बेलागवी के गोकक से भाजपा विधायक और पूर्व जल संसाधन मंत्री रमेश जारकिहोली ने एक रैली में क्षेत्र की एक कांग्रेस विधायक द्वारा जनता में उपहार बांटने का दावा करते हुए कहा कि अगर हम आपको वोट का छह हज़ार रुपये न दें, तो हमारे उम्मीदवार को वोट मत देना.
नई दिल्ली: कर्नाटक में भाजपा के एक पूर्व मंत्री ने उनकी पार्टी को शर्मिंदा करने वाली एक टिप्पणी करते हुए राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है.
एनडीटीवी के अनुसार, राज्य के पूर्व जल संसाधन मंत्री रमेश जारकिहोली ने घोषणा की है कि आगामी मई में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा प्रति वोट 6,000 रुपये देगी.
एक सेक्स स्कैंडल में कथित भूमिका के लिए साल 2021 में इस्तीफा देने के लिए मजबूर किए गए पूर्व मंत्री जारकिहोली के बयान से भाजपा ने तुरंत खुद को दूर कर लिया है.
पूर्व मंत्री द्वारा यह टिप्पणी बेलगावी के सुलेबावी गांव में उनके समर्थकों द्वारा आयोजित एक रैली में कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर को निशाना बनाने के दौरान की गई.
कांग्रेस की लक्ष्मी हेब्बलकर बेलगावी जिले से बेलागवी ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं, वहीं, रमेश जारकहोली बेलगावी के गोकक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं.
जारकिहोली ने कहा, ‘मैं देख रहा हूं कि वह निर्वाचन क्षेत्र में अपने मतदाताओं को उपहार बांट रही हैं. अब तक, उन्होंने लगभग हजार रुपये के रसोई के उपकरण जैसे कुकर और मिक्सर दिए होंगे. वह एक और सेट उपहार दे सकती हैं. इन सभी को मिलाकर लगभग 3,000 रुपये खर्च होंगे. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि अगर हम आपको 6,000 रुपये नहीं देते हैं तो हमारे उम्मीदवार को वोट न दें.’
उनके इस बयान के सामने आने के फ़ौरन बाद राज्य के सिंचाई मंत्री गोविंद करजोल ने इसका खंडन जारी किया.
उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी में ऐसी चीजों के लिए कोई जगह नहीं है. हमारी पार्टी एक विचारधारा पर बनी है जिसके कारण वह देश की सत्ता में आई है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार स्पष्ट बहुमत मिला है. 2023 के चुनाव में भी हम स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेंगे.’
उन्होंने जोड़ा, ‘अगर कोई व्यक्ति कोई बयान देता है तो यह पार्टी का बयान नहीं है. यह उसका निजी मामला है.’
इस बीच विपक्षी कांग्रेस ने मांग की है कि चुनाव आयोग पूर्व मंत्री के इस बयान का संज्ञान ले.
कांग्रेस विधायक प्रियंक खड़गे, जो पार्टी के कम्युनिकेशन प्रभारी हैं, ‘यह भाजपा के भ्रष्टाचार का स्तर दिखाता है. चुनाव आयोग व आयकर विभाग या ईडी इसका संज्ञान क्यों नहीं लेते?’
उन्होंने आगे कहा, ‘ऑपरेशन लोटस एक सच्चाई है. वो इसका समर्थन कर रहे हैं. वहां ढाई लाख मतदाता हैं. यह कोई मजाक नहीं है. क्या यह भाजपा नेता द्वारा किया जा रहा कदाचार नहीं है? भाजपा के पास इतना पैसा आ कहां से रहा है? चुनाव आयोग इस पर स्वतः संज्ञान क्यों नहीं लेता?’
कांग्रेस एमएलसी नागराज यादव ने कहा, ‘रमेश ने जो कुछ कहा वह असंवैधानिक है. अभी आदर्श आचार संहिता लागू नहीं हुई है. एक बार वह लागू हो जाए और इस तरह के बयान फिर दिए जाएं तो उन्हें या भाजपा के किसी भी व्यक्ति को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.’
यादव ने आगे कहा, ‘भाजपा के सभी विधायक 40 फीसदी भ्रष्टाचार करके ही पार्टी में टिके हुए हैं. उन्होंने रिश्वत से पर्याप्त धन इकट्ठा कर लिया है. भाजपा अब चुनाव के दौरान भी ऐसा ही करने की योजना बना रही है. मैं मांग करता हूं कि चुनाव आयोग इस मामले को देखे.’
एचडी कुमारस्वामी की जद (एस)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के इसके बनने के करीब सालभर बाद 2019 में सत्ता में आई भाजपा दूसरे कार्यकाल की उम्मीद कर रही है.
हालांकि पिछले काफी समय से बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार के कई आरोपों से जूझ रही है. पिछले साल, विपक्षी कांग्रेस ने इन आरोपों कि सत्तारूढ़ भाजपा बिल्डरों, ठेकेदारों और अन्य से 40 प्रतिशत कमीशन ले रही है, को लेकर ‘पे सीएम’ (PayCM) अभियान शुरू किया था.
इसके चलते राज्य में एक बड़ा राजनीतिक बवाल हुआ था और पुलिस ने कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में भी लिया था.