हरियाणा: तीन महीने में दूसरी बार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 40 दिन की पैरोल मिली

अपनी दो शिष्यों के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 20 साल की सज़ा काट रहे राम रहीम को अक्टूबर 2022 में भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी. राम रहीम ने तब यूपी के बरनावा आश्रम में कई ऑनलाइन सत्संग आयोजित किए थे. इनमें से कुछ में हरियाणा के भाजपा नेता भी शामिल हुए थे.

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गुरमीत राम रहीम. (फोटो साभार: फेसबुक/डेरा सच्चा सौदा)

अपनी दो शिष्यों के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 20 साल की सज़ा काट रहे राम रहीम को अक्टूबर 2022 में भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी. राम रहीम ने तब यूपी के बरनावा आश्रम में कई ऑनलाइन सत्संग आयोजित किए थे. इनमें से कुछ में हरियाणा के भाजपा नेता भी शामिल हुए थे.

गुरमीत राम रहीम. (फोटो साभार: फेसबुक/डेरा सच्चा सौदा)

चंडीगढ़: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को शुक्रवार को एक बार फिर 40 दिन की पैरोल दे दी गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

अपनी दो शिष्यों के साथ बलात्कार के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 20 साल की सजा काट रहे राम रहीम को तीन महीने पहले भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी.

रोहतक के संभागीय आयुक्त संजीव वर्मा ने बताया, ‘पैरोल 40 दिनों के लिए प्रदान की गई है. यह नियमानुसार है.’

डेरा प्रमुख की आखिरी 40 दिन की पैरोल पिछले साल 25 नवंबर को खत्म हुई थी. वह 14 अक्टूबर को रिहा होने के बाद उत्तर प्रदेश में अपने बरनावा आश्रम गया था. इसके बाद से यह दूसरा मौका है जब राम रहीम ने किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 40 दिन की पैरोल मांगी है.

हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने डेरा प्रमुख की ताजा पैरोल याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि डेरा प्रमुख ने 40 दिनों के पैरोल के लिए एक आवेदन दायर किया था, जिसे रोहतक संभागीय आयुक्त को भेज दिया गया था.

इससे पहले चौटाला ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा था, ‘डेरा प्रमुख के परिवार ने उनके लिए एक महीने की पैरोल की मांग करते हुए जेल अधिकारियों को एक आवेदन दिया है, लेकिन यह अदालत और आयुक्त द्वारा तय किया जाएगा कि उसे कितने दिनों के लिए पैरोल मिलेगी और वह इस दौरान कहां रहेगा.’

सूत्रों ने बताया कि अपनी पैरोल अवधि के दौरान डेरा प्रमुख के 25 जनवरी को पूर्व डेरा प्रमुख शाह सतनाम सिंह की जयंती कार्यक्रम में भी शामिल होने की संभावना है.

मालूम हो कि अक्टूबर 2022 में बलात्कार के आरोप में हरियाणा में रोहतक की सुनारिया जेल में कारावास की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 40 दिन का पैरोल मिली थी. यह कदम राज्य के आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले उठाया गया था.

अक्टूबर-नवंबर 2022 में अपनी पिछली पैरोल अवधि के दौरान 55 वर्षीय राम रहीम ने यूपी के बरनावा आश्रम में कई ऑनलाइन सत्संग आयोजित किए थे. इनमें से कुछ में हरियाणा के भाजपा नेता भी शामिल हुए थे.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने पहले गुरमीत राम रहीम सिंह को साल 2022 में 40 दिन की पैरोल दिए जाने पर आपत्ति जताई थी.

एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया था कि जहां गुरमीत राम रहीम सिंह के प्रति विशेष मेहरबानी की जा रही है, वहीं करीब तीन दशक से जेलों में बंद सिख कैदियों को सजा पूरी होने के बाद भी रिहा नहीं किया जा रहा है.

इससे पहले डेरा प्रमुख को जून 2022 में एक महीने की पैरोल पर रिहा किया गया था और फरवरी 2022 में उसकी तीन सप्ताह की फर्लो (एक प्रकार की छुट्टी) मंजूर की गई थी. इस दौरान उसे परिवार के सदस्यों के अलावा किसी से मिलने नहीं दिया गया था. उसकी 21 दिन की रिहाई के दौरान उसे जेड प्लस सुरक्षा दिया गया था.

राम रहीम को 21 दिनों की यह छुट्टी पंजाब विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले मिली थी. पंजाब खासकर बठिंडा, संगरूर, पटियाला और मुक्तसर में इस पंथ के बड़ी संख्या में अनुयायी हैं.

गौरतलब है कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 28 अगस्त, 2017 में सिरसा में अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी. सिरसा में डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय है.

उसे पंचकूला में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराया था. यह फैसला आने के बाद राम रहीम के समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए थे और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था.

जनवरी 2019 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

16 साल पुराने इस मामले में अदालत ने गुरमीत राम रहीम के साथ ही तीन अन्य दोषियों कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और कृष्ण लाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.

इसके अलावा एक अन्य मामले में आरोप था कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के खानपुर कोलियान गांव के निवासी डेरा के पूर्व प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या 10 जुलाई 2002 को उस समय कर दी गई जब वह गांव के अपने खेतों में काम कर रहे थे.

गहन जांच के बाद सीबीआई ने 2007 में छह आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और 2008 में आरोप तय किए गए थे. 8 अक्टूबर, 2021 को अदालत ने रहीम और चार अन्य को रंजीत सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)