‘परीक्षा पे चर्चा’ के पांच कार्यक्रमों पर 28 करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च हुए: सरकार

‘परीक्षा पे चर्चा’ एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं. छात्रों के साथ प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम पहली बार 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था.

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PM interacting with the students, teachers and parents, during the 6th edition of ‘Pariksha Pe Charcha 2023’, at Talkatora Stadium, in New Delhi on January 27, 2023.

‘परीक्षा पे चर्चा’ एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं. छात्रों के साथ प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम पहली बार 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था.

बीते 27 जनवरी को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा के छठे संस्करण के दौरान छात्रों के साथ बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ किए जाने वाले संवाद ‘परीक्षा पे चर्चा’ के पहले पांच कार्यक्रमों पर 28 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं.

शिक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी है.

इस कार्यक्रम का छठा संस्करण बीते 27 जनवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित हुआ था.

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 2018 में ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम पर 3.67 करोड़ रुपये, 2019 में 4.93 करोड़ रुपये, 2020 में 5.69 करोड़ रुपये, 2021 में 6 करोड़ रुपये और 2022 में 8.61 करोड़ रुपये खर्च हुए.

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम पर वर्ष-वार खर्च की गई राशि. (स्रोत: लोकसभा)

मंत्री के जवाब में इस साल के आयोजन पर खर्च का ब्योरा नहीं है.

परीक्षा पे चर्चा एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के साथ बातचीत करते हैं. छात्रों के साथ प्रधानमंत्री का यह कार्यक्रम पहली बार 16 फरवरी, 2018 को आयोजित किया गया था.

इस वर्ष इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रिकॉर्ड 38 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था. पिछले साल पंजीकरण की संख्या कम से कम 15 लाख से अधिक थी.

लोकसभा सदस्य माला राय ने यह सवाल पूछा था. इसके अलावा उन्होंने यह जानकारी भी मांगी थी कि पिछले पांच वर्षों के दौरान सरकार द्वारा प्रायोजित स्कूलों के वार्षिक बजट का वर्ष-वार ब्योरा क्या है?

इसके जवाब में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची में एक विषय है और अधिकांश स्कूल राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में हैं. राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित स्कूलों के वार्षिक बजट का डाटा केंद्रीय स्तर पर एकत्रित या संकलित नहीं किया जाता है. जहां तक केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय संगठन का संबंध है, पिछले पांच वर्षों के वार्षिक बजट का विवरण नीचे दिया गया है.

केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के बजट का वर्ष-वार ब्योरा. (स्रोत: लोकसभा)

उनके अनुसार, केंद्रीय विद्यालयों का बजट वर्ष 2017-18 में 4997.25 करोड़ रुपये, 2018-19 में 5006.75 करोड़ रुपये, 2019-20 में 6331.40 करोड़ रुपये, 2020-21 में 6437.68 करोड़ रुपये और वर्ष 2021-22 में 6800 करोड़ रुपये था.

वहीं, नवोदय विद्यालयों का बजट वर्ष 2017-18 में 3185 करोड़ रुपये, 2018-19 में 3213 करोड़ रुपये, 2019-20 में 3387.60 करोड़ रुपये, 2020-21 में 3480 करोड़ रुपये और वर्ष 2021-22 में 3740 करोड़ रुपये था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)