बीबीसी के दिल्ली और मुंबई के दफ़्तरों में आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद विपक्ष ने कहा कि बीते दिनों गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका संबंधी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर केंद्र सरकार प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है. कांग्रेस ने कहा कि इस कार्रवाई से सरकार की हताशा दिखाई दे रही है.
नई दिल्ली: एक ओर बीबीसी के कार्यालयों पर आयकर विभाग के सर्वे का जहां विपक्ष ने विरोध किया है और इसे केंद्र सरकारी की डराने व धमकाने की रणनीति करार देते हुए अलोकतांत्रिक और तानाशाह रवैया बताया है, तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका बचाव किया है और ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर पर भारत के खिलाफ द्वेष की भावना से रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भाजपा ने बीबीसी को ‘भ्रष्ट बकवास कॉरपोरेशन’ नाम दिया है और आरोप लगाया है कि उसका भारत के खिलाफ द्वेष के साथ काम करने का दागदार और काला इतिहास रहा है.
इस बीच, विपक्ष ने आयकर कार्रवाई को मोदी पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा है. बता दें कि बीते माह बीबीसी ने ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन‘ नामक दो भागों की एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विभाजनकारी बताया था. साथ ही, 2002 के गुजरात दंगों में उनकी सीधी संलिप्तता की बात कही थी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘मोदी सरकार में बार-बार प्रेस की आजादी पर हमला हो रहा है. यह आलोचनात्मक आवाजों को दबाने के लिए बेशर्मी और बना किसी पश्चाताप के साथ किया जाता है. अगर संस्थानों का इस्तेमाल विपक्ष और मीडिया पर हमला करने के लिए किया जाता है तो कोई भी लोकतंत्र जीवित नहीं रह सकता है. लोग इसका विरोध करेंगे.’
Time and again, there has been an assault on freedom of Press under Modi Govt.
This is done with brazen & unapologetic vengeance to strangulate remotely critical voices.
No Democracy can survive if institutions are used to attack Opposition & Media.
People WILL resist this.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 14, 2023
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘(आईटी कार्रवाई) से हताशा की बू आती है और यह दिखाती है कि मोदी सरकार आलोचना से डरती है. हम डराने-धमकाने के इन हथकंडों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. यह अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया अब और नहीं चल सकता है.’
The IT raid at BBC’s offices reeks of desperation and shows that the Modi government is scared of criticism.
We condemn these intimidation tactics in the harshest terms. This undemocratic and dictatorial attitude cannot go on any longer.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) February 14, 2023
कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, ‘हम अडानी मामले में एक संयुक्त संसदीय समिति की स्थापना की मांग कर रहे हैं और सरकार बीबीसी के पीछे पड़ी है.’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, ‘सभी नागरिकों और संगठनों के लिए सरकार का संदेश है ‘हद में रहो, वरना.’
उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रेस की स्वतंत्रता की सरकार की परिभाषा है- हम एक स्वतंत्र देश हैं, आप तब तक अपनी राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, जब तक वो मेरे विचारों से मेल खाता हो.’
सभी नागरिकों और संगठनों के लिए सरकार का संदेश है “हद में रहो, वरना”
प्रेस की स्वतंत्रता की सरकार की परिभाषा है “हम एक स्वतंत्र देश हैं, आप तब तक अपनी राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, जब तक वो मेरे विचारों से मेल खाता हो”
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) February 14, 2023
उन्होंने आगे लिखा, ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल और ऑक्सफैम को बंद करने के बाद, बीबीसी कतार में है. बेहद शर्मनाक!’
माकपा ने कार्रवाई को डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने के चलते बीबीसी को डराने और प्रताड़ित करने का खुला प्रयास करार दिया. सीपीआई ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री ने मोदी सरकार को नाराज कर दिया है, जिसने विश्वविद्यालयों और अन्य स्थानों पर इसका प्रसारण नहीं होने दिया.
माकपा ने कहा, ‘आयकर विभाग और अन्य एजेंसियों द्वारा छापेमारी के माध्यम से भारतीय मीडिया को डराना मोदी सरकार की एक रणनीति है. जिसका दायरा अब भारत में काम कर रहे विदेशी मीडिया उद्यम तक बढ़ा दिया गया है.यह प्रतिरोधी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार की छवि को एक सत्तावादी शासन के रूप में मजबूत करेगी जो मीडिया की आलोचना को दबाने की कोशिश करती है.’
भाकपा ने कहा कि मोदी सरकार ‘उन सभी पर हमला करने के लिए कुख्यात हो गई है जो उसकी सांप्रदायिक-फासीवादी नीतियों की आलोचना करते हैं और उन्हें उजागर करते हैं.’
बहुजन समाज पार्टी (बसपा), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और पीडीपी ने भी भारत सरकार की आलोचना की.
बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने कहा, ‘अडानी के दफ़्तर आईटी, ईडी, सीबीआई अभी तक कोई नहीं पहुंचा लेकिन बीबीसी के दिल्ली ऑफिस में आयकर विभाग की टीम छापेमारी के लिए पहुंच गई. भारत में प्रेस की बची-खुची स्वतंत्रता पर यह ताजा हमला विश्व प्रेस सूचकांक में हमारा स्थान 150वें पायदान से भी नीचे गिराएगा इतना तो तय है.’
अदाणी के दफ़्तर IT, ED, CBI अभी तक कोई नहीं पहुँचा लेकिन बीबीसी के दिल्ली ऑफिस में आयकर विभाग की टीम छापेमारी के लिये पहुँच गई। भारत में प्रेस की बची खुची स्वतंत्रता पर यह ताज़ा हमला विश्व प्रेस सूचकांक में हमारा स्थान 150वें पायदान से भी नीचे गिरायेगा इतना तो तय है।@BBCBreaking
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) February 14, 2023
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘बीबीसी कार्यालय पर छापे का कारण और प्रभाव बिल्कुल स्पष्ट है. सच बोलने वालों को भारत सरकार बेशर्मी के साथ परेशान कर रही है, इस मामले में फिर वह चाहे विपक्षी नेता हों, मीडिया हो या कार्यकर्ता या कोई और. सच के लिए लड़ने की कीमत चुकानी पड़ती है.’
Cause & effect of raids on the BBC Office is quite obvious. GOI is brazenly hounding those who speak the truth. Be it opposition leaders, media, activists or anyone else for that matter. The gloves are off & there is a price one pays for fighting for truth. https://t.co/VPUnEs27EB
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 14, 2023
वहीं, आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि आईटी कार्रवाई से पता चलता है कि मोदी ‘तानाशाही के चरम’ पर पहुंच गए हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला जनता की आवाज़ दबाने के बराबर है. जो भी भाजपा के ख़िलाफ़ बोलता है, उसके पीछे ये लोग आईटी, सीबीआई और ईडी को छोड़ देते हैं.’
मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला जनता की आवाज़ दबाने के बराबर है। जो भी भाजपा के ख़िलाफ़ बोलता है उसके पीछे ये लोग IT, CBI और ED को छोड़ देते हैं।
क्या भाजपा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्थाओं को कुचलकर पूरे देश को अपना गुलाम बनाना चाहती है?
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 15, 2023
उन्होंने लिखा, ‘क्या भाजपा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्थाओं को कुचलकर पूरे देश को अपना गुलाम बनाना चाहती है?’
इस बीच, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह आयकर कार्रवाई को लेकर बेहद चिंतित है, और इसे सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान की आलोचना करने वाले मीडिया समूहों को डराने और प्रताड़ित करने के लिए सरकारी एजेंसियों के इस्तेमाल की लगातार जारी प्रवृत्ति करार दिया.
अन्य मीडिया संगठनों ने भी बीबीसी पर ‘आयकर सर्वे’ की निंदा करते हुए इसे ‘प्रतिशोध की कार्रवाई’ करार दिया.
वहीं, आयकर विभाग का ऑपरेशन शुरू होने के तुरंत बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ‘बीबीसी का प्रोपेगेंडा और कांग्रेस का एजेंडा एक ही लाइन पर हैं.’
उन्होंने दोनों पर ‘राष्ट्रविरोधी ताकतों’ का समर्थन करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आयकर कर्मियों ने ‘कानूनन’ सर्वे किया था.
भाटिया ने आरोप लगाया, ‘बीबीसी ने एक कार्यक्रम हमारे देश के खिलाफ सबसे अधिक द्वेषपूर्ण हमला किया है. कार्यक्रम प्रस्तोता ने कश्मीर में सक्रिय एक आतंकवादी संगठन के एक कमांडर (मारे गए लश्कर कमांडर बुरहान वानी) को एक करिश्माई युवा आतंकवादी के रूप में संदर्भित किया … यह किस तरह की पत्रकारिता है? आप (बीबीसी) भारत में काम कर रहे हैं लेकिन हमारे संविधान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि एक अन्य रिपोर्ट में बीबीसी ने हमारे आदर्शों का अपमान किया है. यह दिखाता है कि बीबीसी भारत पर द्वेषपूर्ण सतही पत्रकारिता करता है. बीबीसी भारत में काम करना चाहता है, फिर भी देश के आदर्शों का सम्मान करने से इनकार करता है.’
उन्होंने कहा, ‘बीबीसी, अपनी गतिविधियों के चलते, दुनिया में सबसे ‘भ्रष्ट बकवास कॉरपोरेशन’ बन गया है… बीबीसी को भारत में पत्रकारिता करने का पूरा अधिकार है, लेकिन उसे देश के कानून का पालन करना होगा. अगर वे देश के कानून का पालन कर रहे हैं तो डर क्यों रहे हैं.’