शाहरुख़ ख़ान की फिल्म ‘पठान’ इन दिनों विवाद में घिरी हुई है. 12 दिसंबर को इसके गीत ‘बेशरम रंग’ के जारी होने के बाद इस पर रोक लगाने की मांग उठने लगी. गीत के एक दृश्य में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकनी में देखा जा सकता है, जिसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन किए गए और ‘हिंदू भावनाओं’ को आहत करने का आरोप लगाया गया है.
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मुंबई: केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेंसर बोर्ड ने शाहरुख खान अभिनीत फिल्म ‘पठान’ के निर्माताओं को, उसमें गानों समेत कुछ बदलाव करने का निर्देश दिया है.
जोशी ने एक बयान में कहा कि सीबीएफसी ने फिल्म निर्माण कंपनी यशराज फिल्म्स से बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार अगले महीने फिल्म के प्रदर्शन से पहले इसका संशोधित संस्करण जमा करने को कहा है. उन्होंने उन बदलावों के बारे में विस्तार से नहीं बताया, जो निर्माताओं को करने के लिए कहे गए हैं.
फिल्म ‘पठान’ इन दिनों विवाद में घिरी हुई है और 12 दिसंबर को इसके गीत ‘बेशरम रंग’ के जारी होने के बाद इस पर रोक लगाने की मांग उठने लगी. गीत के एक दृश्य में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को भगवा रंग की बिकनी में देखा जा सकता है, जिसके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किए गए और ‘हिंदू भावनाओं’ को आहत करने का आरोप लगाया गया.
जोशी ने एक बयान में कहा, ‘फिल्म हाल में प्रमाणन के लिए सीबीएफसी अध्ययन समिति के पास पहुंची और सीबीएफसी दिशानिर्देशों के अनुसार संपूर्ण अध्ययन प्रक्रिया से गुजरी.’
उन्होंने कहा, ‘समिति ने फिल्म निर्माताओं को निर्देश दिया है कि फिल्म के गीतों समेत उसमें सुझाए गए बदलाव करें और सिनेमाघरों में प्रदर्शन से पहले उसके संशोधित संस्करण को जमा करें.’
जोशी ने कहा कि सीबीएफसी का उद्देश्य निर्माताओं की रचनात्मकता तथा दर्शकों की भावनाओं के बीच संतुलन बनाना और समाधान निकालना है.
उन्होंने कहा, ‘हमारी संस्कृति और आस्था समृद्ध और गूढ़ है और जैसा कि मैंने पहले भी कहा था, निर्माताओं और दर्शकों के बीच के विश्वास को सुरक्षित रखना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और निर्माताओं को इस दिशा में काम करते रहना चाहिए.’
फिल्म के गीत ‘बेशरम रंग’ से नाखुशी जताने वाले और इसमें बदलाव की मांग करने वाले लोगों में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन शामिल हैं. मध्य प्रदेश उलेमा बोर्ड ने भी फिल्म पर ‘इस्लाम को गलत तरह से पेश करने’ के लिए प्रतिबंध की मांग की है.
भाजपा के मंत्रियों और दक्षिणपंथी संगठनों ने दावा किया है कि गीत ने भगवा रंग का अपमान किया है, जो हिंदू समुदाय के लिए पवित्र है. देश के कुछ हिस्सों में दक्षिणपंथी संगठनों ने मांग की है कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाए.
भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा था, ‘इनके पेट पर लात मारो, इनके धंधे चौपट कर दो और कभी इनकी कोई फिल्म मत देखो.’
बहरहाल फिल्म के गीत बेशर्म रंग के विरोध के विपरीत कुछ फिल्मी हस्तियों ने इसका समर्थन भी किया था. दिग्गज अदाकारा आशा पारेख ने बीते दिनों दावा किया था कि फिल्मों का एकमात्र उद्देश्य मनोरंजन होता है और बॉलीवुड हमेशा से एक आसान लक्ष्य रहा है.
पारेख ने कहा था, ‘ये बहुत गलत है. फिल्म तो फिल्म हैं. जिसका मूल मकसद एंटरटेनमेंट है. अब किसी अभिनेत्री ने ऑरेंज (भगवा) पहन लिया या नाम कुछ ऐसा हो गया तो उसे बैन कर रहे हैं? ये ठीक नहीं लगता है?’
बीते सितंबर महीने में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अभिनेत्री ने आगे कहा था, ‘बिकिनी पर बवाल नहीं था, यहां तो ऑरेंज (भगवा) रंग की बिकिनी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. मुझे लगता है कि हमारा दिमाग अब बंद होता जा रहा है. बॉलीवुड शुरू से ही सॉफ्ट टारगेट रहा है.’
आशा पारेख से पहले दिग्गज अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह ने इस गाने को लेकर हुए विवाद पर कहा था कि यह मूर्खतापूर्ण समय है. कौन क्या पहन रहा है हम उस पर विवाद कर रहे हैं.
रत्ना ने कहा था, ‘मैं कहूंगी कि अगर ऐसी चीजें आपके दिमाग में सबसे ऊपर हैं तो हम बहुत मूर्खतापूर्ण समय में जी रहे हैं. इसमें ऐसा कुछ नहीं है, जिसके बारे में मैं बहुत ज्यादा बात करना चाहूंगी या इसे ज्यादा महत्व दूंगी.’
उन्होंने आगे कहा था, ‘मुझे यह बहुत दृढ़ता से लगता है कि किसी भी समाज के लिए इस तरह कार्य करना अच्छी बात नहीं है. कला और शिल्प को अपनी पूरी क्षमता पाने के लिए स्वतंत्रता की भावना की आवश्यकता होती है, जो मुश्किल होता जा रहा है.’
रत्ना पाठक शाह ने कहा था, ‘हमारे देश को देखें, महामारी ने हमारे देश में छोटे निर्माण उद्योगों को मिटा दिया है. लोगों के पास खाने के लिए पर्याप्त नहीं है और हम इस बात पर उपद्रव कर रहे हैं कि कौन क्या कपड़े पहन रहा है.’
बहरहाल ‘पठान’ फिल्म के निर्माताओं ने पिछले सप्ताह इसका एक और गीत ‘झूमे जो पठान’ भी जारी किया था. ‘पठान’ में अभिनेता जॉन अब्राहम भी दिखाई देंगे और यह 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.
मालूम हो कि इससे पहले सीबीएफसी ने इस साल मधुर भंडारकर की फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ में 12 कट का सुझाव दिया था.
इसी तरह संजय लीला भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ को खबरों के अनुसार चार कट के बाद प्रदर्शन की मंजूरी दी गई. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के एक दृश्य में भी बदलाव कराया गया था. भंसाली को 2018 में आई उनकी फिल्म ‘पद्मावत’ के रिलीज के दौरान भी सेंसर बोर्ड से उलझना पड़ा था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)