2022 में एनसीडब्ल्यू को महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध की 31 हज़ार शिकायतें मिलीं, सर्वाधिक यूपी से

राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्हें मिली कुल 30,957 शिकायतों में से 9,710 गरिमा से जीने के अधिकार से संबंधित थीं, इसके बाद 6,970 घरेलू हिंसा और 4,600 शिकायतें दहेज उत्पीड़न से संबंधित थीं. आयोग को मिली लगभग 54.5 प्रतिशत शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई थीं.

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(फोटो साभार: विकीमीडिया कॉमन्स /CC BY-SA 2.0)

राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्हें मिली कुल 30,957 शिकायतों में से 9,710 गरिमा से जीने के अधिकार से संबंधित थीं, इसके बाद 6,970 घरेलू हिंसा और 4,600 शिकायतें दहेज उत्पीड़न से संबंधित थीं. आयोग को मिली लगभग 54.5 प्रतिशत शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई थीं.

(फोटो साभार: विकीमीडिया कॉमन्स /CC BY-SA 2.0)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को 2022 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की लगभग 31,000 शिकायतें मिलीं, जो 2014 के बाद सबसे ज्यादा हैं.

वर्ष 2021 में एनसीडब्ल्यू को 30,864 शिकायतें मिली थीं जबकि 2022 में यह संख्या थोड़ी बढ़कर 30,957 हो गई.

समाचार एजेंसी पीटीआई को प्राप्त एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 30,957 शिकायतों में से अधिकतम 9,710 गरिमा के साथ जीने के अधिकार से संबंधित थीं जबकि इसके बाद घरेलू हिंसा से संबंधित 6,970 और दहेज उत्पीड़न से संबंधित 4,600 शिकायत आयोग को प्राप्त हुई.

आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 54.5 प्रतिशत (16,872) शिकायतें सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से प्राप्त हुईं. दिल्ली से 3,004 शिकायतें जबकि महाराष्ट्र से 1,381, बिहार से 1,368 और हरियाणा से 1,362 शिकायतें मिलीं.

आंकड़ों के मुताबिक, गरिमा के साथ जीने के अधिकार और घरेलू हिंसा से जुड़ी सबसे ज्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं.

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में महिला आयोग द्वारा प्राप्त शिकायतों की संख्या 2014 के बाद से सबसे अधिक है, जब आयोग को 33,906 शिकायतें मिली थीं.

आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के शीलभंग या छेड़छाड़ के अपराध के संबंध में 2,523 शिकायतें प्राप्त हुईं, 1,701 बलात्कार और बलात्कार के प्रयास से संबंधित थीं, 1,623 महिलाओं के खिलाफ पुलिस की उदासीनता के संबंध में थीं और 924 शिकायतें साइबर अपराधों से संबंधित थीं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)