नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के बजट अनुमान 2023-24 में आवंटन शून्य है, वहीं स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत 348.99 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की है कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (पैन इंडिया नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम) शुरू की जाएगी, जिसके तहत तीन वर्षों में 47 लाख युवाओं को स्टाइपेंड (एक तरह का वजीफा) दिया जाएगा, हालांकि व्यय बजट पर ध्यान देने पर ज्ञात होता है कि वित्त वर्ष 2023-2024 में योजना के तहत कोई राशि बजट में नहीं रखी गई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के लिए, जिसमें सभी कौशल विकास योजनाएं शामिल हैं, में वित्त वर्ष 2023 के लिए कुल मिलाकर बजट अनुमान 393.75 करोड़ रुपये था, लेकिन बहुत कम व्यय के कारण वित्त वर्ष 23 के लिए संशोधित अनुमान 235.57 करोड़ रुपये आंका गया.
नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम के लिए, वित्त वर्ष 23 में 25.40 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था और संशोधित अनुमान 32.87 करोड़ रुपये था. हालांकि, वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान में मांग संख्या 92, बिंदु 273.01 बताता है कि योजना के तहत कोई आवंटन नहीं किया गया है.
दूसरी ओर, आगामी वित्तीय वर्ष के लिए स्किल इंडिया कार्यक्रम के बजट अनुमान में 348.99 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है. इस श्रेणी के तहत पहले कोई आवंटन नहीं किया गया था.
स्टाइपेंड योजना को लेकर हैरानी जताई जा रही है क्योंकि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले लाई गई है.
अपने भाषण में वित्त मंत्री ने कई कौशल पहलों के बारे में बात की, जिन्हें सरकार अगले तीन वर्षों में पीएमकेवीवाई 4.0 के हिस्से के रूप में पेश करेगी.
उन्होंने कहा, ‘इनमें 47 लाख युवाओं को स्टाइपेंड देना, स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना और 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनाना शामिल है. यह मांग-आधारित औपचारिक कौशल को सक्षम करेगा, पात्र उम्मीदवारों को एमएसएमई सहित नियोक्ताओं से जोड़ेगा और उद्यमिता योजनाओं तक पहुंच की सुविधा देगा.’
केंद्र ने यह भी घोषणा की है कि वह संशोधित पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत उद्योग-विशिष्ट नए पाठ्यक्रम शुरू करते हुए सभी अल्पकालिक पाठ्यक्रमों में ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण शुरू करेगा.