हरियाणा: भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत पर पत्रकार गिरफ़्तार, पत्रकार संगठनों ने विरोध जताया

हरियाणा के रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे सुमित कुमार ने पत्रकार जसपाल सिंह के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जुए के एक मामले में उनके पिता के नाम का कथित उल्लेख करते हुए वॉट्सऐप ग्रुप में और फेसबुक पर ख़बर पोस्ट की थी.

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हरियाणा के रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा (बाएं) मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ. (फोटो साभार: फेसबुक)

हरियाणा के रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे सुमित कुमार ने पत्रकार जसपाल सिंह के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने जुए के एक मामले में उनके पिता के नाम का कथित उल्लेख करते हुए वॉट्सऐप ग्रुप में और फेसबुक पर ख़बर पोस्ट की थी.

हरियाणा के रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा (बाएं) मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ. (फोटो साभार: फेसबुक)

चंडीगढ़: भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे की शिकायत पर शनिवार को फतेहाबाद के टीवी पत्रकार जसपाल सिंह की गिरफ्तारी की हरियाणा के पत्रकार संगठनों ने निंदा की है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, फतेहाबाद में रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे सुमित कुमार ने पत्रकार जसपाल सिंह के खिलाफ वॉट्सऐप ग्रुप और फेसबुक के जरिये अपने पिता को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

कुमार का आरोप है कि पत्रकार ने 16 मार्च को दर्ज जुए के एक मामले में उनके पिता के नाम के कथित ‘उल्लेख’ के संबंध में कई वॉट्सऐप ग्रुप में और फेसबुक पर खबर पोस्ट की थी, जबकि एफआईआर दर्ज होने के समय उनके पिता रतिया से दूर थे.

कुमार ने यह भी कहा कि एक और पत्रकार ने कथित तौर पर वॉट्सऐप ग्रुप में गलत पोस्ट डाली थी.

विधायक के बेटे ने आगे आरोप लगाया कि ‘अनुसूचित जाति के विधायक होने के नाते उनकी राजनीतिक छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है.’

मानहानि, एससी/एसटी एक्ट और आईटी एक्ट सहित विभिन्न आरोपों में पुलिस द्वारा सिंह को गिरफ्तार किए जाने के बाद पड़ोसी जिलों के पत्रकार अपनी आवाज उठाने के लिए शनिवार रात फतेहाबाद के उपायुक्त जगदीश शर्मा से मिलने पहुंचे.

गिरफ्तार पत्रकार की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए मीडियाकर्मियों ने एफआईआर रद्द करने की भी मांग की. बैठक के बाद उपायुक्त ने उनका ज्ञापन फतेहाबाद की एसपी आस्था मोदी को सौंप दिया. बाद में पत्रकारों ने एसपी से मुलाकात की.

ज्ञापन में पत्रकारों ने कहा कि सिंह को उनके घर से उठाया गया था. उन्होंने इसे पत्रकारिता पर हमला और स्वतंत्र आवाजों को दबाने का प्रयास बताया.

पुलिस ने इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम-2000 की धारा 67, भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली) एवं 500 (मानहानि) और एससी/एसटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

हालांकि पत्रकारों ने एफआईआर वापस लेने की मांग करते हुए आरोपों को झूठा करार दिया है. भारतीय पत्रकार संघ (आईजेयू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, जिसने शनिवार और रविवार को चंड़ीगढ़ में बैठक की, ने भी सिंह की गिरफ्तारी का संज्ञान लिया है.

आईजेयू के महासचिव और चंडीगढ़ प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष बलविंदर सिंह जम्मू ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान हरियाणा में कई पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं. ऐसे सभी मामलों को बिना किसी देरी के वापस लिया जाना चाहिए.’

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव (आंतरिक संचार के प्रभारी) विनीत पुनिया ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है.