केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, लद्दाख-हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र-कर्नाटक, असम-अरुणाचल प्रदेश, असम-नगालैंड, असम-मेघालय, असम-मिज़ोरम के बीच सीमांकन और क्षेत्रों को लेकर दावों-प्रतिदावों के कारण सीमा विवाद है.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा को सूचित किया कि 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच के क्षेत्रों पर दावे और प्रतिदावे तथा सीमाओं का सीमांकन को लेकर विवाद है.
एनडीटीवी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने डीएमके सांसद टीआर पारिवेंधर के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
राय ने कहा, ‘हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, लद्दाख-हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र-कर्नाटक, असम-अरुणाचल प्रदेश, असम-नगालैंड, असम-मेघालय, असम-मिजोरम के बीच सीमांकन और क्षेत्रों को लेकर दावों-प्रतिदावों के कारण सीमा विवाद हैं.’
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र सरकार इस तथ्य से अवगत है कि सीमा विवाद, मछुआरों की गिरफ्तारी और उनकी मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर कब्जा करने और कई भारतीय राज्यों में पलायन करने वाले निर्दोष श्रमिकों की पिटाई सहित कई विवाद हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा अन्य तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के क्षेत्रीय जल में मछली पकड़ने वाली नौकाओं के अनधिकृत प्रवेश के संबंध में कुछ मुद्दों को दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद और इसकी स्थायी समिति के संज्ञान में लाया गया था.’
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्र सरकार के पास पिछले तीन वर्षों के दौरान किसी एक राज्य के लोगों की संख्या के बारे में कोई आंकड़ा है, जो अन्य राज्यों में गिरफ्तार किए गए हैं या अन्य कारणों से मारे गए हैं, मंत्री ने कहा, ‘ऐसा कोई आंकड़ा केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है.’
हालांकि, गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि केंद्र सरकार का दृष्टिकोण लगातार यह रहा है कि अंतरराज्यीय विवादों को संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से ही सुलझाया जा सकता है और केंद्र आपसी समझ से विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए केवल एक सूत्रधार के रूप में कार्य करती है.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, गृह मंत्रालय समय-समय पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सलाह जारी करता है और यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति, जो कानून को अपने हाथ में लेता है, उसे कानून के अनुसार तुरंत दंडित किया जाता है.’