कर्नाटक: 4 फीसदी मुस्लिम कोटा ख़त्म करके दो अन्य समुदायों में बांटा गया

भाजपा शासित राज्य में विधानसभा चुनाव होने से महज महीने भर पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह घोषणा की है. सरकार द्वारा 4 फीसदी मुस्लिम कोटा ख़त्म करके उसे वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच बांटा गया है.

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बसवराज बोम्मई. (फोटो साभार: फेसबुक)

भाजपा शासित राज्य में विधानसभा चुनाव होने से महज महीने भर पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह घोषणा की है. सरकार द्वारा 4 फीसदी मुस्लिम कोटा ख़त्म करके उसे वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच बांटा गया है.

बसवराज बोम्मई. (फोटो साभार: फेसबुक)

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार (24 मार्च) को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए दो नई श्रेणियों की घोषणा की और मुसलमानों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में मिलने वाला 4 प्रतिशत कोटा खत्म कर दिया.

भाजपा शासित राज्य में विधानसभा चुनाव होने से महज महीने भर पहले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह घोषणा की है.

एनडीटीवी के मुताबिक, 4 फीसदी ओबीसी मुस्लिम कोटा वोक्कालिगा और लिंगायत के बीच बांटा गया है. आरक्षण के लिए पात्र मुसलमानों को अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के तहत वर्गीकृत किया गया है.

हालांकि, निर्णय ने कर्नाटक में आरक्षण प्रतिशत को बढ़ा दिया है, जो पहले से ही सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लगाई गई 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक है. यह अब लगभग 57 प्रतिशत हो गया है.

बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. एक कैबिनेट उप-समिति ने कोटा श्रेणियों में बदलाव की सिफारिश की थी और हमने यह कर दिया है.’

बोम्मई ने कहा कि पिछड़े वर्गों को दो सेट में पुनर्गठित किया गया है – ‘अधिक पिछड़ा वर्ग और सबसे पिछड़ा वर्ग.’

दो नई श्रेणियों में से एक यह है कि वोक्कालिगा के लिए कोटा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. पंचमसालियों, वीरशैवों और लिंगायतों वाली अन्य श्रेणी के लिए कोटा भी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई सीमा के अनुसार आरक्षण प्रतिशत को वापस 50 प्रतिशत से कम पर लाने संबंधी याचिका कर्नाटक हाईकोर्ट में लंबित है.

कैबिनेट के हालिया फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित सीमा से अधिक कुल 56 फीसदी आरक्षण है. जिसका ब्रेक-अप इस तरह है: कैटेगरी 1 (पिछड़ा वर्ग) 4 प्रतिशत, कैटेगरी 2ए (ओबीसी) 15 प्रतिशत, कैटेगरी 2बी शू्न्य (पहले इसमें मुस्लिमों के लिए 4 प्रतिशत था), कैटेगरी 2सी (वोक्कालिगा) 6 प्रतिशत, कैटेगरी 2डी (पंचमसाली लिंगायत समेत लिंगायत, मराठा, बंट, ईसाई) 7 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 17 प्रतिशत और अनुसूचित जाति 7 प्रतिशत. कुल 56 प्रतिशत हुआ.