उदयपुर के ज़िलाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि धार्मिक उद्देश्य के बहाने ज़िले में क़ानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. आदेशानुसार, अगले दो महीनों के लिए बिना अनुमति सार्वजनिक संपत्तियों पर धार्मिक चिह्न वाले झंडे लगाने पर रोक लगाते हुए उल्लंघन करने पर कार्रवाई की बात कही गई है.
उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर जिला प्रशासन ने अगले दो महीनों के लिए बिना अनुमति के सार्वजनिक संपत्तियों पर धार्मिक प्रतीकों वाले झंडे लगाने पर रोक लगा दी है.
एनडीटीवी के मुताबिक, जिलाधिकारी तारा चंद मीणा के पांच अप्रैल के आदेश में कहा गया है कि धार्मिक उद्देश्य के बहाने जिले में कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है.
आदेश में कहा, ‘उदयपुर जिला एसपी द्वारा सूचित किया जाता है कि उदयपुर जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित करने वाले धार्मिक उद्देश्यों के लिए कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति या सहमति के सार्वजनिक संपत्ति पर धार्मिक प्रतीक चिह्न वाली झंडियों का उपयोग नहीं कर सकता है. कानून व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे लोक शांति भंग होने, कानून व्यवस्था और सामाजिक समरसता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका रहती है.’
In Udaipur, for the next 2 months, there will be a ban on putting religious flags and symbols in public places in the entire district. Religious flags will not be allowed to be hoisted in any public place including public building or electric pole, for this permission will have… pic.twitter.com/M7WToOthiQ
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) April 6, 2023
आदेश में आगे कहा, ‘इसलिए, उपरोक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मैं तारा चंद मीणा, जिला मजिस्ट्रेट, उदयपुर, दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, उदयपुर जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मंजूरी या सहमति के बिना सार्वजनिक संपत्तियों पर धार्मिक प्रतीकों वाले झंडों के उपयोग पर रोक लगाता हूं.’
मजिस्ट्रेट ने लोगों को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया और आदेश का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी.
आदेश में कहा, ‘मैं सभी नागरिकों को इस आदेश का पालन करने और इसकी अवहेलना नहीं करने का निर्देश देता हूं. यदि कोई भी व्यक्ति उपरोक्त प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 88 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है. यह आदेश उदयपुर जिले के पूरे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दिनांक 05/04/2023 से आगामी दो माह तक प्रभावी रहेगा.’
इसी बीच, राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा, ‘सरकार जानबूझकर मंदिरों और धार्मिक उत्सवों को निशाना बना रही है, पता नहीं किसे खुश करना चाहते हैं. उदयपुर बहादुर शिरोमणि महाराणा प्रताप की भूमि है जिन्होंने मुगलों को हराया था. अब अगर वहां भगवा झंडा नहीं लगाया जा सकता तो क्या तालिबान में लगा दिया जाए?’
उन्होंने कहा, ‘भाजपा के सभी कार्यकर्ता हनुमान के रूप में हैं. ये राजस्थान की जनता के लिए काम करते हैं. राजस्थान में रामनवमी पर जुलूस नहीं निकले, इस तरह का प्रतिबंध राजस्थान में है. ऐसी लंका रूपी राजस्थान की कांग्रेस सरकार को ध्वस्त करने का काम भाजपा कार्यकर्ता करेंगे.’
दैनिक भास्कर के मुताबिक, जिलाधिकारी के इस आदेश को बीते 23 मार्च को गांधी ग्राउंड में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की धर्मसभा और उनके बयान के बाद कुंभलगढ़ में भगवा झंडियों के साथ 5 युवकों की गिरफ्तारी से जोड़ा जा रहा है.
कुंभलगढ़ किले में एक विशेष रंग के झंडों की जगह भगवा झंडे लगाने के बयान पर पुलिस ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. बयान के बाद कुंभलगढ़ किले पर भगवा झंडे लेकर पहुंचे 5 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
हालांकि इन्हें रिहा किया जा चुका है, लेकिन शास्त्री पर दर्ज मुकदमे के बाद कुछ हिंदू संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.