एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर के 30 से अधिक चुनावों में हस्तक्षेप करने की आशंका वाले इज़रायली कॉन्ट्रैक्टर की एक टीम को भारत सहित कई देशों में नकली सोशल मीडिया अभियान संचालित करने के लिए सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया था.
नई दिल्ली: कांग्रेस ने भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप करने और गलत सूचना फैलाने के लिए एक इजरायली फर्म की सेवाओं के संभावित उपयोग की जांच की मांग की.
द गार्जियन अखबार में पेरिस स्थित फॉरबिडन स्टोरीज़ द्वारा सहायता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों के सहयोग से प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया भर के 30 से अधिक चुनावों में हस्तक्षेप करने की आशंका वाले इजरायली कॉन्ट्रैक्टर की एक टीम को भारत सहित कई देशों में नकली सोशल मीडिया अभियान संचालित करने के लिए सॉफ्टवेयर से जोड़ा गया था.
रिपोर्ट में एक कथित ‘टीम जॉर्ज’ के अस्तित्व की बात सामने आई है, जो ग्राहकों को इसकी एक प्रमुख सेवा के रूप में एडवांस्ड इम्पैक्ट मीडिया सॉल्यूसंस (एम्स) नामक जटिल सॉफ्टवेयर पैकेज की कथित पेशकश से जुड़ी हुई है.
‘टीम जॉर्ज’ पर हैकिंग, गड़बड़ करने और स्वचालित गलत जानकारी ऑनलाइन करने जैसे तरीकों का इस्तेमाल करने के आरोप हैं.
एक पत्रकार संघ (Journalist Consortium) द्वारा की गई एक अंतरराष्ट्रीय पड़ताल – जिसमें ब्रिटेन का द गार्जियन अखबार भी शामिल था – में कहा गया है कि पिछले साल कई महीनों तक जांच में अपने रिपोर्टिंग भागीदारों के साथ अखबार ने इंटरनेट पर ‘एम्स’-लिंक्ड बॉट गतिविधियों पर नजर रखी और पाया कि करीब 20 देशों, जिनमें ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, मेक्सिको, सेनेगल, भारत और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल थे, में फर्जी सोशल मीडिया अभियानों के पीछे इसका (टीम जॉर्ज) हाथ था.
हालांकि, जांच में भारत के बारे में क्या पता चला है, उसका विवरण अभी तक सामने नहीं आया है.
बीते बृहस्पतिवार (16 फरवरी) को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजरायली इकाई ‘टीम जॉर्ज’ की तुलना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल के साथ की.
टीम जॉर्ज ने कथित तौर पर नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल की एक विशाल सेना तक पहुंच के लिए हैकिंग सेवाओं को बेचा ताकि ट्विटर, लिंक्डइन, फेसबुक, टेलीग्राम, जी-मेल, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर राय को प्रभावित किया जा सके.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘हमने भारत में एक पैटर्न देखा है. हम चाहते हैं कि सरकार अपनी चुप्पी तोड़े और बताए कि देश में लोकतंत्र को बचाने में उसका क्या योगदान रहा है. यह (टीम जॉर्ज) भारत की चुनावी प्रक्रिया को सीधे प्रभावित करता है और इसकी जांच होनी चाहिए.’
श्रीनेत कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम की प्रमुख भी हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘अगर सरकार इस पर कुछ नहीं कर रही है तो इसका मतलब है कि वह देश के लोकतंत्र और चुनाव में दखल देने के लिए मदद मांग रही है. एक विदेशी फर्म को सौंपकर भारतीयों के डेटा से समझौता किया जा रहा है.’
इंडिया टुडे के अनुसार, श्रीनेत ने कहा, ‘हम पूछना चाहते हैं कि क्या सरकार इस मामले में जांच कराने का इरादा रखती है? क्या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होगी?’
– फेक न्यूज
– फर्जी अकाउंट्स
– हैकिंगये कुछ ऐसे साइबर हथियार हैं जिनका इस्तेमाल कर इजरायल के साइबर माफिया भारत में चुनाव के नतीजों को प्रभावित करते हैं।
ऐसे में सवाल पूछना जरूरी है कि भारत में इनकी मदद कौन ले रहा है?
वैसे इसका जवाब पूरा देश जानता है। pic.twitter.com/OQxglWAGoe
— Congress (@INCIndia) February 16, 2023
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि भारत के लोकतंत्र को भारत की ही सत्ताधारी पार्टी द्वारा ‘हाइजैक’ किया जा रहा है.
खेड़ा ने कहा, ‘देश के लोकतंत्र को प्रभावित करने के लिए एक इजरायली एजेंसी की मदद ली जा रही है. भारत में बैठकर वे दूसरे देशों के साथ मिलकर देश के लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रच रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब नरेंद्र मोदी सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए विदेशी कंपनियों या प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है, इससे पहले कैम्ब्रिज एनालिटिका और पेगासस के इस्तेमाल के आरोप लगे थे.
उन्होंने सवाल, ‘क्या पोस्ट कार्ड न्यूज़ और टीम जॉर्ज के बीच कोई लिंक है. इजराइली की टीम जॉर्ज सोशल मीडिया पर हैकिंग, गड़बड़ी और गलत सूचनाओं का उपयोग करके दुनिया भर में 30 से अधिक चुनावों में हेरफेर करने का दावा करती है?’
उन्होंने आगे कहा, ‘इजरायलियों द्वारा अपनाए गए दुष्प्रचार और फर्जी समाचार अभियानों के पैटर्न को सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा बहुत स्पष्ट रूप से दिखाया गया है.’
दोनों कांग्रेस नेताओं ने भारत में फैलाए जा रहे राजनीतिक दुष्प्रचार के उदाहरण भी दिए.
खेड़ा ने कहा, ‘क्या यह सच नहीं है कि भाजपा ने पिछले चार-पांच महीनों में भारत जोड़ो यात्रा को बार-बार निशाना बनाने के लिए फर्जी खबरों का इस्तेमाल किया और हमेशा पकड़ी गई? क्या मोदी सरकार नवीनतम मामले की जांच करेगी, जिसने भारतीय राजनीति को प्रभावित किया है, जिसमें एक बार फिर विदेशी ठेकेदार शामिल हैं, जो सोशल मीडिया पर हैकिंग, हेराफेरी और स्वचालित गलत सूचना फैलाने में लिप्त हैं?’