इंदौर: मंदिर की बावड़ी ढहने से मरने वालों की संख्या 35 हुई, बचाव कार्य जारी

इंदौर के पटेल नगर का बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर क़रीब 50 फीट गहरे पुराने कुएं को ढककर बना था. रामनवमी की पूजा के दौरान पटियों का बना फर्श ढह गया. ख़बरों में सामने आया है कि नगर निगम ने इसे लेकर चेताया था, लेकिन भावनाएं आहत करने का आरोप लगने के बाद उसने कोई कार्रवाई नहीं की.

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इंदौर के पटेल नगर का बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर क़रीब 50 फीट गहरे पुराने कुएं को ढककर बना था. रामनवमी की पूजा के दौरान पटियों का बना फर्श ढह गया. ख़बरों में सामने आया है कि नगर निगम ने इसे लेकर चेताया था, लेकिन भावनाएं आहत करने का आरोप लगने के बाद उसने कोई कार्रवाई नहीं की.

इंदौर में रामनवमी के पूजा के दौरान एक मंदिर के बावड़ी ढहने से 35 लोगों की मौत हो गई है. (सभी फोटो साभार: एएनआई)

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में शुक्रवार को एक मंदिर के बावड़ी ढहने से मरने वालों की संख्या 35 हो गई है और राहत और बचाव अभियान जारी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंदौर के पटेल नगर इलाके में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में 100 से अधिक भक्त रामनवमी के अवसर पर पूजा कर रहे थे, जब दशकों पुराने कुएं का फर्श ढह गया, जिसे 50 फीट गहरा बताया जा रहा है.

जिलाधिकारी डॉक्टर इलैयाराजा टी ने संवाददाताओं से कहा, ‘बावड़ी से अब तक 35 शव बरामद किए गए हैं. लापता व्यक्तियों की सूची में शामिल एक व्यक्ति को छोड़कर सभी व्यक्तियों के शव अब तक मिल गए हैं.’

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इंदौर कलेक्टर ने कहा, ‘कुल 35 लोगों की मौत हो गई, एक लापता है और 14 लोगों को बचा लिया गया है. दो लोग इलाज के बाद सुरक्षित घर लौट गए. लापता लोगों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान जारी है.’

कलेक्टर इलैयाराजा ने कहा, ’18 घंटे लंबा बचाव अभियान गुरुवार को करीब 12:30 बजे शुरू हुआ और अभी भी जारी है.’

अधिकारियों के मुताबिक, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सेना के 75 जवानों की टीम ऑपरेशन में लगी हुई है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं. जिम्मेदार पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. मौजूदा प्राथमिकता रेस्क्यू ऑपरेशन है. घायलों का निशुल्क इलाज किया जाएगा.

उधर, प्रधानमंत्री ने भी पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की है.

उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य भर में इस तरह के बावड़ी और बोरवेल के निरीक्षण का आदेश दिया है.’

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह इंदौर के एक अस्पताल में घायल पीड़ितों से मुलाकात की.

पटेल नगर में जिस बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में त्रासदी हुई है, उसका निर्माण करीब चार दशक पहले कुएं को ढककर किया गया था.

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को जांच के आदेश दिए और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की राहत राशि देने का भी आदेश दिया.

उन्होंने कहा, ‘बावड़ी पर भारी ज्यादा वजन होने के कारण वह ढह गया. मैंने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं. इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उन सभी परिवारों के साथ खड़ी है, जिन्हें हम बचा नहीं सके.’

बावड़ी अवैध और असुरक्षित थी: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) ने बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में अवैध निर्माण और बावड़ी को लेकर पहले ही नोटिस जारी कर चुका था. नगर निगम के नोटिस पर अमल किया जाता तो हादसे को टाला जा सकता था.

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, दस्तावेजों में कहा गया है कि इंदौर नगर निगम ने कुएं के कवर को यह कहते हुए गिराने के लिए चिह्नित किया था कि यह खतरनाक है, लेकिन धार्मिक भावनाओं को आहत करने की चेतावनी के बाद उसे पीछे हटना पड़ा.

बावड़ी को लोहे की ग्रिल पर स्लैब (पटियों) से ढक दिया गया था- जो रामनवमी पर पूजा करने के लिए इकट्ठा हुई भीड़ का भार उठाने में असमर्थ थी.

इस अख़बार के पास जो दस्तावेज हैं, उसमें कहा गया कि आईएमसी पटेल नगर में श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में अवैध निर्माण और इसके खतरे से अवगत था. जनवरी के अंतिम सप्ताह में नोटिसों के आदान-प्रदान के बाद निगम ने मंदिर ट्रस्ट को सात दिनों में स्लैब हटाने या इन्हें जबरन हटाए जाने की कार्रवाई का सामना करने और इसकी लागत वहन करने का आदेश दिया था.

दो महीने बीतने पर भी निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि कुछ वर्गों द्वारा उग्र विरोध किया गया, जिन्होंने आरोप लगाया कि निगम झूठी सूचनाओं पर काम कर रहा है और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का जोखिम उठा रहा है.

आईएमसी कमिश्नर प्रतिभा पाल ने अखबार से कहा, ‘यह एक मंदिर से जुड़ा मामला है और हमें संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देना होगा.’

मंदिर न्यास के अध्यक्ष सेवाराम गलानी ने कहा, ‘ट्रस्ट के पिछले पदाधिकारियों ने ग्रिल के ऊपर टाइलें बिछा दी थीं, जिससे यह एक चबूतरा बन गया था. लेकिन हम इस बात का अंदाजा नहीं लगा सकते थे कि ऐसी घटना हो सकती है.’

उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले महाशिवरात्रि सहित मंदिर में बड़ी भीड़ हमेशा इकट्ठा होती है, लेकिन कोई दुर्घटना नहीं हुई थी. गुरुवार को 40-50 भक्त उस चबूतरे पर हवन के लिए एकत्रित हुए, जहां बावड़ी के 20 फुट चौड़े मुंह को ढक दिया गया था.

बताता गया है कि यह बावड़ी नगर निगम के रडार पर तब आई थी, जब पिछले साल अतिक्रमण हटाने के अभियान के बाद सभी बावड़ियों का जीर्णोद्धार शुरू हुआ था. आईएमसी के कार्यकारी अभियंता सुनील गुप्ता ने कहा, ‘इस अभियान से लगभग 360 बावड़ियों का जीर्णोद्धार/संरक्षण हुआ.’

23 अप्रैल 2022 को आईएमसी ने अवैध निर्माण की ओर इशारा करते हुए मंदिर ट्रस्ट को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. ट्रस्ट ने जवाब दिया था कि आरोप बेबुनियाद हैं. इसके जवाब में कहा गया था, ‘सार्वजनिक उपयोग, स्वच्छ और पर्याप्त पानी की उपलब्धता के लिए बावड़ी का जीर्णोद्धार प्रस्तावित है. ट्रस्ट इसे खोलने पर काम कर रहा है.’

मंदिर के न्यासियों ने आईएमसी को कहा था कि कारण बताओ नोटिस ‘हिंदू मूल्यों को चोट पहुंचा रहा है और हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने का प्रयास है.’

गलानी ने अखबार को बताया था कि मूर्तियों को स्थानांतरित करके, मंदिर में जीर्णोद्धार का काम किया जा रहा है.

इस त्रासदी ने आईएमसी अधिकारियों को पुराने नोटिस और शिकायत पत्र खोलने के लिए प्रेरित किया है. आईएमसी आयुक्त प्रतिभा पाल ने कहा, ‘जांच चल रही है. आईएमसी ने शुक्रवार से सभी बावड़ियों का सर्वेक्षण शुरू करने का फैसला किया है.’