घटना पश्चिम बंगाल के मालदा ज़िले के एक स्कूल में हुई. ज़िला प्रशासन ने परिजनों के आरोप की जांच के आदेश दिए हैं. छात्रों के माता-पिता का आरोप था कि मिड-डे मील के तहत चिकन परोसे जाने वाले दिन शिक्षक लेग-पीस और अन्य बेहतर हिस्से ख़ुद रख लेते थे और बचे-खुचे हिस्सों को बच्चों को परोसा जाता था.
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के एक स्कूल में मिड-डे मील में चिकन परोसे जाने को लेकर विवाद हो गया. यह घटना जिले के इंग्लिश बाजार इलाके में स्थित अमृत प्राथमिक स्कूल में हुई.
चिकन के सभी अच्छे हिस्सों को अपने पास रखने और बचे-खुचे हिस्सों को छात्रों को परोसे जाने पर शिक्षकों से नाराज बच्चों के माता-पिता ने बीते बृहस्पतिवार (16 फरवरी) को उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने परिजनों के आरोप की जांच के आदेश दिए हैं. बच्चों के माता-पिता ने यह कहते हुए संस्थान के परिसर पर धावा बोल दिया कि शिक्षक छात्रों को चिकन की गर्दन, जिगर और पेट के हिस्सों को परोसते हैं, जबकि लेग-पीस और मांस के अन्य बेहतर हिस्से खुद ले लेते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक उस दिन ‘पिकनिक के मूड’ में होते हैं, जिस दिन चिकन को मिड-डे मील का हिस्सा बनाया जाना होता है. वे बेहतर गुणवत्ता वाले चावल का उपयोग करके इसे अलग से पकाते हैं.
स्कूल में परेशानी तब शुरू हुई, जब चिकन करी परोसे जाने वाले दिन छात्र निराश होकर घर लौटे और शिकायत की कि उन्हें चिकन के बचे-खुचे हिस्से परोसे गए. इसके बाद छात्रों के माता-पिता स्कूल पहुंच गए और शिक्षकों से इस बात की शिकायत की.
रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई. इसके बाद छात्रों के माता-पिता छह शिक्षकों को जबरन एक कमरे में ले गए और बाहर से दरवाजा बंद कर लिया. शिक्षकों को चार घंटे से अधिक समय तक कमरे में बंद रखा गया.
एक अधिकारी ने कहा कि बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप कर शिक्षकों को मुक्त कराया. उन्होंने कहा कि शिक्षकों पर बेहतर गुणवत्ता का चावल और चिकन लेग पीस का उपयोग करके अलग से खाना पकाने का आरोप लगाया गया था.
स्कूल के प्रभारी शिक्षक ने घटना पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
स्थानीय ग्राम पंचायत के सदस्य निखिल सिंघा ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षक छात्रों को राज्य सरकार द्वारा आपूर्ति किए गए भोजन से वंचित कर रहे हैं.’
जिला प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष बसंती बर्मन ने कहा कि स्कूल निरीक्षक (प्राथमिक) को मामले की जांच करने के लिए कहा गया है.