भाजपा से कथित संबंधों वाला ठग गिरफ़्तार, पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा कर चुका था

जम्मू कश्मीर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के अधिकारियों और सुरक्षा बलों को बरगलाने वाले इस आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई है. आरोपी ने कम से कम तीन मौकों पर कश्मीर का दौरा किया. इस दौरान प्रशासन ने उन्हें ज़ेड-प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया था.

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श्रीनगर के लाल चौक पर सुरक्षाकर्मियों के साथ मौजूद किरण पटेल. (फोटो साभार: फेसबुक)

जम्मू कश्मीर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के अधिकारियों और सुरक्षा बलों को बरगलाने वाले इस आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई है. आरोपी ने कम से कम तीन मौकों पर कश्मीर का दौरा किया. इस दौरान प्रशासन ने उन्हें ज़ेड-प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया था.

श्रीनगर के लाल चौक पर सुरक्षाकर्मियों के साथ मौजूद किरण पटेल. (फोटो साभार: फेसबुक)

श्रीनगर: खुद का प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में एक वरिष्ठ अधिकारी बताने वाले गुजरात के व्यक्ति को जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार किया गया है. सुरक्षा बलों और अधिकारियों को चकमा देकर यह व्यक्ति इस दौरान कश्मीर की कई यात्राएं कर चुका था.

पिछले महीने बडगाम की यात्रा के दौरान वह संदेह के दायरे में आ गए, जिसके बाद बीते 3 मार्च को जम्मू कश्मीर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. जम्मू कश्मीर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के सुरक्षा बलों को बरगलाने वाले इस आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई है.

अधिकारियों ने कहा कि आरोपी किरण पटेल बीते शुक्रवार (17 मार्च) तक पुलिस हिरासत में था और अब उसे 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया है.

सूत्रों ने बताया कि किरण पटेल ने पिछले महीने (बडगाम जिले के) दूधपथरी पर्यटक रिसॉर्ट में अपनी फर्जी साख का प्रदर्शन किया था, जहां उन्होंने खुद को पीएमओ का एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हुए ‘एक उच्च स्तरीय बैठक के लिए यहां आने’ का दावा किया था.

सूत्रों ने कहा, ‘स्थानीय प्रशासन को संदेह हुआ, क्योंकि उस दिन किसी वीआईपी यात्रा या बैठक के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं थी. इसके अलावा आरोपी अपने सुरक्षा कवर का इस तरह से प्रदर्शन कर रहा था, जो पीएमओ के एक अधिकारी को शोभा नहीं देता.’

पटेल ने कथित तौर पर दूधपथरी रिसॉर्ट में मौजूद लोगों के सामने ‘डींग हांकी’ और उनसे ‘(बडगाम) उपायुक्त (Deputy Commissioner) को यह बताने के लिए कहा था उनसे (आरोपी) न मिलने और प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए एक सप्ताह के भीतर उनका तबादला करा दिया जाएगा.’

घटना की जानकारी होने के बाद सूत्रों ने बताया कि बडगाम के उपायुक्त ने ही संबंधित अधिकारियों को अलर्ट किया था.

बीते 2 मार्च को जम्मू कश्मीर पुलिस की खुफिया शाखा ‘आपराधिक जांच विभाग’ ने दूधपथरी में प्रकरण के बाद पटेल को एक ठग के रूप में सत्यापित किया था. इसके बा​द विभाग ने श्रीनगर पुलिस को यहां स्थित एक पांच सितारा होटल ‘ललित ग्रांड’ में उनकी उपस्थिति के बारे में बताया था.

पटेल अपनी यात्राओं के दौरान राजकीय अतिथि के रूप में श्रीनगर के इसी होटल में रहा करते थे.

सूत्रों ने कहा कि एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) के नेतृत्व में श्रीनगर की एक पुलिस टीम ने होटल में पटेल से पूछताछ की थी.

जम्मू कश्मीर पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘जैसा कि उनके जवाब संदिग्ध पाए गए, उन्हें निशात पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. उनके पास से 10 फर्जी विजिटिंग कार्ड और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं.’

पुलिस ने कहा कि उनके खिलाफ अहमदाबाद और वडोदरा के पुलिस थानों में 2017 से धोखाधड़ी, जालसाजी और विश्वासघात सहित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत तीन मामले दर्ज हैं.

पटेल के विजिटिंग कार्ड की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है, जिसमें उन्हें ‘अतिरिक्त निदेशक (रणनीति और अभियान) पीएमओ, नई दिल्ली’ के रूप में वर्णित किया गया है.

इसमें जनपथ रोड पर मीना बाग फ्लैट में उनके कथित दिल्ली के पते का भी उल्लेख है. सुनहरे रंग में एक प्रमुख राष्ट्रीय प्रतीक विजिटिंग कार्ड के बीच में बना हुआ है. कार्ड पर बिना कोई ब्योरा दिए दो संपर्क नंबर (मोबाइल नंबर) दिए गए हैं.

आरोपी किरण पटेल का विजिटिंग कार्ड. (फोटो साभार: फेसबुक)

अधिकारियों के अनुसार, आरोपी किरण पटेल ने कम से कम तीन मौकों पर कश्मीर का दौरा किया, जिसके दौरान प्रशासन ने उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया, जो कि सबसे अधिक जोखिम के दायरे में आने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है. इस श्रेणी में कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री और मुकेश अंबानी जैसे उद्योगपति आते हैं.

सूत्रों ने कहा कि बारामुला और बडगाम जिलों की यात्रा के दौरान दो से तीन एस्कॉर्ट वाहनों वाली एक बुलेटप्रूफ कार को आरोपी की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था.

उन्होंने बारामूला में नियंत्रण रेखा के पास अग्रिम इलाकों का भी दौरा किया और सोशल मीडिया पर उरी सेक्टर में कमन पोस्ट पर सेना के एक प्रतिष्ठान की तस्वीरें पोस्ट की थी.

बडगाम और बारामूला के दोनों जगहों के उपायुक्तों ने उनकी यात्राओं के घोषित उद्देश्य और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ हुईं बैठकों की प्रकृति के बारे में द वायर के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. द वायर को पता चला है कि आरोपी ने श्रीनगर में एक युवा भाजपा नेता से भी मुलाकात की थी.

ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें पटेल खुद को ‘पीएचडी (कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी, वर्जीनिया) एमबीए (आईआईएम त्रिची), एम.टेक (कंप्यूटर साइंस), बीई. कंप्यूटर (एलडी इंजीनियरिंग), विचारक, रणनीतिकार, विश्लेषक, अभियान प्रबंधक’ बताते हैं.

सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी के बीच इस वीडियो में उन्हें गुलमर्ग की बर्फ से ढकी ढलानों पर काले रंग के कपड़े पहने हुए देखा जा सकता है.

73 सेकंड के वीडियो को बैकग्राउंड में 1986 की बॉलीवुड फिल्म कर्मा के देशभक्ति गीत ‘दिल दिया है जान भी देंगे’ सुनाई देता है. माना जाता है कि किरण पटेल ने ‘पर्यटन क्षेत्र की समीक्षा’ के घोषित उद्देश्य से गुलमर्ग में एक बैठक की थी.

पुलिस के अनुसार, किरण पटेल ने जम्मू कश्मीर के नौकरशाहों के साथ कई बैठकें कीं, उन्हें सेब उत्पादन बढ़ाने, युवाओं को राष्ट्रीय निर्माण में शामिल करने के सपने बेचे और बागवानी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सेमिनार आयोजित किए.

अधिकारियों ने कहा कि पहले के एक दौरे के दौरान पटेल ने गुलमर्ग की यात्रा यह दावा करते हुए की कि सरकार ने उन्हें क्षेत्र में होटल सुविधाओं में सुधार करने का काम सौंपा है.

आरोपी ने 26 फरवरी को एक ट्वीट में लिखा, ‘गुलमर्ग की सुंदर घाटी पीर पंजाल रेंज के बर्फ से ढके शक्तिशाली पहाड़ों से घिरा स्वर्ग का एक छोटा सा टुकड़ा है. हरे-भरे घास के मैदान, गहरे खड्ड और चीड़ के जंगलों वाली पहाड़ियां, फूलों के इस घास के मैदान (गुलमर्ग का अर्थ) को एक अलौकिक बनाती हैं.’

पटेल के इंस्टाग्राम और ट्विटर एकाउंट उन्हें भाजपा समर्थक के रूप में चित्रित करते हैं. ट्विटर पर पटेल के पास एक पेड ट्विटर ब्लू टिक है और उन्हें हितेंद्रसिंह राजपूत फॉलो करते हुए, जिनके पास भी एक पेड ब्लू टिक है. हितेंद्र खुद को ‘वीएचपी गुजरात’ का प्रवक्ता बताते हैं. भाजपा से जुड़े एक वेरिफाइड एकाउंट ‘आरडब्ल्यू वॉइस’ भी ट्विटर पर पटेल को फॉलो करता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई वीडियो और तस्वीरें आरोपी पटेल द्वारा अपने इंस्टाग्राम एकाउंट पर साझा किए गए हैं, जहां उन्होंने खुद का इंजीनियर बताया है.

यह ब्योरा www.iammodified.com नाम की वेबसाइट से भी लिंक है, जो भाजपा समर्थकों द्वारा चलाया जाता है. 893 फॉलोअर्स वाले एकाउंट में दर्जन भर से अधिक वीडियो और तस्वीरें हैं, जिनमें पटेल कश्मीर में नजर आते हैं. 28 अक्टूबर, 2022 तक की इन तस्वीरों और वीडियों में से अधिकतर में वे सुरक्षा घेरे में हैं.

जम्मू कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘यह अविश्वसनीय और चौंकाने वाला है कि कैसे आरोपी ने बिना किसी संदेह के अपनी यात्राओं के दौरान नागरिक और सुरक्षा प्रशासन को अपने साथ ले लिया था.’

हालांकि इस महीने की शुरुआत में किरण पटेल की पोल खुल गई थी, लेकिन अधिकारी ने दावा किया कि वह पिछले कुछ समय से रडार पर थे.

यह भी चर्चा है कि पटेल हाल ही में कश्मीर यात्रा के दौरान अपने सुरक्षा दल के साथ एक मोबाइल-सिग्नल जैमर की मांग कर रहे थे, जो सुरक्षा प्रतिष्ठानों के गले नहीं उतरा. यह भी कहा जा रहा है कि पटेल पैसे के बदले नौकरी के वादे के साथ लोगों को ठगने के लिए जाल बिछा रहे थे.

कंटेंट क्रिएटर राहुल तहिलियानी ने दावा किया कि पटेल बीजेपी के सदस्य थे. तहिलियानी ने अपने वैरिफाइड ट्विटर अकाउंट पर पटेल की एक दर्जन तस्वीरें साझा कीं. एक तस्वीर में सदस्यता संख्या के साथ पटेल का भाजपा सदस्यता कार्ड भी दिख रहा है. एक दूसरी तस्वीर में पटेल को ‘नमो अगेन 2019’ भगवा रंग की टी-शर्ट पहने दिखाया गया है.

गुजरात स्थित समाचार वेबसाइट ‘वाइब्स ऑफ इंडिया’ के संस्थापक दीपल त्रिवेदी ने ट्विटर पर कहा कि पटेल ने दावा किया था कि वह 2014 में पीएम मोदी के ‘चाय पे चर्चा’ अभियान के पीछे के प्रमुख दिमागों में से एक थे.

वे कहती हैं, ‘वह अहमदाबाद में मणिनगर इलाके में रहता है. एक कट्टर आरएसएस कार्यकर्ता, कोविड के दौरान उसने लोगों की मदद करने के लिए एक समूह शुरू किया था, जिसमें दावा किया गया था कि पीएम मोदी ने उसे भेजा था, क्योंकि रूपाणी (तत्कालीन मुख्यमंत्री) पर्याप्त नहीं कर पा रहे थे.’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने हाल ही में G20 शिखर सम्मेलन के आयोजकों में से एक होने का भी दावा किया था! उनका उपनाम बंसी है और उनका कहना है कि उन्होंने 2002 में मणिनगर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव जीतने में मदद की थी. हमेशा अपने आरएसएस कनेक्शन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि वह 2014 के बाद दिल्ली चले गए.’

पटेल के वकील रेहान गौहर ने एनडीटीवी को बताया कि पटेल के साथ गए दो और लोगों को पुलिस ने रिहा कर दिया है. उन्होंने गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है.

एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि गुजरात के अमित हितेश पांडिया और जय सीतापारा और राजस्थान के त्रिलोक सिंह भी किरण पटेल के साथ होटल में ठहरे हुए थे.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने लिए यहां क्लिक करें