दिल्ली: महंगी किताबें ख़रीदने को मजबूर करने वाले निजी स्कूलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू

अभिभावकों की शिकायत पर दिल्ली सरकार ने 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा छह अन्य स्कूलों के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई स्कूल अभिभावकों को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म ख़रीदने के लिए मजबूर करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है.

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New Delhi: Rabea Girls' Public School Primary School students are seen outside the nursery and KG section of the school, where students were allegedly confined in the basement of the premises over the delay in payment of fees, at Chandni Chowk in New Delhi on Wednesday, July 11, 2018. (PTI Photo /Kamal Singh) (PTI7_11_2018_000115B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

अभिभावकों की शिकायत पर दिल्ली सरकार ने 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा छह अन्य स्कूलों के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई स्कूल अभिभावकों को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म ख़रीदने के लिए मजबूर करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है.

New Delhi: Rabea Girls' Public School Primary School students are seen outside the nursery and KG section of the school, where students were allegedly confined in the basement of the premises over the delay in payment of fees, at Chandni Chowk in New Delhi on Wednesday, July 11, 2018. (PTI Photo /Kamal Singh) (PTI7_11_2018_000115B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने किताबों और यूनिफॉर्म की खरीद से संबंधित शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा छह अन्य स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं.

बुधवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है, ‘शिक्षा निदेशालय के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 12 निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. स्कूलों से नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्हें विभाग की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.’

आगे कहा गया है, ‘अभिभावकों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है और 12 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है और 6 अन्य स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं.’

बुधवार को इस मुद्दे पर बातचीत करते हुए दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, ‘शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देश माता-पिता को अपनी पसंद के विक्रेताओं से किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने की आजादी देते हैं. अगर कोई स्कूल अभिभावकों को विशिष्ट विक्रेताओं से महंगी किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर करता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है. यह (अरविंद) केजरीवाल सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इन नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’

आतिशी ने कहा कि संबंधित स्कूलों को नोटिस भेजकर अभिभावकों से प्राप्त शिकायतों का कारण बताने को कहा गया है.
उन्होंने कहा, ‘साथ ही शिक्षा निदेशालय द्वारा भी जांच की जा रही है. अगर दिशानिर्देशों का कोई उल्लंघन पाया जाता है, तो इन स्कूलों के खिलाफ दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम, 1973 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी. मैं व्यक्तिगत रूप से माता-पिता से प्राप्त शिकायतों पर नजर रख रही हूं और शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि ऐसी हर समस्या का तुरंत समाधान किया जाए.’

उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि निजी स्कूलों को नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले अपनी वेबसाइट पर किताबों और अन्य अध्ययन सामग्री की कक्षावार सूची प्रदर्शित करनी होगी. इसके अलावा स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर आसपास की कम से कम पांच दुकानों के पते और फोन नंबर भी प्रदर्शित करने चाहिए, जहां माता-पिता किताबें और स्कूल यूनिफॉर्म खरीद सकें.

उनके अनुसार, माता-पिता को अपनी सुविधानुसार इन वस्तुओं को किसी भी दुकान से खरीदने की स्वतंत्रता है और स्कूल उन्हें किसी विशेष विक्रेता से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं. दिशानिर्देश यह भी कहते हैं कि निजी स्कूल कम से कम तीन साल तक स्कूल यूनिफॉर्म के रंग, डिजाइन या अन्य विशिष्टताओं को नहीं बदल सकते हैं.