पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार से विधायक सुमन कांजीलाल ने भाजपा छोड़कर टीएमसी का दामन ऐसे समय थामा है, जब राज्य में इस वर्ष पंचायत चुनाव होने हैं. वह 2021 के चुनाव के बाद पाला बदलने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा के छठे भाजपा सदस्य हैं.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक सुमन कांजीलाल रविवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए. यह जानकारी टीएमसी ने एक बयान में दी.
कांजीलाल ने भाजपा छोड़कर टीएमसी का दामन ऐसे समय थामा है, जब राज्य में इस वर्ष पंचायत चुनाव होने हैं. टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने राज्य के उत्तरी हिस्से में अलीपुरद्वार के विधायक कांजीलाल का पार्टी में स्वागत किया.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि कांजीलाल के भाजपा छोड़ने और एक ‘भ्रष्ट’ संगठन में शामिल होने का पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ‘बंगाल में भाजपा के एक और विधायक को सच्चाई का एहसास हुआ कि भाजपा का लोगों की सेवा करने का कोई इरादा नहीं है.’
Rejecting the anti-people policies & hate-laden agenda of @BJP4India, Shri Suman Kanjilal joined the AITC family today, in the presence of our National General Secretary Shri @abhishekaitc.
Yet another @BJP4Bengal MLA realises the truth that BJP has no intention to serve people! pic.twitter.com/PN35V5sH6O
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) February 5, 2023
सुमन कांजीलाल 2021 के चुनाव के बाद पाला बदलने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा के छठे भाजपा सदस्य हैं, जिसके बाद टीएमसी राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटी थी. हालांकि, उनमें से किसी ने भी विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया.
भाजपा के पास अब बंगाल में 69 विधायक हैं, जो 2021 के चुनावों में जीती गई 77 सीटों में से नीचे है.
टीएमसी ने दावा किया, ‘भाजपा की जनविरोधी नीतियां और नफरत से भरे एजेंडे’ ने उन्हें (कांजीलाल को) राज्य की सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने के लिए मजबूर किया.’
कांजीलाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘केंद्र सरकार ने पिछले दो वर्षों में उत्तर बंगाल के विकास के लिए बहुत कम काम किया है.’
टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कांजीलाल का पार्टी में स्वागत करते हुए दावा किया कि कई अन्य विधायक पार्टी में शामिल होने का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमारे नेता अभिषेक बनर्जी अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे और गुण-दोष के आधार पर हर मामले की पड़ताल करेंगे.’
भाजपा प्रवक्ता भट्टाचार्य ने कहा, ‘भाजपा जैसी बड़ी पार्टी से एक या दो विधायकों के पार्टी छोड़कर टीएमसी जैसी पार्टी में शामिल होने का कोई असर नहीं होगा.’
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मांग की कि कांजीलाल विधानसभा के अंदर यह स्वीकार करें कि वह टीएमसी में शामिल हो गए हैं और भाजपा छोड़ दी है. आइए इसमें अध्यक्ष को भी शामिल करें.
शुभेंदु ने कहा, ‘क्या आप भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) से डरे हुए हैं? टीएमसी झंडा नहीं सौंप रहे हैं? क्योंकि जैसा कि मुकुल रॉय के मामले में हुआ था, विधानसभा के अंदर टीएमसी के मालिक ने उन्हें भाजपा के रूप में लेबल किया था. सुमन कांजीलाल का भी दावा है कि वह भाजपा विधायक दल से संबंधित है.’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मैं आपको चुनौती देता हूं, सुमन कांजीलाल को टेप पर और विधानसभा के अंदर स्वीकार करने के लिए कहें कि वह टीएमसी में शामिल हो गए हैं और भाजपा छोड़ दी है. आइए इस मामले में स्पीकर को भी शामिल करें. सुमन कांजीलाल को अलीपुरद्वार के लोगों को जवाब देना होगा कि उन्होंने उन्हें धोखा क्यों दिया. भाजपा विधायक दल इस तरह के स्टंट से प्रभावित नहीं होता है.’
Before tweeting this to public, please go home first, and tell this theory of anti defection law to your father and brother. Also accept the fact that MLAs of BJP have no trust on BJP and LOP. This is failure of opportunist betrayer Suvendu Adhikari also. https://t.co/CNOE4SRNKc
— Kunal Ghosh (@KunalGhoshAgain) February 5, 2023
इसके जवाब में टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘सार्वजनिक रूप से इसे ट्वीट करने से पहले कृपया घर जाइए और दलबदल विरोधी कानून के इस सिद्धांत को अपने पिता और भाई को बताइए. इस तथ्य को भी स्वीकार करें कि भाजपा के विधायकों को पार्टी पर कोई भरोसा नहीं है. यह अवसरवादी विश्वासघाती शुभेंदु अधिकारी की भी विफलता है.’
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, शुभेंदु अधिकारी के पिता और भाई तृणमूल सांसद हैं, जिनका झुकाव भाजपा की तरफ है, लेकिन उन्होंने अपनी सीट नहीं छोड़ी है. कई मौकों पर उन्होंने पार्टी ह्विप का उल्लंघन भी किया है.
तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शुभेंदु अधिकारी के पिता और कांथी से सांसद शिशिर अधिकारी को अयोग्य घोषित करने को कहा है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, साल 2021 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अलीपुरद्वार जिले में सभी पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. टीएमसी बहुमत तक पहुंचने और तीसरी बार सत्ता में लौटने के बावजूद इस जिले में अपना खाता खोलने में विफल रही थी.
कांजीलाल, जो पहले एक पत्रकार थे, 2020 में राजनीति में शामिल हुए थे. भाजपा ने पहले अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी को अलीपुरद्वार से अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बाद में कांजीलाल को उतारा था.
अभिषेक बनर्जी ने हाल ही में कहा था कि टीएमसी अपने दरवाजे आधे खुले रखे हुए हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में भाजपा विधायक उसके पास आने के लिए तैयार हैं, लेकिन ‘हम इस तरह के किसी भी प्रवेश को जांच-परखकर करेंगे.’
इससे पहले, उत्तर बंगाल के दो अन्य भाजपा विधायकों – रायगंज के कृष्णा कल्याणी और कालियागंज के सौमेन रॉय अलग-अलग समय में टीएमसी में शामिल हुए थे. जून 2021 में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल रॉय सहित राज्य के दक्षिणी हिस्से से भाजपा के तीन अन्य विधायकों ने भी पाला बदल लिया था.
पिछले साल मई में लोकसभा सदस्य एवं पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह भी टीएमसी में शामिल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)