मीडिया संगठनों ने महाराष्ट्र के पत्रकार की हत्या की न्यायिक जांच की मांग की

महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक स्थानीय दैनिक अख़बार में कथित आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भू-एजेंट पंढरीनाथ आंबेरकर से संबंधित ख़बर छपने के बाद इसे लिखने वाले पत्रकार शशिकांत वारिशे को कथित तौर पर कार से कुचलकर मार दिया गया था. यह कार कथित तौर पर आरोपी ही चला रहा था. पुलिस से उसे गिरफ़्तार कर लिया है.

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Shashikant Warishe. In the background is his report for the 'Mahanagri Times'. Photos: By arrangement.

महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक स्थानीय दैनिक अख़बार में कथित आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भू-एजेंट पंढरीनाथ आंबेरकर से संबंधित ख़बर छपने के बाद इसे लिखने वाले पत्रकार शशिकांत वारिशे को कथित तौर पर कार से कुचलकर मार दिया गया था. यह कार कथित तौर पर आरोपी ही चला रहा था. पुलिस से उसे गिरफ़्तार कर लिया है.

शशिकांत वारिशे. बैकग्राउंड में ‘महानगरी टाइम्स’ में छपी उनकी रिपोर्ट. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

नई दिल्ली/मुंबई: मीडिया संगठनों ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में पत्रकार शशिकांत वारिशे की हत्या की न्यायिक जांच कराने की बृहस्पतिवार को मांग की.

7 फरवरी को रत्नागिरी के एक स्थानीय दैनिक अखबार के मुख्य पृष्ठ पर एक कथित आपराधिक पृष्ठभूमि वाले भू-एजेंट पंढरीनाथ आंबेरकर से संबंधित खबर छपने के कुछ घंटों बाद ही खबर लिखने वाले पत्रकार शशिकांत वारिशे को कथित तौर पर कार से कुचलकर मार दिया गया था.

नई दिल्ली से जारी एक संयुक्त बयान में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, प्रेस एसोसिएशन और दिल्ली पत्रकार संघ ने इस बर्बर अपराध की निंदा की और हाईकोर्ट के किसी मौजूदा न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मीडिया संगठनों की ओर से कहा गया, ‘इस नृशंस हत्या ने नागरिक स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी के मानकों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. केवल एक उच्चस्तरीय न्यायिक जांच ही तथ्यों को सामने ला सकती है और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है.’

मराठी अखबारों के लिए लिखने वाले शशिकांत वारिशे ने ‘बारसु में पेट्रोलियम रिफाइनरी के लिए स्थानीय प्रतिरोध’ पर प्रकाश डालते हुए कई रिपोर्ट लिखी थीं.

रत्नागिरी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना, जिसे पहले तटीय कोंकण में रत्नागिरी जिले के नानार गांव में बनाया जाना प्रस्तावित था, को 2019 के चुनावों से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के तत्कालीन गठबंधन सहयोगी शिवसेना के कहने पर रद्द कर दिया गया था.

द हिंदू के मुताबिक, मीडिया संगठनों की ओर से कहा गया, ‘शशिकांत की जघन्य हत्या से पूरे देश में सदमे की लहर फैल गई है. कोंकण में एक विवादास्पद रिफाइनरी परियोजना पर एक खुलासे के एक दिन बाद 7 फरवरी, 2023 को रत्नागिरी में एक पेट्रोल स्टेशन के अंदर उन्हें कुचल दिया गया था. आरोपी भू-एजेंट पंढरीनाथ आंबेरकर, जिसके बारे में सोमवार (6 फरवरी) को शशिकांत ने अपनी रिपोर्ट में प्रकाश डाला था, कथित तौर पर एसयूवी चला रहा था. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर हत्या का आरोप लगाया गया है.’

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को भी पत्रकार के परिवार के लिए उपयुक्त अनुग्रह राशि की घोषणा करनी चाहिए और परिवार के सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.

बयान में कहा गया है कि आरोपी आंबेरकर को रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स परियोजना का समर्थक माना जाता था, जिसके बारे में शशिकांत वारिशे एक मराठी अखबार में कई रिपोर्ट लिख चुके थे.

बयान में कहा, ‘यह भी चिंताजनक है कि आरोपी को तस्वीरों में कई शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ राज्य के लोगों के साथ देखा गया है. रिफाइनरी परियोजना पर उनकी रिपोर्ट को स्थानीय निवासियों का समर्थन मिला था, जो परियोजना और भूमि अधिग्रहण के विरोध में थे.’

वहीं, मुंबई प्रेस क्लब ने आरोप लगाया कि आरोपी पंढरीनाथ आंबेरकर रिफाइनरी के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध करने वालों को धमकियां देता और परेशान करता है. उन्होंने राज्य सरकार से मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

क्लब द्वारा बयान में कहा गया है, ‘यद्यपि स्थानीय पुलिस ने आंबेरकर को गिरफ्तार कर लिया है, महाराष्ट्र सरकार को हत्या की व्यापक जांच का आदेश देने की आवश्यकता है. इसमें संभावित साजिश की जांच शामिल होनी चाहिए, जिसमें कॉरपोरेट तत्व शामिल हो सकते हैं, ताकि स्थानीय विरोध का गला घोंटा जा सके.’

इसने कहा, ‘मुंबई प्रेस क्लब मांग करता है कि हत्या की सभी कोणों से जांच की जाए और आरोपी आंबेरकर के साथ-साथ उन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाए, जिन्होंने हत्या को अंजाम देने की साजिश रची है. क्लब शशिकांत वारिशे के परिवार को भी हरसंभव मदद की मांग करता है.’

महाराष्ट्र: पत्रकारों का मंत्रालय पर प्रदर्शन, आरोपी के खिलाफ मकोका लगाने की मांग

पत्रकार शशिकांत वारिशे की हत्या के विरोध में शुक्रवार को मुंबई भर के पत्रकार मंत्रालय में गांधीजी की प्रतिमा के पास एकत्रित हुए.

महानगर के दक्षिण में स्थित राज्य सचिवालय में शुक्रवार दोपहर के समय एकत्र हुए प्रदर्शनकारी पत्रकारों ने मांग की कि मुकदमे की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में की जाए और आरोपियों को कड़ी सजा दी जाए.

विरोध में भाग लेने वालों ने कहा कि हत्या में शामिल लोगों के साथ-साथ इसके पीछे की बड़ी साजिश को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के माध्यम से उजागर किया जाना चाहिए और आरोपी पर कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) लगाया जाना चाहिए.

विधिमंडल और मंत्रालय पत्रकार संघ के सचिव प्रवीण पुरो ने वारिशे के परिजनों को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की मांग की है.

पुलिस ने गवाहों के बयान दर्ज किए

पुलिस ने महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के राजापुर शहर में जमीन कारोबारी द्वारा पत्रकार की कथित हत्या को लेकर कम से कम 30 लोगों के बयान दर्ज किए हैं.

ऐसा आरोप है कि इलाके में तेल रिफाइनरी लगाने के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध करने वालों को पंढरीनाथ आंबेरकर धमकी दिया करता था. पुलिस ने उसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है.

स्थानीय पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘हमने कुछ प्रत्यक्षदर्शियों सहित करीब 30 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. पत्रकारों पर हमले से जुड़े कानून के प्रावधानों के तहत इस मामले की जांच पुलिस उपाधीक्षक कर रहे हैं.’

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रत्नागिरी के पुलिस अधीक्षक धनंजय कुलकर्णी ने कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 13 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.

रत्नागिरी की राजापुर पुलिस ने शुरू में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में पुलिस ने आरोपी आंबेरकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 जोड़ दी.

इसी बीच, महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता अजीत पवार ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा, ‘इस मामले की जांच होनी चाहिए, वास्तव में क्या हुआ था, अगर यह जान-बूझकर किया गया तो इसका मास्टरमाइंड कौन है, इन सभी कोणों की जांच की जानी चाहिए.‘

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)