स्मारक मित्र योजना के तहत क़रीब 1,000 स्मारकों के रखरखाव की ज़िम्मेदारी निजी क्षेत्र को दी जाएगी

केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि हमारा लक्ष्य 15 अगस्त तक स्मारक मित्र योजना के तहत 500 स्थलों के लिए भागीदारों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करना है, जब आज़ादी का अमृत महोत्सव समाप्त होगा. हम 1,000 स्मारकों के रखरखाव और लाइट एंड साउंड शो करने चलाने के लिए निजी उद्योग के साथ साझेदारी करने के इच्छुक हैं.

Hyderabad: Charminar is illuminated in the colours of the national flag on the eve of Republic Day, in Hyderabad, Wednesday, Jan. 25, 2023. (PTI Photo) (PTI01_25_2023_000310A)

केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने कहा कि हमारा लक्ष्य 15 अगस्त तक स्मारक मित्र योजना के तहत 500 स्थलों के लिए भागीदारों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करना है, जब आज़ादी का अमृत महोत्सव समाप्त होगा. हम 1,000 स्मारकों के रखरखाव और लाइट एंड साउंड शो करने चलाने के लिए निजी उद्योग के साथ साझेदारी करने के इच्छुक हैं.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर हैदराबाद स्थित विश्व प्रसिद्ध स्मारक चारमीनार को राष्ट्रीय ध्वज के रंगों में रोशन किया गया. (प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सरकार जल्द ही स्मारक मित्र योजना के एक नए संस्करण की शुरुआत करेगी, जिसके तहत संस्कृति मंत्रालय भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के 1,000 स्मारकों के रखरखाव के लिए निजी उद्योगों के साथ साझेदारी करेगा और लाइट एंड साउंड शो समेत अन्य गतिविधियां आयोजित करेगा. यह जानकारी एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को दी.

केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘हमारा लक्ष्य 15 अगस्त तक संशोधित स्मारक मित्र योजना के तहत 500 स्थलों के लिए भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना है, जब आजादी का अमृत महोत्सव समाप्त होगा.’

स्मारक मित्र योजना कुछ साल पहले पर्यटन मंत्रालय के तहत शुरू की गई थी, जिसमें किसी स्थल को रखरखाव और अन्य संबंधित गतिविधियों के लिए गोद लेना शामिल है.

मोहन ने कहा कि स्मारक मित्र योजना को कुछ महीने पहले पर्यटन मंत्रालय से संस्कृति मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया था.

उन्होंने कहा कि संशोधित स्मारक मित्र योजना उसकी वेबसाइट के साथ जल्द ही शुरू की जाएगी. यह योजना कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पर आधारित होगी. उन्होंने कहा कि वेबसाइट में स्थलों के नाम और अन्य संबंधित विवरण होंगे.

मोहन ने कहा, ‘हम 1,000 स्मारकों के रखरखाव, लाइट और साउंड शो करने और व्याख्या सेंटर चलाने के लिए निजी उद्योग के साथ साझेदारी करने के इच्छुक हैं. कोई भागीदार पूरी गतिविधियां या इसके एक खंड को ले सकता है.’

द हिंदू के मुताबिक, शीर्ष अधिकारी ने कहा कि संस्कृति मंत्रालय जी-20 की साल भर की अध्यक्षता के दौरान भारत को एक ‘सांस्कृतिक महाशक्ति’ के रूप में पेश करेगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय संस्कृति सचिव गोविंद मोहन ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य है कि 15 अगस्त, 2023 तक जब आज़ादी का अमृत महोत्सव समाप्त हो जाए, हम इन स्मारकों के रखरखाव के लिए निजी क्षेत्र के साथ लगभग 500 समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करें. इसलिए, यह हमारा उद्देश्य है जिसके प्रति हम काम कर रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि जी-20 के तहत देश दुनिया भर से यहां आने वाले सभी वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों और वीवीआईपी को भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करना चाहता है.

उन्होंने कहा, ‘हम एक डिजिटल संग्रहालय, जी-20 ऑर्केस्ट्रा, कविताओं की एक किताब और प्रदर्शनियों पर काम कर रहे हैं. यह सब भारत की 5000 साल पुरानी संस्कृति को प्रदर्शित करेगा.’

संस्कृति मंत्रालय की झांकी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले झांकी को ‘शक्ति रूपेण संस्थिता’ की थीम पर आधारित किया गया है, जो कि एक परंपरा है और देश के सभी हिस्सों में मनाई जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि झांकी भारत में देवी की पूजा के विभिन्न रूपों को प्रदर्शित करेगी, देवी पूजा के इस रूप के आधार पर विभिन्न नृत्य रूपों को प्रदर्शित किया जाएगा और बहुत ही रंगीन प्रारूपों में विभिन्न वेशभूषा और मुखौटे हमारी झांकी में प्रदर्शित किए जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘हम वंदे भारतम का दूसरा संस्करण भी प्रस्तुत करेंगे. जैसा कि आप जानते हैं, पिछले साल हमने वंदे भारतम का पहला संस्करण किया था, जहां हमने देश भर में प्रतियोगिताएं आयोजित की थीं और 500 नर्तकियों का चयन किया था, जिन्होंने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ थीम पर प्रदर्शन किया था.’

केंद्रीय संस्कृति सचिव ने कहा कि इस वर्ष 500 नर्तकियों को फिर से गहन प्रतियोगिता और कठोर प्रशिक्षण के माध्यम से चुना गया है, जो नारी शक्ति की थीम पर प्रदर्शन करेंगे और नारी शक्ति थीम पर्यावरण की भारतीय अवधारणा को समाहित करेगी, जो ‘पंच भूत’ पर आधारित है.

उन्होंने कहा, ‘इस साल हम और गहराई में गए हैं. हमने देश के लद्दाख, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दादर नगर हवेली, पूर्वोत्तर राज्यों जैसे अछूते क्षेत्रों को कवर किया है और लगभग 500 नर्तकियों को फिर से गहन प्रतियोगिता और कठोर प्रशिक्षण के माध्यम से चुना गया है, जो नारी शक्ति की थीम पर प्रदर्शन करेंगे और नारी शक्ति थीम पर्यावरण की भारतीय अवधारणा को समाहित करेगी, जो ‘पंच भूत’ पर आधारित है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)