गुजरात में ‘अतिरिक्त’ राशन कार्ड रद्द करने से सबसे अधिक आदिवासी प्रभावित होंगे: रिपोर्ट

गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है. इसके तहत 11 ज़िलों में 83,556 परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए जाने हैं. यह क़दम 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित कर देगा.

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सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिला चावल. (फोटो: आदित्यन पीसी)

गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है. इसके तहत 11 ज़िलों में 83,556 परिवारों के राशन कार्ड रद्द किए जाने हैं. यह क़दम 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित कर देगा.

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिला चावल. (फोटो: आदित्यन पीसी)

नई दिल्ली: गुजरात सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश पारित किया है.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के बिना उठाया गया था. ‘अतिरिक्त’ राशन कार्डों को रद्द करने का आदेश 80,000 से अधिक आदिवासी परिवारों के पांच लाख से अधिक लोगों को उनके भोजन के मूल अधिकार से वंचित कर देगा.

अपने आदेश को सही ठहराने के लिए गुजरात सरकार कह रही है कि कई क्षेत्रों में निवासियों की तुलना में अधिक राशन कार्ड हैं और इसलिए उसने 11 जिलों में 83,556 परिवारों के राशन कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

कांग्रेस पार्टी के अनुसार, जनजातीय परिवार बड़े पैमाने पर उन क्षेत्रों के निवासी हैं, जहां के राशन कार्ड को निरस्त कर, उन्हें लक्षित किया जा रहा है.

वंसदा से कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने कहा, ‘आदिवासी क्षेत्रों में अधिकांश लोग बहुत गरीब हैं कि वे अपना दैनिक भोजन स्वयं से नहीं कमा सकते हैं. किसी भी प्रकार के परिपत्र, आर्थिक सर्वेक्षण के बिना राशन कार्डों को रद्द किया जा रहा है.’

पटेल ने बताया कि इस प्रक्रिया में वृद्ध लोगों, विशेष रूप से सक्षम, महिलाओं और विधवाओं के कई राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘वंसदा तालुका के वांगन गांव, जहां सभी आदिवासी परिवार रहते हैं, में 217 परिवारों के राशन कार्ड रद्द कर दिए गए हैं. हम आने वाले दिनों में पूरे आदिवासी क्षेत्र में रैली करेंगे, साथ ही मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखेंगे. अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो हम पूरे गुजरात में आंदोलन करेंगे.’

एक राशन दुकान के डीलर ने यह भी कहा कि इस फैसले से आदिवासी गरीबों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है.

उन्होंने कहा, ‘सरकार के फैसले से मुख्य रूप से आदिवासी परिवार प्रभावित होंगे. वंसदा तालुका में 3,600 परिवार प्रभावित होंगे. महत्वपूर्ण बात यह है कि राशन कार्ड सरकार द्वारा जारी किया जाता है और उनके पास इसे रद्द करने का अधिकार होता है. लेकिन वे हम जैसे दुकानदारों को ऐसा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.’

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस मुताबिक, आंकड़ों के अनुसार, नर्मदा जिले में 7,470, डांग जिले में 7,595 और तापी जिले में 5,947 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं.

इसके अलावा, सरकार ने पूर्ण आदिवासी क्षेत्रों में एनएफएसए राशन कार्ड रद्द करने का आदेश दिया है, जिसमें वंसदा तालुका में 3607, कावंत में 1763, झालोद में 3267, घोघंबा में 5227, मोरवाहदफ में 4462, बालासिनोर में 1080 और पोसिना में 3806 राशन कार्ड रद्द किए जाएंगे.

अन्य क्षेत्रों में भी ऐसे परिवार हैं, जिनके राशान कार्ड रद्द किए जाएंगे, उनकी कुल संख्या 83,556 है.

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