हंसराज कॉलेज में मांसाहार पर रोक का विरोध, प्रिंसिपल ने कहा- यह आर्य समाज दर्शन का पालन करता है

दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्रावास में मांसाहारी भोजन बंद करने लेकर विवाद शुरू हो गया है. यहां की प्रिंसिपल का कहना है कि हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से ‘हवन’ करते हैं. इस फैसले के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन करने का फैसला किया है.

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हंसराज कॉलेज. (फोटो साभार: फेसबुक)

दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्रावास में मांसाहारी भोजन बंद करने लेकर विवाद शुरू हो गया है. यहां की प्रिंसिपल का कहना है कि हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से ‘हवन’ करते हैं. इस फैसले के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन करने का फैसला किया है.

हंसराज कॉलेज. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के छात्रावास में मांसाहारी भोजन बंद करने लेकर उपजे विवाद ने तूल पकड़ लिया है. कॉलेज प्रबंधन के इस फैसले को लेकर जहां कुछ छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है, वहीं प्रिंसिपल रमा शर्मा ने तीखी आलोचनाओं के बावजूद हॉस्टल और कैंटीन में मांसाहारी भोजन बंद करने के आदेश को वापस लेने से बुधवार को इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि हंसराज कॉलेज आर्य समाज के दर्शन का पालन करता है.

शर्मा ने यह दावा किया कि 90 प्रतिशत विद्यार्थी शाकाहारी हैं और उन्होंने पहले हॉस्टल में मांसाहारी भोजन परोसे जाने का विरोध किया था.

हंसराज कॉलेज द्वारा अपनी कैंटीन और हॉस्टल में मांसाहारी भोजन परोसना बंद करने के फैसले की कई हलकों से तीखी आलोचना हुई.

हालांकि छात्रों ने दावा किया कि इस मामले में कोई नोटिस जारी नहीं किया गया, लेकिन प्रिंसिपल शर्मा ने स्पष्ट किया कि ‘एक नोटिस जारी किया गया था और हॉस्टल विवरण-पुस्तिका (प्रॉस्पेक्टस) में उल्लेख किया गया था कि हॉस्टल में मांसाहारी भोजन नहीं परोसा जाएगा’.

समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में प्रिंसिपल ने कहा, ‘हम मांसाहारी भोजन के संबंध में नोटिस वापस नहीं लेने जा रहे हैं. यह एक आर्य समाज कॉलेज है. हमारा अपना दर्शन है और इसीलिए हम मांसाहारी भोजन नहीं परोसेंगे. हम नियमित रूप से ‘हवन’ करते हैं. हम अपने नियमों का पालन करते हैं. छात्रावास के प्रॉस्पेक्टस में लिखा है कि छात्रावास में मांसाहारी भोजन नहीं परोसा जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘हम सेंट स्टीफेंस (कॉलेज) को ‘हवन’ करने के लिए नहीं कहते हैं. हम खालसा कॉलेज के नियमों में हस्तक्षेप नहीं करते हैं. फिर हमसे पूछताछ क्यों की जा रही है? हम यह नहीं कहते कि मांसाहार मत खाओ. हमने बस ये कहा है कि कॉलेज में मांसाहारी भोजन मत लाओ.’

रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज के इस फैसले के विरोध में छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने 20 जनवरी को प्रदर्शन करने का फैसला किया है. एसएफआई की हंसराज कॉलेज इकाई ने एक बयान में कहा है कि मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध के खिलाफ कॉलेज परिसर के अंदर विरोध हो रहा है. अब हंसराज छात्रावास के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा.

कॉलेज के छात्रों के अनुसार, कोरोना महामारी के बाद जब फरवरी 2022 में कॉलेज फिर से खुला तो कॉलेज प्रशासन ने कैंटीन और छात्रावास में मांसाहारी भोजन देना बंद कर दिया था. एसएफआई का कहना है कि ऐसे मामले भी आए जब कॉलेज प्रशासन ने छात्रावास में अंडा ले जाने वाले छात्रों से अंडे भी जब्त किए.

छात्रावास में रहने वाले एक छात्र ने कहा कि मांसाहारी भोजन बंद करने को लेकर किसी आदेश के बारे में नहीं बताया गया है. यह अनुचित है, क्योंकि हम परिवार से दूर हैं और हमें पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है. समस्या का समाधान होना ही चाहिए.

एसएफआई ने दावा किया कि हंसराज छात्रावास के भीतर एक सर्वेक्षण किया गया था और पाया गया कि लगभग 75 प्रतिशत छात्र मांसाहारी थे, जबकि कॉलेज के प्रिंसिपल का दावा है कि 90 प्रतिशत छात्र शाकाहारी हैं.

मालूम हो कि फरवरी 2022 में भी हंसराज कॉलेज में गो-संरक्षण और अनुसंधान केंद्र की स्थापना करने को लेकर भी विवाद हुआ था. छात्रों ने इसका विरोध करते हुए वहां छात्राओं के लिए छात्रावास बनाने की मांग की थी.

आरोप लगा था कि छात्राओं के छात्रावास के लिए तय स्थान पर ‘गोशाला’- स्वामी दयानंद गो-संरक्षण और अनुसंधान केंद्र बनाया जा रहा है.

तब कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. रमा शर्मा का कहना था  कि केंद्र में उन्होंने सिर्फ एक गाय रखी है और उसे अनुसंधान के लिए रखा गया है. उन्होंने बताया था कि केंद्र जहां बनाया गया है, वह खाली पड़ा हुआ था, वहां छात्रावास बनाना संभव नहीं है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)