद पाठक के साथ विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों की कुछ कहासुनी हुई, जिसके बाद छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हो गई.
उन्होंने बताया, ‘छात्रों से पूछताछ में पता चला कि पाठक विश्वविद्यालय परिसर में स्थित बैंक में कुछ काम से आए थे. पाठक की तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है. स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. जांच के दौरान जो भी वीडियो फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य प्राप्त होंगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.’
शर्मा ने बताया कि छात्रों से बातचीत कर उन्हें विश्वास में लिया गया है और उन्हें आश्वस्त किया गया है कि जो भी कार्रवाई होगी, वह साक्ष्य के आधार पर होगी और किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं की जाएगी.
छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों ने उन पर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे हिंसा हुई. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना पर एक बयान जारी कर कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय के गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और गार्ड द्वारा रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई.
विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है, ‘उसके किसी भी सुरक्षाकर्मी ने गोली नहीं चलाई है, जबकि उपद्रवी तत्वों की ओर से हवाई गोलीबारी की जा रही थी. स्थिति को देखते हुए मंगलवार को विश्वविद्यालय में कार्य निलंबित रहेगा.’
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया, ‘आज (सोमवार) हुई हिंसा और गंभीर दुर्व्यवहार की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को देखते हुए, जिसमें अज्ञात तत्वों ने विश्वविद्यालय के गेट के ताले तोड़ दिए, जिसके परिणामस्वरूप उनके और गार्डों के बीच हिंसा हुई. पथराव और वाहनों में आग लगाने से दहशत की स्थिति पैदा हो गई है, इसलिए कल (मंगलवार) परिसर में कामकाज ठप रहेगा.’
विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक, विवेकानंद पाठक और उनके साथियों ने परिसर में हंगामा किया. विश्वविद्यालय ने सोमवार रात जारी बयान में कहा, ‘आज दोपहर करीब ढाई बजे विवेकानंद पाठक, सत्यम कुशवाहा, अजय सिंह, आशुतोष पटेल उर्फ राहुल पटेल, हरेंद्र यादव, अभिषेक यादव, नीरज प्रताप सिंह समेत सैकड़ों अज्ञात बदमाशों ने विश्वविद्यालय परिसर में उपद्रव किया और वाहनों में तोड़फोड़ की तथा सुरक्षाकर्मियों को पत्थरों से गंभीर रूप से घायल कर दिया.’
इसमें कहा गया है कि घटना की शुरुआत विश्वविद्यालय के एक अवैध छात्र विवेकानंद पाठक के कुछ बदमाशों के साथ यूनियन हॉल के पास गेट का ताला तोड़कर वहां तैनात सुरक्षा गार्ड को थप्पड़ मारने से हुई. गेट खोलने से इनकार करने पर इन लोगों ने सुरक्षाकर्मियों की पिटाई की, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और बलपूर्वक ताला भी तोड़ दिया गया.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोप लगाया कि शुरुआत में छात्रों द्वारा हिंसा शुरू की गई, जिसमें एक मोटरसाइकिल में आग लगा दी गई, दो शिक्षकों की कारों के शीशे तोड़ दिए गए, एक जनरेटर में आग लगा दी गई और विश्वविद्यालय कैंटीन से फायरिंग के साथ आगजनी की गई.
सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में घायल विवेकानंद पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में स्थित एसबीआई में उनका खाता है और केवाईसी अपडेट कराने के लिए वह यहां आए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी प्रभाकर सिंह ने उनके साथ गाली गलौज की.
उन्होंने दावा किया कि गाली गलौज का विरोध करने पर प्रभाकर सिंह और उनके साथी सुरक्षाकर्मियों ने उन पर लाठी डंडों से हमला कर दिया और फिर छात्रों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई.
घटना में गंभीर रूप से घायल हुए विवेकानंद पाठक एनएसयूआई के पूर्व नेता हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव हैं.
सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में दो छात्रों को मामूली चोटें आई हैं. इस दौरान जिलाधिकारी, पुलिस के आला अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी बल विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद रहा और काफी समझाने के बाद छात्र विवेकानंद पाठक इलाज के लिए अस्पताल गए.
छात्र नेता अजय यादव ‘सम्राट’ ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘पाठक और सुरक्षा गार्डों के बीच की घटना शांत हो गई थी, लेकिन दोपहर 3 बजे के आसपास परिसर में 100 से अधिक गार्ड अपने हाथों में बेंत लेकर छात्र संघ भवन के पास एकत्र हो गए. उन्होंने छात्रों पर लाठीचार्ज किया और हम पर फायरिंग भी की. इसने छात्रों में घबराहट पैदा कर दी, जो आक्रामक हो गए.’
यादव ने कहा, ‘छात्रों को बेरहमी से पीटा गया और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है और अब ऐसी हरकतें कर रहा है. हम मांग करते हैं कि उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और अगर गार्डों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो हम मंगलवार से अपने आंदोलन को और तेज करेंगे.’
पिछले कुछ महीनों से कैंपस में फीस बढ़ोतरी को वापस लेने और छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच पुलिस ने कहा कि पुलिस को दी गई विवेकानंद पाठक की शिकायत के आधार पर सुरक्षा गार्डों के खिलाफ दंगा, हत्या के प्रयास और आपराधिक धमकी सहित अन्य के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने बताया कि सुरक्षा गार्डों की ओर से अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)