यूपी: सपा नेता की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन, शिकायतकर्ता भाजपा नेता पर भी मुक़दमा दर्ज

सपा नेता मनीष जगन अग्रवाल को सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति कथित अभद्र टिप्पणी करने के आरोपों में रविवार सुबह गिरफ़्तार किया गया था. पार्टी ने इसके बाद शिकायतकर्ता भाजपा नेता ऋचा राजपूत के ख़िलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके परिवार के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं.

आईटी सेल प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद अखिलेश यादव समेत सपा के अन्य नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन. (फोटो: पीटीआई)

सपा नेता मनीष जगन अग्रवाल को सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति कथित अभद्र टिप्पणी करने के आरोपों में रविवार सुबह गिरफ़्तार किया गया था. पार्टी ने इसके बाद शिकायतकर्ता भाजपा नेता ऋचा राजपूत के ख़िलाफ़ एक एफ़आईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके परिवार के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं.

आईटी सेल प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद अखिलेश यादव समेत सपा के अन्य नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. (फोटो: पीटीआई)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के आईटी सेल के प्रमुख मनीष जगन अग्रवाल को सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति कथित अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में रविवार सुबह लखनऊ के हजरतगंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया.

अग्रवाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न समेत विभिन्न आरोपों में एफआईआर दर्ज कराने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ऋचा राजपूत के खिलाफ भी सपा के प्रांतीय अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की तहरीर पर रविवार को मुकदमा दर्ज किया गया.

अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव राज्य पुलिस मुख्यालय पहुंचे. उनके साथ सपा के कार्यकर्ता भी अग्रवाल की तत्काल रिहाई की मांग को लेकर मुख्यालय के बाहर जमा हो गए.

रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए और उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. अखिलेश सुबह करीब 11 बजे गोमतीनगर स्थित पुलिस मुख्यालय पर पहुंचे. उनके साथ सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और पार्टी प्रांतीय अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी मौजूद थे.

अखिलेश वहां करीब तीन घंटे वहां बैठे रहे. इस दौरान मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इससे मामूली भगदड़ मच गई.

सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य भी रविवार दोपहर विरोध में शामिल हुए. मौर्य को पुलिस मुख्यालय ले जाते समय रास्ते में पुलिस ने रोकने की कोशिश की, जिससे सपा नेताओं और पुलिस अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

बाद में अखिलेश पुलिस मुख्यालय से बाहर निकले और लखनऊ जेल चले गए, जहां पुलिस ने मनीष जगन अग्रवाल को गिरफ्तार करने के बाद भेजा था. उनके साथ पार्टी के शीर्ष नेता, विधायक और कार्यकर्ता भी थे. हालांकि, जेल अधिकारियों ने उन्हें अग्रवाल से मिलने नहीं दिया.

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि यूपी में पुलिस और प्रशासन भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि उनके वहां रहने के दौरान कोई भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राज्य पुलिस मुख्यालय में मौजूद नहीं था.

उन्होंने कहा, ‘भाजपा शासित यूपी में न्याय पाना मुश्किल है, जहां जनता की शिकायतों को सुनने के लिए उच्च अधिकारी उपलब्ध नहीं हैं.’

डिप्टी कमिश्नर (मध्य) अर्पणा रजत कौशिक ने बताया कि मनीष जगन अग्रवाल को रविवार सुबह हजरतगंज से गिरफ्तार किया गया, उन पर सोशल मीडिया पर महिलाओं के प्रति अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप है.

भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की उत्तर प्रदेश इकाई की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर बीते चार जनवरी को हजरतगंज थाने में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 354 (ए) (यौन उत्पीड़न), 504 (जान-बूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

पुलिस को दी गई शिकायत में ऋचा ने सपा आईटी सेल के ट्विटर अकाउंट पर की गईं कई टिप्पणियों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि ‘समाजवादी पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारियों ने धमकी दी है कि मेरे साथ बलात्कार किया जाएगा. उन्होंने मुझे जान से मारने की भी धमकी दी है. उन्होंने मेरे खिलाफ अभद्र टिप्पणी भी की है.’

मनीष जगन अग्रवाल इस हैंडल का संचालन करते थे. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल नवंबर से समाजवादी पार्टी के ट्विटर हैंडल का प्रबंधन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज की गई यह चौथी एफआईआर है.

रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ पुलिस के अनुसार, अग्रवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन), 295ए (किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य), 298 (किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जान-बूझकर अपशब्द आदि बोलना), 420 (धोखाधड़ी), 500 (मानहानि), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जान-बूझकर अपमान), 505(2) (वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान), धारा 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और आईटी अधिनियम की धारा 66, 67ए और 67बी के तहत मामला दर्ज किया गया है.

हजरतगंज पुलिस के मुताबिक, उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए, 500, 504 और आईटी एक्ट की धारा 66 और 67 के तहत दर्ज एक पुराने मामले में उसके खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर आरोप पत्र संलग्न किया गया है.

इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने भी भाजयुमो की सोशल मीडिया प्रभारी ऋचा राजपूत के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

सपा प्रवक्ता चौधरी ने बताया कि, ‘पटेल ने ऋचा राजपूत के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राजपूत ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके परिवार के खिलाफ निहायत आपत्तिजनक अभद्र टिप्पणियां की हैं.’

सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से साझा की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट की प्रति के मुताबिक भाजपा नेता राजपूत के खिलाफ आईपीसी की धारा 294 (अश्लीलता) और 509 (स्त्री लज्जा का अनादर) तथा सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 67 (अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रकाशित करना) तथा 67(क) (लैंगिक प्रदर्शन का कार्य या आचरण) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

सपा ने अग्रवाल की गिरफ्तारी को ‘शर्मनाक’ बताते हुए उन्हें फौरन रिहा करने की भी मांग की है.

पार्टी ने ट्वीट किया, ‘समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मनीष जगन अग्रवाल को लखनऊ पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करना निंदनीय एवं शर्मनाक! सपा कार्यकर्ता को अविलंब रिहा करे पुलिस.’

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने दावा किया कि अखिलेश के पुलिस मुख्यालय पहुंचने के लगभग आधे घंटे बाद लखनऊ के संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया पुलिस मुख्यालय पहुंचे.

उन्होंने बताया कि इस दौरान सपा अध्यक्ष ने उनसे (मोर्डिया से) अग्रवाल की गिरफ्तारी के कारणों के बारे में पूछा. इस पर मोर्डिया ने कहा कि मामले की पड़ताल की जा रही है और कोई भी अवैध कार्रवाई नहीं की गई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)