फिल्म पान सिंह तोमर के पटकथा लेखक संजय चौहान का निधन

संजय चौहान ने ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर’, ‘धूप’, ‘से सलाम इंडिया’, ‘राइट या रॉग’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ और ‘आई ऐम कलाम’ जैसी फिल्मों के लिए लेखन कार्य किया था. उन्होंने सुधीर मिश्रा की हिट फिल्म ‘हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी’ के लिए संवाद भी लिखे थे, जो 2003 में रिलीज़ हुई थी.

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संजय चौहान. (फोटो साभार: फेसबुक)

संजय चौहान ने ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर’, ‘धूप’, ‘से सलाम इंडिया’, ‘राइट या रॉग’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’ और ‘आई ऐम कलाम’ जैसी फिल्मों के लिए लेखन कार्य किया था. उन्होंने सुधीर मिश्रा की हिट फिल्म ‘हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी’ के लिए संवाद भी लिखे थे, जो 2003 में रिलीज़ हुई थी.

संजय चौहान. (फोटो साभार: फेसबुक)

मुंबई: तिग्मांशु धुलिया के निर्देशन में बनी फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ और ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर’ जैसी फिल्मों के पटकथा लेखक संजय चौहान का बृहस्पतिवार रात 11:30 बजे मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. उनकी उम्र 62 वर्ष थी और वह ‘लीवर सिरोसिस’ से पीड़ित थे.

साल 2012 में रिलीज हुई फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था. इस फिल्म में दिवंगत अभिनेता इरफान खान ने पान सिंह तोमर की भूमिका अदा की थी. संजय ने इस फिल्म को निर्देशक तिग्मांशु धुलिया के साथ मिलकर लिखा था.

चौहान के परिवार में उनकी पत्नी सरिता और बेटी सारा हैं. उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया गया.

 जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से पढ़े संजय पहले नई दिल्ली में एक पत्रकार थे. मुंबई आने से पहले उन्होंने 1990 के दशक में सोनी टीवी के क्राइम ड्रामा शो ‘भंवर’ के साथ एक लेखक के रूप में अपना करिअर शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने सुधीर मिश्रा की हिट फिल्म ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’ के लिए संवाद लिखे, जो 2003 में रिलीज हुई थी.

उन्होंने ‘धूप’, ‘से सलाम इंडिया’, ‘राइट या रॉग’, ‘मैंने गांधी को नहीं मारा’, ‘आई ऐम कलाम’ और ‘साहिब बीवी और गैंगस्टर रिटर्न्स’ जैसी फिल्मों के लिए भी लेखन कार्य किया. साल 2011 में आई फिल्म ‘आई ऐम कलाम’ के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ कहानी का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता था.

मध्य प्रदेश के भोपाल में जन्मे संजय चौहान के पिता रेलवे में काम करते थे और उनकी मां एक शिक्षक थीं.

फिल्मकार नीलमाधब पांडा ने चाहौन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी निर्देशित फिल्म ‘आई ऐम कलाम’ हमेशा दुनिया को चौहान की उत्कृष्टता की याद दिलाती रहेगी.

पांडा ने कहा, ‘आपका लेखन, आपके शब्द हमेशा हमारे साथ रहेंगे. आई ऐम कलाम हमेशा दुनिया को याद दिलाएगा कि आप कितने शानदार लेखक थे. संजय भाई आपने हमारा साथ बहुत जल्दी छोड़ दिया. परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी सच्ची संवेदना.’

पटकथा लेखक रामकुमार सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘आज की सुबह बुरी खबर लाई है. हमारे प्यारे संजय चौहान अब हमारे बीच नहीं रहे. धूप, आई ऐम कलाम, मैने गांधी को नहीं मारा और पान सिंह तोमर के लेखक संजय चौहान ने अंतिम सांस ली. अलविदा संजय भाई. आप याद आएंगे.’

‘जबरिया जोड़ी’ के लेखक संजीव के झा ने कहा कि किसी खास और प्रतिभाशाली व्यक्ति को खोना बहुत दुखद है. अभिनेता गुलशन देवैया और कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा ने भी पटकथा लेखक के निधन पर शोक व्यक्त किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)