बीते महीने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया था कि देश के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और असम राइफल्स में कॉन्स्टेबल/राइफलमैन के पद पर भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10% रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है. एक प्रावधान ऊपरी आयु सीमा में छूट और शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट का भी किया गया है.
नई दिल्ली: केंद्र ने गुरुवार रात एक राजपत्रित अधिसूचना जारी कर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में कॉन्स्टेबल (सामान्य ड्यूटी)/राइफलमैन के पद पर भर्ती में पूर्व-अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पिछले महीने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा को सूचित किया था कि देश के केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में कॉन्स्टेबल (सामान्य ड्यूटी)/राइफलमैन के पद पर भर्ती में पूर्व-अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियों को आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है. एक प्रावधान ऊपरी आयु सीमा में छूट और शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट का भी किया गया है.
वर्तमान में, 1 जनवरी 2023 तक 10,15,237 की कुल स्वीकृत शक्ति के मुकाबले सीएपीएफ और असम राइफल्स में रिक्त पदों की संख्या 83,127 है. बीएसएफ 19,987 कर्मियों की कमी का सामना कर रहा है. इसमें 464 राजपत्रित अधिकारियों (जीओ), 1,314 अधीनस्थ अधिकारियों (एसओ) और 18,209 पदों पर अन्य रैंक (ओआर) वालों की कमी है.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, पूर्व-अग्निवीरों को बीएसएफ में समावेश के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा से छूट दी जाएगी.
इसमें कहा गया है, ‘पूर्व अग्निवीरों के पहले बैच के उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु-सीमा में पांच वर्ष तक की छूट दी जाएगी, पूर्व-अग्निवीर उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु-सीमा में तीन वर्ष तक की छूट दी जाएगी.’
पिछले महीने राय ने राज्यसभा को यह भी बताया कि रिक्तियों को भरने के लिए मिशन मोड में भर्ती की जा रही है और इसे 2023 में पूरा करने की योजना है.
गौरतलब है कि अग्निवीर योजना के भारी विरोध के चलते बीते वर्ष सरकार ने विभिन्न नौकरियों में सेना से निकाले गए अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. जिसमें, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), रक्षा मंत्रालय एवं रक्षा संबंधी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा शामिल थी.
हालांकि, एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि एक तरफ जहां सरकार ‘अग्निपथ’ योजना के तहत नौकरी पाने वाले अग्निवीरों को चार साल की सेवा समाप्ति के बाद सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की बात कह रही है, कोटे के बावजूद पूर्व सैनिक सरकारी नौकरी से वंचित हैं.