हरियाणा सरकार के हज़ारों कर्मचारियों ने रविवार को पंचकुला में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के आवास के पास ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली के लिए प्रदर्शन किया. पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने दावा किया कि प्रदर्शन में लगभग 70 हज़ार कर्मचारी एकत्र हुए थे. खट्टर कुछ दिनों पहले एक वॉट्सऐप संदेश का हवाला देते हुए कह चुके हैं कि ओपीएस लाने से देश 2030 तक दिवालिया हो जाएगा.
नई दिल्ली: हरियाणा सरकार के हजारों कर्मचारी रविवार को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे और पंचकुला में मुख्यमंत्री एमएल खट्टर के आवास के पास विरोध-प्रदर्शन किया.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच सरकारी कर्मचारियों प्रदर्शन किया, जहां पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए वॉटर कैनन से पानी की बौछार भी की.
पेंशन बहाली संघर्ष समिति प्रवक्ता प्रवीण देशवाल ने दावा किया कि रविवार के प्रदर्शन में सत्तर हजार के करीब कर्मचारी एकत्र हुए थे. उन्होंने कहा, ‘राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना बहाल हो चुकी है. यह भाजपा सरकार कर्मचारियों से बात नहीं करती है. हम अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे.’
Haryana, Panchkula | Around 70,000 employees have gathered today to protest. In Rajasthan, the Old Pension Scheme has been implemented. This BJP govt doesn't talk to the employees. We will continue our peaceful protest: Praveen Deshwal, spox, Pension Bahali Sangharsh Samiti pic.twitter.com/LHJVWVvRyY
— ANI (@ANI) February 19, 2023
ज्ञात हो कि पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन मिलती है. इसके तहत कर्मचारी को अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलने का प्रावधान है. हालांकि पेंशन की राशि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत अंशदायिता वाली होती है जो 2004 से प्रभाव में है.
साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ओपीएस को बंद करने का फैसला करते हुए न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की शुरुआत की थी. एक अप्रैल, 2004 से केंद्र सरकार की सेवा (सशस्त्र बलों को छोड़कर) में शामिल होने वाले सभी नए कर्मचारियों पर लागू होने वाली यह योजना एक भागीदारी योजना है, जहां कर्मचारी सरकार के साथ मिल-जुलकर अपने वेतन से पेंशन कोष में योगदान करते हैं.
पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने एनपीएस लागू किया था. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में ओपीएस एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उभरा था. दिसंबर 2022 में केंद्र सरकार ने बताया था कि इसकी ओपीएस बहाल करने की कोई योजना नहीं है. अब तक पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की बात कही है.
हालांकि, समय-समय पर कई कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए प्रदर्शन करते रहे हैं. नवंबर 2022 में केंद्र सरकार के कर्मचारी यूनियन के एक महासंघ ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग करते हुए कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि नई पेंशन योजना सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे में आपदा के समान है.
दैनिक भास्कर के अनुसार, रविवार के प्रदर्शन के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री कार्यालय से आश्वासन मिलने के बाद प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की भूख हड़ताल जारी है. कर्मचारियों का कहना है कि जब सरकार ओपीएस को लेकर रुख स्पष्ट करेगी उसके बाद वे आगे की रणनीति बनाएंगे.
मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री खट्टर को एक वीडियो में यह कहते हुए देखा गया था कि ‘अगर ओपीएस को लागू किया गया तो 2030 तक देश दिवालिया हो जाएगा.’
#WATCH | "Yesterday I got a message on Whatsapp where a Central govt official said that if the Old Pension Scheme (OPS) is implemented then the country will go bankrupt by 2030," says Haryana CM Manohar Lal Khattar in Chandigarh(02.02) pic.twitter.com/d2RmHFaZjR
— ANI (@ANI) February 2, 2023
एएनआई द्वारा जारी वीडियो में खट्टर कह रहे थे, ‘कल ही मेरे पास वॉट्सऐप ग्रुप पर मैसेज आया है. उसमें एक केंद्र के अधिकारी ने लिखा था, उनका नाम भूल रहा हूं पर उसमें साफ तौर पर लिखा है कि अगर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया तो 2023 तक देश दिवालिया हो जाएगा. बिना संसद के इसको कोई लागू कर नहीं सकता है. यहां तक कि राजस्थान ने भी इस विषय को वापस ले लिया है कि हम इसको नहीं कर सकते.’
इस बीच विपक्ष ने आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर इसे मुद्दा बना लिया है. आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘अगली बार भाजपा को भगाकर ‘आप’ की सरकार बनाओ, हम ओपीएस लागू करेंगे, जैसे हमने पंजाब में किया.’
हरियाणा में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आई तो ओपीएस लाएगी.