त्रिपुरा: एक और भाजपा विधायक का इस्तीफ़ा, साल भर में सात विधायकों ने सत्तारूढ़ गठबंधन छोड़ा

त्रिपुरा की करमचरा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक दिबा चंद्र ह्रंगख्वाल 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए थे. तब वह कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे. इस साल इस्तीफ़ा देने वाले वह चौथे भाजपा विधायक हैं.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

त्रिपुरा की करमचरा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक दिबा चंद्र ह्रंगख्वाल 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पार्टी में शामिल हुए थे. तब वह कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे. इस साल इस्तीफ़ा देने वाले वह चौथे भाजपा विधायक हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अगरतला: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दिबा चंद्र ह्रंगख्वाल ने बुधवार को त्रिपुरा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. इस साल राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन से इस्तीफा देने वाले वह सातवें विधायक बन गए हैं.

ह्रंगख्वाल धलाई के करमचरा से आदिवासी विधायक हैं और उन्होंने इस्तीफे की वजह निजी कारण बताया. उन्होंने यह कदम विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले उठाया है.

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैंने विधायक पद से इस्तीफा विधानसभा सचिव को सौंप दिया है क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष रत्न चक्रवर्ती मौजूद नहीं थे. मैंने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है.’

ह्रंगख्वाल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष थे और वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा, ‘मुझे अगले कदम को लेकर फैसला करना है, लेकिन निश्चित तौर पर मैं राजनीति में रहूंगा क्योंकि मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं.’

ह्रंगख्वाल राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आशीष कुमार साहा के साथ विधानसभा पहुंचे. साहा ने इस साल के शुरुआत में भाजपा से इस्तीफा दे दिया था.

इसके साथ ही भाजपा ने इस साल अपने चार विधायक खो दिए हैं. साहा के अलावा सुदीप रॉय बर्मन और बुरबो मोहन ने भी इस साल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था. सुरमा से विधायक आशीष दास कथित कदाचार की वजह से विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिए गए थे.

भाजपा नीत सरकार में साझेदार इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के तीन विधायकों धनंजय त्रिपुरा, बृषकेतु देबबर्मा और मेवार कुमार जमातिया ने भी इस्तीफा दे दिया था. धनंजय त्रिपुरा और जमातिया का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है, लेकिन बृषकेतु को ‘प्रक्रियागत खामी’ की वजह से अयोग्य करार दिया गया है.

भाजपा प्रवक्ता सुब्रत चक्रवर्ती ने बताया कि ह्रंगख्वाल लंबे समय से बीमार हैं और अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे थे. उन्होंने कहा, ‘इसका असर विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं पर नहीं पड़ेगा.’

द हिंदू के मुताबिक, ह्रंगख्वाल कथित तौर पर भाजपा नेतृत्व द्वारा उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने या उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दिए जाने से नाराज थे.

पिछले दो वर्षों में अब तक भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के आठ विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है, जिनमें से पांच भाजपा के विधायक हैं.

ह्रंगख्वाल पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और अब कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन के करीबी रहे हैं. इससे पहले वह बर्मन और आशीष कुमार साहा के साथ दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने गए थे.

इसलिए उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पत्रकारों द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस में लौटेंगे, चार बार के विधायक ह्रंगख्वाल ने कहा, ‘जब मैं निर्णय लूंगा तब आपको पता चल जाएगा.’

उन्होंने कहा कि उनके साथ बुधवार को आए सभी कांग्रेस नेता अच्छे दोस्त हैं, और भाजपा एवं सीपीआई(एम) के लोगों के साथ भी उनके संबंध अच्छे हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)