अडानी समूह विदेशी बॉन्ड के ज़रिये 500 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना से पीछे हट सकता है: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी समूह पिछले साल एसीसी और अंबुजा सीमेंट को ख़रीदने के लिए वैश्विक बैंकों से लिए 4.5 बिलियन डॉलर (क़रीब 37,000 करोड़ रुपये) के ऋण की पहली किश्त को चुकाने के लिए अन्य विकल्प तलाशेगा.

गौतम अडानी. (फोटो साभार: Adani Group)

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी समूह पिछले साल एसीसी और अंबुजा सीमेंट को ख़रीदने के लिए वैश्विक बैंकों से लिए 4.5 बिलियन डॉलर (क़रीब 37,000 करोड़ रुपये) के ऋण की पहली किश्त को चुकाने के लिए अन्य विकल्प तलाशेगा.

गौतम अडानी. (फोटो साभार: Adani Group)

नई दिल्ली: अडानी समूह के विदेशी बॉन्ड के माध्यम से लगभग 500 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना से पीछे हटने की संभावना है. इकोनॉमिक टाइम्स ने इस संबंध में जानकारी दी है.

साथ ही, बताया है कि पिछले साल एसीसी और अंबुजा सीमेंट को खरीदने के लिए वैश्विक बैंकों से लिए 4.5 बिलियन डॉलर (करीब 37,000 करोड़ रुपये) के ऋण की पहली किश्त को चुकाने (पुनर्वित्त) के लिए अन्य विकल्प तलाशेगा.

उक्त सौदे ने आदित्य बिड़ला समूह के अल्ट्राटेक सीमेंट के बाद अडानी समूह को भारत में दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक बना दिया था.

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने अखबार को बताया कि कर्ज को पुनर्वित्त करने के अन्य विकल्पों में आंतरिक कोष का उपयोग करना शामिल है.

अडानी ने पिछले साल 14 अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं से कर्ज लिया था, जिसमें स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी, ड्यूश बैंक एजी और बार्कलेज पीएलसी शामिल थे.

पिछले साल सितंबर में मिंट ने बताया था कि गौतम अडानी ने दो सीमेंट निर्माताओं के 6.5 बिलियन डॉलर के अधिग्रहण को फंड करने के लिए विदेशी बैंकों को अंबुजा सीमेंट और एसीसी में अपनी पूरी हिस्सेदारी (12.5 बिलियन डॉलर) गिरवी रख दी थी.

हालांकि, हाल ही में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को हुए नुकसान और कंपनियों के कर्ज के स्तर पर चिंताओं के बाद इसने कहा था कि उसने अंबुजा और एसीसी सीमेंट का कोई भी शेयर दोनों संपत्तियों को पुनर्वित करने के लिए गिरवी नहीं रखा है.

समूह ने कहा कि उसने 51,825 करोड़ रुपये में अंबुजा और एसीसी का अधिग्रहण किया था, जिसमें से 69 प्रतिशत (35,885 करोड़ रुपये) विदेशी उधार के माध्यम से वित्तपोषित किया गया था.

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने अखबार को यह भी बताया कि समूह अपने ऋणदाताओं के साथ चर्चा कर रहा है, जिन्होंने कंपनी के शेयरों को रखकर उधार दिया है, और समूह ने उन्हें सूचित किया है कि वह जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त प्रतिभूतियां प्रदान करेगा.

साथ ही, रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह छोटे ऋणों को चुकाने पर विचार कर रहा है.

कंपनी की योजनाओं से परिचित लोगों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि 500 मिलियन डॉलर के ऋण पर मार्च का 37 मिलियन डॉलर का ब्याज भुगतान नकद में पहले निपटाने की संभावना है.

समूह की योजनाओं से परिचित लोगों में से एक ने अखबार को बताया, हालांकि कंपनी ने इन गिरवियों पर मार्जिन कॉल का सामना नहीं किया है, लेकिन इसने अपने उधारदाताओं को सूचित किया है कि वह सक्रिय रूप से पूर्व-भुगतान पर विचार कर रहा है.

मार्जिन कॉल की नौबत तब आती है जब एक मार्जिन खाते में निधियां कम हो जाती हैं, आम तौर पर घाटे के व्यापार के कारण जब खाते की प्रतिभूतियों की कीमत कम हो जाती है. मार्जिन कॉल रखरखाव की आवश्यकता तक मार्जिन खाते को लाने के लिए अतिरिक्त पूंजी या प्रतिभूतियों की मांग करते हैं.

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