उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के पुरोला गांव का मामला. पुलिस ने बताया कि एक पक्ष पर जबरन धर्म परिवर्तन कराने और दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया गया है. दोनों पक्षों की ओर से मामले में एफ़आईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.
नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला गांव में शुक्रवार (23 दिसंबर) को एक क्रिसमस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान लाठियों से लैस कम से कम 30 युवकों के एक समूह ने कार्यक्रम में शामिल लोगों पर हमला कर दिया. समूह ने आरोप लगाया है कि वहां जबरन धर्मांतरण कराया जा रहा है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बाद में पुलिस ने पादरी लाजरस कॉर्नेलियस और उनकी पत्नी सुषमा कॉर्नेलियस सहित छह लोगों को हिरासत में लिया. इन पर एक हिंदू संगठन से होने का दावा करने वाले लोगों ने हमला किया था. बाद में पादरी समेत अन्य लोगों को यह कहते हुए रिहा कर दिया गया था.
राज्य की राजधानी देहरादून से लगभग 150 किलोमीटर दूर पुरोला गांव में स्थित होप एंड लाइफ सेंटर पर हमला शुक्रवार दोपहर के करीब हुआ था. इस दौरान मसूरी के यूनियन चर्च के पादरी यहां हो रही प्रार्थना की अगुवाई कर रहे थे.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड पुलिस ने युवकों के समूह द्वारा जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए किए गए हमले के मामले में क्रॉस एफआईआर दर्ज की है.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि शुक्रवार को हुई इस घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर है. कुमार ने बताया, ‘क्रॉस एफआईआर में एक पक्ष पर जबरन धर्म परिवर्तन करने और दूसरे पर हमला करने का आरोप लगाया गया है.’
डीजीपी ने बताया कि दोनों पक्षों की तहरीर पर क्रॉस एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.
राज्य की भाजपा सरकार ने हाल ही में विधानसभा में एक धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश किया था, जो बीते शनिवार को पारित हो गया और इसे राज्यपाल की सहमति भी मिल गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि ईसाइयों और मुसलमानों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों पर पहले भी हमले हुए हैं.