केरल: मुस्लिम लड़की के ईसाई से शादी करने पर परिवार का सामाजिक बहिष्कार

केरल के मल्लापुरम जिले की स्थानीय मस्जिद समिति ने जसीला और टिस्सो टॉमी की शादी के बाद कथित तौर पर लाउड स्पीकर से परिवार के बहिष्कार का ऐलान किया.

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जासीला और टिस्सो अपने परिवार के साथ (फोटो: द न्यूज़ मिनट्स)

केरल के मल्लापुरम जिले की स्थानीय मस्जिद समिति ने जसीला और टिस्सो टॉमी की शादी के बाद कथित तौर पर लाउड स्पीकर से परिवार के बहिष्कार का ऐलान किया.

जसीला और टिस्सो अपने परिवार के साथ (फोटो: द न्यूज़ मिनट्स)
जसीला और टिस्सो अपने परिवार के साथ (फोटो: द न्यूज़ मिनट्स)

केरल में अभी तक कथित लव जिहाद के नाम पर हो रहा हादिया मामला थमा नहीं था कि एक और अंतर-धार्मिक विवाह को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. केरल के मल्लापुरम जिले के कोंडीपाराम्बा इलाके में रहने वाली जसीला यूसुफ और टिस्सो टॉमी की शादी को लेकर स्थानीय मस्जिद समिति नाराज हो गई है.

द न्यूज़ मिनट्स की खबर के मुताबिक 27 वर्षीय जसीला इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखती हैं और नीलांबुर निवासी टिस्सो ईसाई समुदाय से आते हैं. इस अंतरधार्मिक विवाह को लेकर मस्जिद समिति ने जसीला के परिवार का कथित तौर पर बहिष्कार करने का ऐलान किया है.

हालांकि इस विवाह में दोनों परिवारों की तरफ से लोग शामिल थे और दोनों के माता-पिता की रजामंदी से शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 19 अक्टूबर को नीलांबुर में हुई और दो दिन के बाद रिसेप्शन का आयोजन भी किया गया था.

मदरुल इस्लाम संघम की महल्लू समिति (मस्जिद की प्रशासनिक समिति) के सचिव ने 19 अक्टूबर को एक विशेष परिपत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि मस्जिद से जुड़े सभी लोगों से अनुरोध है कि जसीला के परिवार के साथ अपने संबंध तोड़ दें.

दूसरे धर्म में विवाह करने पर जसीला की मां नजमा का कहना है:

‘इसमें कोई गलत बात नहीं है अगर मेरी बेटी दूसरे धर्म के व्यक्ति से विवाह कर रही है. हम अपने धर्म के विरुद्ध नहीं गए, बल्कि अपनी बेटी के फैसले का सम्मान कर रहे हैं. वो समझदार है और अपने जीवन से जुड़े फैसले खुद ले सकती है.’

‘मैंने दोनों से शादी के विषय में चर्चा की और दोनों अपने फैसले पर अटल रहे कि उन्हें शादी करनी है. ऐसी स्थिति में यह हमारी जिम्मेदारी बन जाती है कि हम उनकी शादी करवा दें. दोनों में से कोई भी धर्म परिवर्तन नहीं करेगा.’

महल्लू समिति को नजमा ने शादी की सूचना नहीं दी थी, क्योंकि उन्हें पता था कि अगर वे लोग इस अंतरधार्मिक विवाह के बारे में समिति को बताएंगे तो वे लोग इसका विरोध करेंगे. विवाद न खड़ा हो, इसलिए समिति को सूचित नहीं किया गया.

नजमा ने महल्लू समिति पर आरोप लगाया है कि उनका काम है कि सिर्फ मस्जिद के कामों में दखल दें, लेकिन वे लोग अन्य लोगों को भी हमारे परिवार का बहिष्कार करने के लिए बोल रहे हैं.

स्क्रॉल के मुताबिक, विवाह के एक दिन पहले 18 अक्टूबर को 21 सदस्यीय महल्लू समिति की कार्यकारणी की बैठक बुलाई गई और यह निर्णय लिया गया कि यूसुफ के परिवार का बहिष्कार किया जाएगा, क्योंकि उसकी बेटी ने एक गैर-मुसलमान से विवाह कर रही है.

मस्जिद समिति ने जसीला के परिवार का कथित सामाजिक बहिष्कार करने का ऐलान लाउड स्पीकर से किया था.

शादी और रिसेप्शन को लेकर मस्जिद समिति के निर्देश के बाद अधिकांश लोग शादी के रिसेप्शन में नहीं गए. एक हफ्ते बाद तक भी लोग जसीला के परिवार से बात करने के लिए अनिच्छुक हैं.

मस्जिद समिति के अध्यक्ष अब्दुल सलाम ने कहा:

‘समिति के पास कुछ शक्तियां हैं. हमने शादी और रिसेप्शन के लिए स्पष्टीकरण देने के लिए जसीला के पिता यूसुफ को आमंत्रित किया था. लेकिन वह नहीं आए, इसलिए हमने परिवार के साथ सहयोग नहीं करने का निर्णय लिया है. हमने परिवार का सामाजिक बहिष्कार नहीं किया है.’

जसीला और टिस्सो की शादी के विवाद बढ़ने के बाद मस्जिद समिति ने नरमी दिखाते हुए कहा कि अगर यूसुफ माफी मांग लेते हैं, तो मस्जिद समिति अपना निर्णय बदल देगी.

हालांकि नजमा ने इस बात से इनकार किया है कि उनके पति माफ़ी मांगेंगे. समिति ने गलत फैसला लिया है और वे अपनी गलती सुधारें.

नजमा स्थानीय सीपीआईएम की नेता हैं और 1995 से 2015 तक स्थानीय नगर पंचायत में पार्षद भी रह चुकी हैं. नजमा ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक कारणों से भी उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. जसीला और टिस्सो अबू धाबी में नौकरी करते हैं और पिछले 7 वर्षों से एक-दूसरे के साथ प्रेम संबंध में हैं.