इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, असम, नगालैंड, सिक्किम, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
अगरतला: माकपा ने भाजपा-आरएसएस पर आरोप लगाया है कि वे चुनावी प्रदेश त्रिपुरा में हिंसक गतिविधियों के वित्तपोषण के लिए करोड़ों रुपये झोंक रहे हैं.
ज्ञात हो कि त्रिपुरा में अगले साल चुनाव होने हैं और राज्य में जनजातीय लोगों तथा गैर-जनजातीय समूहों के बीच हिंसक झड़पें होती रही हैं.
माकपा द्वारा ‘त्रिपुरा- पीपुल फर्स्ट मॉडल’ नाम से एक बुकलेट प्रकाशन किया गया है, जिसका उद्देश्य ‘राज्य सरकार के खिलाफ भाजपा की साजिश’ को सामने लाना बताया गया है.
बिना एक सीट जीते हासिल किया विपक्ष का दर्जा
माकपा ने आरोप लगाया कि भाजपा ने कई राज्यों में चुनावों में बिना एक सीट जीते मुख्य विपक्षी का दर्जा हासिल कर लिया है. साथ ही राजनीतिक दलों को धमकी देने तथा ब्लैकमेल करने के लिए सीबीआई तथा आयकर विभाग का भी इस्तेमाल किया है.
माकपा ने यह भी कहा कि यह पुरानी रणनीति त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार के खिलाफ नहीं काम करेगी. इस बुकलेट में त्रिपुरा सरकार की विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियों का भी जिक्र किया गया है.
माकपा ने कहा है कि निसंदेह त्रिपुरा के लोग भाजपा-आरएसएस की साजिश को नाकाम कर देंगे, नफरत की राजनीति को परास्त करेंगे. इसके साथ ही वे एकता तथा सौहार्द के रिश्तों की रक्षा करेंगे.
मेघालय: उच्च न्यायालय ने दिए शिक्षा घोटाले में सीबीआई जांच के आदेश
शिलांग: चार नवंबर को मेघालय उच्च न्यायालय ने 2008-2009 के कथित शिक्षा घोटाला मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री ए लिंगदोह सहित कई नेताओं के खिलाफ मामले की आपराधिक पक्ष की सीबीआई जांच के आदेश और उसे छह माह में पूरी करने का निर्देश दिए हैं.
मुख्य न्यायाधीश दिनेश महेरी और न्यायमूर्ति वेद प्रकाश वैश की पीठ ने पांच केन्द्रों की चयन प्रक्रिया रद्द करते हुए उन सभी केंद्रों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए हैं जहां शिक्षकों की नियुक्तियां की गईं थीं.
मामला मेघालय में 2008-2009 में सरकारी निम्न प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापकों की नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है.
अदालत ने कहा कि पांच केन्द्रों शिलांग सदर, जोवाई, अम्लारेम, तूरा और दादेन्ग्रे के सभी बेदाग उम्मीदवारों चाहे वे सेवा में हों अथवा नहीं, को नयी चयन प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी जाए .
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि ने यह मान लिया कि प्रतियोगिता के जरिए जन रोजगार के मसले को अपनी इच्छा और सिफारिशों के जरिए भी पूरा किया जा सकता है. हम उस संबंध में कुछ भी कहने से बचते हैं लेकिन इसे कड़ी जांच के लिए जांच एजेंसी पर छोड़ते हैं.’
अदालत ने इस मुद्दे को लेकर सरकार द्वारा नियुक्त उच्चस्तरीय जांच समिति की भी खिंचाई की. न्यायालय ने समिति की जांच को हास्यास्पद और व्यवस्था को गंदा करने वालों को बचाने के उद्देश्य से की गयी लीपापोती बताया.
न्यायालय के अनुसार ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए था.
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘सीबीआई को 21.10.2011 के आदेश के अनुपालन में की गयी जांच की तरह ही जांच करने का निर्देश दिया जाता है. वह उसी प्रकार भ्रष्ट और बेदाग लोगों को अलग-अलग करेगी और आज (4 नवंबर) से छह माह के भीतर मुख्य सचिव को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
असम: काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में मादा गैंडे और शावक को गोली मारकर सींग निकाले
काजीरंगा, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में शिकारियों ने एक मादा गैंडा और उसके शावक का शिकार कर उनके सींग निकाल लिए.
वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना 4 नवंबर की रात में हुई. उद्यान में इससे तीन दिन पहले भी एक अन्य मादा गैंडे को शिकारियों ने मार दिया था.
उद्यान के संभागीय वन अधिकारी रूहीनी वल्लभ सेकिया ने समाचार एजेंसी भाषा को यह जानकारी दी कि मादा गैंडे और उसके शावक को तुनेकाती फॉरेस्ट कैंप के तहत उद्यान के बुरापहार रेंज में गोली मारी गई है.
सुरक्षा बलों ने रात साढ़े ग्यारह बजे के आसपास गोलियों की आवाज सुनी जिसके बाद उन्होंने तलाशी अभियान चलाया, जिसके बाद उन्हें रविवार सुबह मादा गैंडा और उसका शावक मृत मिले.
उन्होंने यह भी बताया कि घटनास्थल से एके-47 के खाली खोल मिले हैं.
इस घटना के साथ काजीरंगा में इस साल मारे गए गैंडों की संख्या पांच तक पहुंच गई. ज्ञात हो कि पिछले साल पार्क में 18 गैंडों को शिकारियों ने निशाना बनाया था.
मेघालय: आधार नंबर छोड़ने के लिए चल रहा है अभियान, मुख्यमंत्री संगमा ने अब तक नहीं बनवाया आधार
शिलांग: मेघालय में करीब 300 लोग आधार नंबर छोड़ने के लिए एक अभियान में शामिल हुए हैं. दरअसल उन्होंने आरोप लगाया है कि 12 अंकों की यह पहचान संख्या गैर मूल निवासियों को मतदान का अधिकार दिला सकती है.
मालूम हो कि इस पूर्वोत्तर राज्य में जून में आधार का पंजीकरण शुरू होने के बाद से राज्य में इसकी पंजीकरण प्रक्रिया को सख्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है. खासी छात्र संघ (केएसयू) और गिरिजाघरों ने गैर मूल निवासियों को मतदान का अधिकार मिलने के अलावा निजता का उल्लंघन होने के आधार पर इसका विरोध किया है.
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने भी 1 नवंबर को बताया कि उन्होंने अब तक आधार के लिए पंजीकरण नहीं कराया है क्योंकि वह निजता के अधिकार पर राज्य के लोगों की चिंता को साझा करते हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, मैंने आधार नंबर के लिए पंजीकरण नहीं कराया है. मैं अपने लोगों की चिंताओं को साझा करता हूं. लोकतंत्र में हमारा निजता का अधिकार महत्वपूर्ण है अन्यथा लोकतंत्र का पूरा विचार कमतर हो जाएगा.’
उन्होंने यह भी बताया कि वे और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने इस पर चर्चा की है और भारत सरकार को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा, ‘हम दोनों सही दिशा में बढ़ने को राजी हुए हैं और हम साथ आगे बढ़ते रहेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘मुद्दा यह है कि हम एक ऐसी स्थिति में हैं जो अन्य राज्यों से अलग है. अवैध प्रवास मेघालय और असम तथा समूचे पूर्वोत्तर के लोगों की समान चिंता है.’
गौरतलब है कि इससे पहले मेघालय और असम के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को पत्र लिखकर आधार से छूट देने की मांग की थी.
संगमा ने कहा कि राज्य में इसके लिए पंजीकरण चल रहा है ताकि राज्य से बाहर पढ़ाई कर रहे छात्रों को सुविधा हो. उन्होंने दावा किया कि आधार नंबर के पंजीकरण को लेकर काफी भ्रम की स्थिति है और हम इस विषय पर पूरी तरह से स्पष्टता चाहते हैं.
इसके साथ ही, कुल 286 लोगों ने आधार पर मेघालय पीपुल कमेटी (एमपीसीए) को अभियान के तीसरे दिन पत्र सौंपा है. उन्होंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से उनके नाम आधार से हटाने का अनुरोध किया है.
एमपीसीए सचिव अगस्त जायरवा ने बताया कि अभियान तीन नवंबर को संपन्न हो चुका है. हम संबद्ध अधिकारियों के पास जाने से पहले पर्याप्त संख्या में पत्र पाने की आशा करते हैं.
ज्ञात हो कि एमपीसीए केएसयू का एक शीर्ष संगठन है. केएसयू में करीब 5,000 ऐसे लोग हैं जिन्होंने स्वेच्छा से आधार के लिए पंजीकरण नहीं कराया है.
वहीं यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि मेघालय में 4. 6 लाख से अधिक लोगों के पास आधार नंबर हैं और इसके लिए पंजीकरण जारी है.
नगालैंड: आधार कानून लागू होने से रोकें- एनएसएफ
कोहिमा: मेघालय में आधार पंजीकरण के विरोध और आधार वापस लौटने के बीच एक और पूर्वोत्तरीय राज्य में आधार पर रोक लगाने की मांग की गयी है
नगा छात्र महासंघ (एनएसएफ) ने कहा है कि नगालैंड में आधार कार्ड या यूआईडीआई नंबर लागू करने से नगा समुदाय के पारंपरिक कायदे-कानूनों और पहचान को खतरा पहुंचेगा.
छात्र महासंघ ने 30 अक्टूबर को मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग को दिये एक ज्ञापन में कहा, ‘संविधान के अनुच्छेद 371 ए के तहत नगालैंड को प्रदान विशेष प्रावधान राज्य को नगाओं के धार्मिक या सामाजिक रीति-रिवाजों और उनके पारंपरिक कायदे-कानूनों एवं प्रक्रिया के सिलसिले में संसद के कानूनों के लागू होने से छूट देते हैं.’
ज्ञापन में फेडरेशन ने राज्य सरकार से आग्रह किया गया है कि वह भारत-नगा मुद्दे के हल होने तक आधार अधिनियम, 2016 को राज्य में लागू करने से रोकें.
एनएसएफ ने कहा कि नगालैंड विधानसभा के पास यह फैसला करने का विशेषाधिकार है कि संसद के किसी अधिनियम को राज्य में लागू किया जाए या नहीं.
असम: एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री ने की लोगों से सहयोग की अपील
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से एकजुट होकर राष्ट्रीय नागरिक पंजिका (एनआरसी) के अपडेशन की राह में समस्या खड़ी करने की कोशिश में जुटे कुछ वर्गों के नापाक मंसूबों को पराजित करने की अपील की.
ज्ञात हो कि वर्ष 1951 का एनआरसी अवैध प्रवासन पर अंकुश लगाने के वास्ते राज्य के मूल निवासियों की पहचान करने के लिए अपडेशन किया जा रहा है. एनआरसी का मसौदा दिसंबर में प्रकाशित किया जाना है.
मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा, ‘एनआरसी की अपडेशन प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के के निरीक्षण में सही दिशा में बढ़ रही थी. कुछ वर्ग अपने निहित स्वार्थों के चलते एनआरसी तैयारी कार्य को बाधित करने के लिए समाज में समस्या खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं.’
नलबाड़ी में एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि असमी समाज के सभी सदस्य त्रुटिरहित एनआरसी तैयार करने में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘जो लोग एनआरसी के बारे में भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं वे असमी समाज के शुभेच्छु नहीं हो सकते, बल्कि वास्तव में हमारे दुश्मन हैं और हमें असमी पहचान को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे तत्वों के नापाक मंसूबों को पराजित करने के लिए एकजुट होने की ज़रूरत है.
सिक्किम: राज्य में होने वाली है जैविक आंदोलन के दूसरे दौर की शुरुआत
गंगटोक: पूरी तरह से जैविक राज्य बनने के एक साल बाद सिक्किम में इस सिलसिले में दूसरे चरण की शुरुआत होने वाली है.
राज्य के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने 4 नवंबर यहां जैविक खाद्य उत्पादों पर एक कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार जल्दी ही जैविक आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत करेगी.
उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में विभिन्न उत्पादों का बड़े स्तर पर उत्पादन बढ़ाने एवं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला तैयार कर उत्पादों का मूल्य तैयार करने पर ध्यान दिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है कि सिक्किम में जैविक आंदोलन के दूसरे दौर की शुरुआत की जाए ताकि वृहद स्तर पर उत्पादन किया जा सके और निर्यात व्यवस्था को मजबूत करते हुए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला स्थापित कर अपने जैविक उत्पादों का मूल्यवर्धन किया जा सके.’
मिज़ोरम: राज्य सरकार ने दी केंद्रीय सब्सिडी घोटाले की सीबीआई जांच को सहमति
आइजोल: मिज़ोरम के मुख्यमंत्री ललथनहवला ने 3 नवंबर को बताया कि राज्य सरकार ने केंद्रीय सब्सिडी घोटाले की सीबीआई जांच के लिए अपनी सहमति दे दी है.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललथनहवला ने कहा कि घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्य सरकार के पास अनुरोध करने का अधिकार है. ललथनहवला मिज़ोरम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय सब्सिडी योजना में एक कंपनी मिजो कार्बन प्रोडक्ट्स पर कथित तौर पर जाली सरकारी दस्तावेजों से केंद्रीय परिवहन सब्सिडी (सीटीसी) और केंद्रीय निवेश सब्सिडी (सीआईएस) के तहत करोड़ों रूपये प्राप्त करने का आरोप है .
हालांकि विपक्षी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने एक प्रेस बयान में कहा कि शुरुआत में ललथनहवला सरकार ने केंद्रीय सब्सिडी घोटाले की सीबीआई जांच कराने से इनकार कर दिया था और गुवाहाटी उच्च न्यायालय की मिज़ोरम बेंच ने सीबीआई जांच का आदेश देने का फैसला किया.
असम: मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा प्रदेश शांतिपूर्ण, निवेशक आने को उत्सुक
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्य एक शांतिपूर्ण प्रदेश में बदल गया है और कई निवेशक यहां आने और अपना आधार स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं.
सोनोवाल ने कहा कि उच्च प्रगतिशील होने की राज्य की छाप राज्य के बाहर काफी मजबूती से जा रही है. राज्य में कानून एवं व्यवस्था में काफी सुधार आया है और पिछले दो स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए न केवल लोग खुद बाहर आए हैं, बल्कि निवेशक राज्य में आकर अपना आधार बनाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
सोनोवाल ने 30 अक्टूबर को साल 2008 में सीजीएम अदालत परिसर और गणेशगुरी फ्लाइओवर के नीचे विस्फोटों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंकवाद का सामना करने के लिए एकजुट रहना जरूरी है और सामूहिक इच्छाशक्ति स्थायी शांति सुनिश्चित करेगी.
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहना चाहिए और ताकतों की बुरी योजनाओं को हराना चाहिए जो समाज की तरक्की के लिए हानिकारक हैं. सिर्फ शांति से ही विकास और समाज के सभी तबकों में सौहार्द हो सकता है जो स्थायी शांति के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अनिवार्य है.
भ्रष्टाचार पर कोई समझाौता नहीं, मुख्यमंत्री भी नहीं बचेंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कालेधन के खिलाफ संघर्ष के संदर्भ में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि असम में भ्रष्टाचार पर कोई समझाौता नहीं किया जाएगा.
संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सोनोवाल ने कहा, ‘भ्रष्टाचार पर कोई समझाौता नही होगा. कालाधन लेते हुए कोई भी पकड़ा जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. रिश्वत लेने वालों तथा भष्टाचार में शामिल लोगों को कोई माफी नहीं दी जाएगी.
उन्होने कहा, ‘मुख्यमंत्री भी अगर भ्रष्टाचार में शामिल हैं तो उन्हें भी नहीं बख्शा नहीं जाएगा. पुराने दिन अब अधिक समय तक नहीं रहेंगे.’
मिज़ोरम: प्रदेश में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी भाजपा, एमएनएफ के साथ कोई गठबंधन नहीं
आइजोल: मिज़ोरम में भाजपा मिजो नेशनल फ्रंट के साथ चुनाव पूर्व कोई गठजोड़ नहीं करेगी और पार्टी मिज़ोरम विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
मिजो नेशनल फ्रंट भाजपानीत नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (नेडा) की घटक है.
अनुसूचित जनजाति (एसटी) मोर्चा के लिये भाजपा के राष्ट्रीय सचिव हाइथुंग बिल लोथा ने मीडियाकर्मियों को यहां बताया कि भाजपा मिज़ोरम विधानसभा चुनाव में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
उन्होंने दावा किया कि भाजपा मिज़ोरम विधानसभा चुनाव जीतेगी और राज्य में सरकार का गठन करेगी.
लोथा ने यह भी दावा किया कि भाजपा त्रिपुरा में भी सरकार का गठन करेगी और मेघालय तथा नगालैंड में भी वह समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ सरकार का गठन करेगी.
अरुणाचल प्रदेश: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने की राज्यपाल से मुलाकात
इटानगर: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 4 नवंबर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (रिटा) डॉ. बीडी मिश्रा से मुलाकात कर राज्य से संबंधित विभिन्न रक्षा मुद्दों पर चर्चा की.
राज्यपाल ने बैठक के दौरान प्रस्तावित फ्रंटियर रोड परियोजना को तेज करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था और खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा.
राजभवन की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि मिश्रा ने कहा कि परियोजना राष्ट्रीय सीमाओं पर निगरानी को मजबूत बनाएगी और सीमा से लगी राज्य की सुदूर जमीन के कब्जे को प्रोत्साहित करेगी. राज्यपाल ने राज्य में और भर्ती रैलियां आयोजित करने पर भी जोर दिया ताकि सीमांत राज्य के युवा सशस्त्र बलों में शामिल हो सकें.
रक्षा मंत्री ने राज्यपाल द्वारा उठाए गए मुद्दों की पड़ताल करने और इसका यथाशीघ्र निराकरण करने के उपाय तलाशने का आश्वासन दिया. साथ ही उन्होंने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के दो मेधावी छात्रों को नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट भी दिए.
असम: राज्यपाल ने कहा प्रदेश की कोई ज़मीन किसी अन्य राज्य को नहीं दी जाएगी
मोरीगांवा नगांव: एक नवंबर राज्यपाल जगदीश मुखी ने नगा विवाद के समाधान के लिए केंद्र सरकार और एनएससीएन आई-एम के बीच जारी शांति वार्ता के संदर्भ में असम के कुछ हिस्से को ग्रेटर नगालिम में शामिल किये जाने संबंधी राज्य के लोगों की शंकाओं को शांत करने की कोशिश की.
संवाददाताओं से बातचीत में ग्रेटर नगालिम के गठन और असम के क्षेत्र को उसमे जोड़ने की शंका से जुड़े एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा, ‘किसी तरह की शंका नहीं होनी चाहिए. असम की कोई भी भूमि किसी राज्य को नहीं दी जाएगी.’
मुखी ने यह भी कहा कि असम के लोगों से जमीनी स्तर की समस्याओं के बारे में चर्चा करने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत की है और वह राज्य के सभी जिलों में जाएंगे.
भारत को पूर्वोत्तर के राज्यों में जल भंडारण क्षमता बढ़ानी चाहिए : विशेषज्ञ
नयी दिल्ली: विशेषज्ञों ने यह सुझााव दिया है कि भारत को पूर्वोत्तर के राज्यों में जल भंडारण क्षमता बढ़ाना चाहिए ताकि अगर चीन ब्रह्मपुत्र नदी के जल का मार्ग बदलने वाली परियोजना शुरू करता है तो ऐसे में सामने आने वाली पानी की कमी की समस्या से निबटा जा सके.
यह सुझाव उन खबरों के मद्देनजर आया है जिनके मुताबिक चीन के इंजीनियर ऐसी तकनीकों का परीक्षण कर रहे हैं जिनका इस्तेमाल 1,000 किमी लंबी सुरंग बनाने में किया जाएगा . यह सुरंग अरुणाचल प्रदेश के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी के जल का मार्ग बदलकर उसे सूखा प्रभावित शिनजियांग क्षेत्र की ओर मोड़ने में मददगार होगी.
हालांकि चीन ने मीडिया में आई इन खबरों को गलत बताया है. कुछ विशेषज्ञों का मत है कि चीन इस परियोजना पर आगे बढ़ता है तब भी बरसात के मौसम में भारत अधिक प्रभावित नहीं होगा.
लेकिन सुरंग परियोजना से भारत कितना प्रभावित होगा उस मामले में केंद्रीय जल आयोग के पूर्व अध्यक्ष ए बी पांड्या की राय कुछ अलग है.
थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज ऐंड एनालिसिस के फेलो उत्तम सिन्हा ने कहा, ‘इस मामले में चीन के मुकाबले हमारी स्थिति थोड़ी बेहतर है. हमें ब्रह्मपुत्र का अधिकांश जल मिलता है अरुणाचल प्रदेश और असम में भारी बारिश की वजह से इसलिए इस सुरंग योजना से भारत ज्यादा प्रभावित नहीं होगा खासकर बरसात के मौसम में.’
उन्होंने यह भी कहा कि चीन नदी के जल का मार्ग बदलेगा तो अन्य मौसम में नदी में जल कम हो सकता है और इसका असर बहाव के नीचे की दिशा में पड़ने वाले इलाकों में दिख सकता है.
सिन्हा जोर देकर कहते हैं कि भारत को अपनी भंडारण क्षमता बढ़ानी चाहिए खासकर अरुणाचल प्रदेश में ताकि पानी की कमी के संकट से निबटा जा सके.
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के एक अन्य पूर्व अधिकारी ने कहा कि जब नदी भारत में प्रवेश करती है तो इसे सियांग कहा जाता है. जब सियांग, लोहित और दिबांग नाम की नदियां मिलती हैं तो असम में ब्रह्मपुत्र का जन्म होता है.
ऐसे में बहाव के ऊपरी ओर चीन की इस परियोजना के जरिए जल का मार्ग बदलेगा तब भी सियांग में कुल जल का 30-40 फीसदी जल आएगा जो अब भी काफी अधिक है.
साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रीवर्स ऐंड पीपल के समन्वयक हिमांशु ठक्कर ने भी कहा कि नदी के सूखने जैसी कोई आशंका नहीं है.
लेकिन पांड्या कुछ अलग विचार रखते हैं. उनका कहना है, ‘चीन द्वारा परियोजना पर आगे बढ़ने की जरा-सी भी संभावना है तो पूर्वोत्तर के राज्यों में नदी के जल के बहाव में उल्लेखनीय कमी आएगी. बरसात के मौसम में यह समस्या बढ़ जाएगी. इससे निबटने के लिए भारत को भंडारण क्षमता बढ़ानी चाहिए.’
असम: विश्व बैंक देगा प्रदेश के लिए 20 करोड़ डॉलर का ऋण
नयी दिल्ली: बीते 30 अक्टूबर को भारत द्वारा असम में कृषि क्षेत्र में निवेश करने तथा राज्य की उत्पादकता बढ़ाने के लिए विश्व बैंक के साथ 20 करोड़ डॉलर के ऋण अनुबंध पर हस्ताक्षर कियागया
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि इंटरनेशनल बैंक फॉर रीकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी) से मिला यह ऋण 16.5 साल की परिपक्वता अवधि का है तथा इसे अन्य सात साल के लिए बढ़ाया जा सकता है.
यह भी बताया गया कि इससे होने वाले निवेश से राज्य के पांच लाख से अधिक परिवारों को फायदा होगा. यह परियोजना असम के 16 जिलों में विस्तृत होगी. इस परियोजना से असम सरकार को कृषि में निवेश करने, कृषि उत्पादकता तथा बाजार की पहुंच बढ़ाने और बाढ़ एवं सूखे से जूझ रहे छोटे किसानों को फसल बोने में सक्षम बनाने में मदद मिलेगी.
मंत्रालय ने आगे कहा, ‘परियोजना के कार्यों में कम से कम 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी रहने की उम्मीद है. महिलाओं द्वारा चलने वाले उद्यमों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा तथा कृषक उत्पादक संगठनों में नीति निर्धारण प्रक्रिया में उनकी दखल बढ़ायी जाएगी.’
विश्व बैंक के परिचालन प्रबंधक हिशम आब्दो ने इस मौके पर कहा कि असम का लक्ष्य राज्य में कृषि उत्पादन को दोगुना करना तथा कृषि क्षेत्र को वृद्धि एवं आर्थिक विकास के स्थायी स्रोत में तब्दील करना है. उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य के कृषि आधारित ग्रामीण बदलाव के वृहद लक्ष्य को पाने में मदद करेगी.
नगालैंड: मुख्यमंत्री की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने की केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात
नयी दिल्ली: नगालैंड के मुख्यमंत्री टीआर ज़ेलियांग की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने 3 नवंबर को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उनके साथ नगा मुद्दे पर चल रही शांति वार्ता के बारे में विचार-विमर्श किया.
अधिकारी ने बताया कि आधे घंटे की बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने सिंह को नागालैंड की स्थिति के बारे में अवगत कराया और सात दशक पुराने नगा विद्रोह की समस्या का स्थायी समाधान करने की आवश्यकता के बारे में कहा.
मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को सुनिश्चित किया कि नगा मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि तीन अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में नगा विद्रोही समूह (एनएससीएन-आईएम) के महासचिव थुंइंगालेंग मुइवा और सरकार के वार्ताकार आरएन रवि के बीच अंतिम समाधान को लेकर समझाौता किया गया था.
असम: प्रदेश सरकार ने ज़ाहिर की भूपेन हजारिका के कोलकाता स्थित घर को खरीदने की इच्छा
गुवाहाटी: असम सरकार ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता गायक-संगीतकार भूपेन हजारिका के कोलकाता स्थित घर को खरीदने और उसे सांस्कृतिक केंद्र में बदलने की इच्छा जतायी है.
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के निर्देश पर असम के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री नब कुमार डोले और मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार ऋषिकेश गोस्वामी ने 77 गोल्फ कोर्स, टॉलीगंज स्थित घर के मालिक सुशील कुमार दांगी से 1 नवंबर को बातचीत की. हजारिका ने दांगी को घर बेचा था.
एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि डोले और गोस्वामी ने कोलकाता स्थित असम हाउस में दांगी से बातचीत की और उन्हें हजारिका के घर का स्वामित्व हासिल करने में राज्य सरकार की गहरी दिलचस्पी से अवगत कराया. हजारिका ने इस घर में 1950 के दशक के मध्य में रहना शुरू किया था और बाद में यहां से मुंबई चले गए थे.
विज्ञप्ति में कहा गया कि चर्चा के बाद डोले और गोस्वामी ने घर का दौरा कर उसकी मौजूदा हालत का जायजा लिया. डोले और गोस्वामी ने कहा कि हजारिका ने इस घर में अपनी कई रचनाएं की थीं और यह घर असम के लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के आधार पर)