त्रिपुरा: वीडियो में विधानसभा सत्र के दौरान पॉर्न देखते नज़र आए भाजपा विधायक

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में त्रिपुरा विधानसभा में बजट संबंधी चर्चा के दौरान भाजपा विधायक जादव लाल नाथ द्वारा फोन पर अश्लील वीडियो देखने का दावा किया जा रहा है. वहीं, विधायक का कहना है कि उनके पास बार-बार कॉल आ रहे थे और कॉल उठाने के बाद फोन पर अश्लील वीडियो चलने लगे.

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वीडियो का एक स्क्रीनशॉट.

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में त्रिपुरा विधानसभा में बजट संबंधी चर्चा के दौरान भाजपा विधायक जादव लाल नाथ द्वारा फोन पर अश्लील वीडियो देखने का दावा किया जा रहा है. वहीं, विधायक का कहना है कि उनके पास बार-बार कॉल आ रहे थे और कॉल उठाने के बाद फोन पर अश्लील वीडियो चलने लगे.

वीडियो का एक स्क्रीनशॉट.

नई दिल्ली: त्रिपुरा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक विधानसभा सत्र के दौरान अपने फोन पर अश्लील वीडियो देखते हुए कैमरे में कैद हो गए हैं. जादव लाल नाथ त्रिपुरा में बागबासा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

राज्य विधानसभा में बजट से संबंधित चर्चा के दौरान लिया गया यह वीडियो नाथ के पीछे बैठे किसी व्यक्ति द्वारा शूट किया गया लगता है. यह वीडियो दिखाता है कि विधायक वीडियो क्लिप्स का फीड स्क्रॉल कर रहे हैं, और अश्लील प्रतीत होने वाली क्लिप को देखने के लिए एक जगह रुक जाते हैं.

एनडीटीवी के अनुसार, घटना पर त्रिपुरा विधानसभा अध्यक्ष बिश्वबंधु सेन ने कहा, ‘सोशल मीडिया पर हर तरह की चीजें वायरल होती रहती हैं. तथ्यों को जाने बिना मैं इस पर कार्रवाई नहीं कर सकता. मुझे कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है.’

भाजपा ने कथित तौर पर नाथ से स्पष्टीकरण मांगा है. असम ट्रिब्यून के मुताबिक, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य ने कहा है कि पार्टी नाथ के खिलाफ नोटिस जारी करने की योजना बना रही है.

नाथ ने दावा किया है कि उनके फोन पर कई कॉल आने के बाद वीडियो अपने आप चलने लगा.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि विधानसभा में मोबाइल फोन का उपयोग प्रतिबंधित है. मेरे पास बार-बार कॉल आ रहे थे और कॉल उठाने के बाद मेरे फोन पर अश्लील वीडियो चलने लगे. मैंने उन्हें जल्द ही बंद कर दिया.’

कई विपक्षी दल के नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष सेन से नाथ के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. टिपरा मोथा पार्टी के अनिमेष देबबर्मा ने कहा, ‘हम उनके खिलाफ नियमों के अनुसार उचित और सख्त कार्रवाई चाहते हैं, उदाहरण के लिए- उन्हें अगले छह साल तक चुनाव लड़ने से रोकना या ऐसा ही कुछ.’

माकपा नेता जितेंद्र चौधरी ने कहा, ‘पार्टी (जो भारतीय संस्कृति और परंपरा की ध्वजवाहक होने का दावा करती है) के एक विधायक, जिन्हें संसदीय कार्य मंत्री गणित विशेषज्ञ होने का प्रमाण देते हैं, विधानसभा में अश्लील सामग्री देखते पाए जाते हैं. हम इसकी निंदा और आलोचना करते हैं.’

वर्ष 2012 में कर्नाटक में भाजपा के तीन मंत्री- लक्ष्मण सावदी, सीसी पाटिल और कृष्णा पालेमर- को विधानसभा में पॉर्न देखते पकड़े जाने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में उनमें से न केवल दो को पार्टी में बहाल कर दिया गया, बल्कि सावदी को विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हारने के बावजूद 2019 में राज्य का उपमुख्यमंत्री भी बनाया गया था.

इससे पहले 2012 में गुजरात में भी भाजपा के दो विधायकों पर विधानसभा के अंदर पॉर्न देखने का आरोप लगा था. शंकर चौधरी और जेठाभाई भरवाड़ ने आरोपों से इनकार किया था और पार्टी ने भी उनका बचाव किया था.