2019 से अब तब देश में साइबर अपराध की 6 लाख शिकायतें दर्ज की गईं: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि देश में ‘सिटिज़न फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ अमल में आने के बाद से 12 दिसंबर, 2022 तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में बताया कि देश में ‘सिटिज़न फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ अमल में आने के बाद से 12 दिसंबर, 2022 तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा को बताया कि वर्ष 2019 में ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ शुरू होने के बाद से अब तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं.

मिश्रा ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, ‘देश में ‘सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम’ अमल में आने के बाद से 12 दिसंबर, 2022 तक साइबर अपराध की छह लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की गईं तथा 1.11 लाख से अधिक शिकायतों से जुड़े मामलों में 188 करोड़ रुपये से अधिक की बचत की गई.’

मंत्री ने बताया कि सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cyber Crime Coordination Centre = आई 4 सी) की स्थापना की गई है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तक एजेंसियां साइबर अपराध में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करती हैं. केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत सलाह और वित्तीय सहायता के माध्यम से उनकी पहल को पूरा करती है.

राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) को 30 अगस्त, 2019 को आई 4 सी के एक भाग के रूप में लॉन्च किया गया था, ताकि लोगों को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ साइबर अपराधों की घटनाओं की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाया जा सके.

मंत्री ने कहा, ‘इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाएं, उन्हें एफआईआर में बदलने और उसके बाद की कार्रवाई को कानून के प्रावधानों के अनुसार राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की कानूनी एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है.’

उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 27,900 से अधिक पुलिस अधिकारी पंजीकृत हैं और पोर्टल के माध्यम से 7,300 से अधिक प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं.

मिश्रा ने लोकसभा को सूचित किया कि गृह मंत्रालय ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी क्षमता निर्माण जैसे साइबर फॉरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना, साइबर सलाहकार, क्षमता निर्माण और जूनियर की भर्ती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है.

उन्होंने कहा कि 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर फॉरेंसिक-सह-प्रशिक्षण प्रयोगशालाएं शुरू की गई हैं. इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, सिक्किम, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा, मेघालय, नगालैंड, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, पंजाब, त्रिपुरा, पुडुचेरी, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और झारखंड शामिल हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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