अक्टूबर 2021 में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस की एक बीमा योजना को लेकर तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर में इसे लाने के लिए आरएसएस नेता राम माधव ने कथित तौर पर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे रद्द कर दिया था.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक बीते शुक्रवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है.
द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद मलिक को पूछताछ के लिए समन मिला है.
मलिक ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले को रोका जा सकता था, अगर केंद्र ने सीआरपीएफ कर्मचारियों को स्थानांतरित करने के लिए उनके द्वारा किए गए विमान के अनुरोध को ठुकराया नहीं होता. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सरकार की लापरवाही और अक्षमता नहीं होती तो इस घटना को रोका जा सकता था.
भ्रष्टाचार का यह मामला जम्मू कश्मीर में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी एक बीमा योजना में अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ा है. मलिक द्वारा मामले में उन्हें रिश्वत देने के प्रयास के आरोप लगाने के बाद इस संबंध में केस दर्ज किया गया था.
इस संबंध में सीबीआई ने एक समन भेजकर ‘पूछताछ के लिए’ सत्यपाल मलिक को 28 अप्रैल को बुलाया है. यह दूसरी बार होगा जब सीबीआई उनसे पूछताछ करेगी, पहली बार अक्टूबर 2022 में उनसे पूछताछ की गई थी.
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सत्यपाल मलिक ने कहा, ‘सीबीआई अधिकारियों ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या मैं इनमें से किसी एक दिन दिल्ली में रहने वाला हूं. मैंने उनसे कहा कि मैं 23 अप्रैल को दिल्ली आऊंगा. वे योजनाओं पर कुछ स्पष्टीकरण मांगना चाहते हैं, जिसके लिए मुझे अकबर रोड पर उनके गेस्ट हाउस जाना होगा.’
उन्होंने कहा, ‘सीबीआई एक बीमा योजना के मुद्दे पर मुझसे कुछ स्पष्टीकरण मांगना चाहती है, जिसे मैंने जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रद्द कर दिया था. सरकारी कर्मचारियों के लिए लाई गई इस बीमा योजना की कर्मचारियों ने आलोचना और विरोध किया था. जिस योजना के लिए कर्मचारियों से (प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष) 8,500 रुपये और सेवानिवृत्त कर्मचारियों से (प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष) 20,000 रुपये लेने थे, इसे सही ढंग से योजनाबद्ध नहीं किया गया था. यह एक गलत कदम था, इसलिए मैंने इसे रद्द कर दिया था.’
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने मलिक द्वारा किए गए दावों की पुष्टि या खंडन नहीं किया है.
मालूम हो कि अक्टूबर 2021 में पहली बार मलिक में आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के कार्यकाल के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनसे कहा गया था कि यदि वह अंबानी और आरएसएस से संबद्ध एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंजूरी दें तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था.
मलिक ने द वायर के इंटरव्यू से पहले इस घटना का जिक्र पत्रकार प्रशांत टंडन को दिए गए एक साक्षात्कार में भी किया था. इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सौदे में ज्यादा रुचि रखने वाले ‘आरएसएस पदाधिकारी’ राम माधव थे. इसके प्रसारण के बाद माधव ने मलिक को मानहानि का नोटिस भेजा था.
मलिक ने दावा किया कि प्रस्ताव रद्द करने के एक दिन बाद राम माधव सुबह 7 बजे राजभवन पहुंचे. मलिक के अनुसार, आरएसएस नेता बहुत परेशान थे और उन्होंने पूछा, ‘कहां से ऐसे निवेश आएगा?’ मैंने कहा, ‘निवेश आए या न आए मैं गलत काम नहीं करूंगा.’
मार्च 2022 में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि मलिक द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और प्रशासन ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.
सिन्हा ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा था, ‘चूंकि उच्च पद पर आसीन व्यक्ति ने कुछ कहा था, हमने दोनों मामलों में सीबीआई को जांच के लिए अपनी सहमति दे दी है. जांच के बाद सच्चाई सामने आ जाएगी.’
सीबीआई ने इस संबंध में दो केस दर्ज किए थे और अप्रैल 2022 में 14 स्थानों पर तलाशी ली थी.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, तब एक बयान में सीबीआई ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर सरकार के अनुरोध पर कदाचार के आरोपों के संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. पहला मामला निजी कंपनी को जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का अनुबंध देने तथा वर्ष 2017-18 में 60 करोड़ रुपये (लगभग) जारी करने के संबंध में और दूसरा मामला वर्ष 2019 में एक निजी फर्म को किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के 2200 करोड़ रुपये (लगभग) का अनुबंध देने से संबंधित है.
सीबीआई ने दो मामलों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी और चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
अक्टूबर 2022 में सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से दोनों मामलों में से एक के संबंध में पूछताछ की थी. सीबीआई के एक अधिकारी ने तब कहा था, ‘उनसे पूछताछ की गई है, क्योंकि ये उनके आरोप थे. उनसे और ब्योरा मांगा गया है. उनसे मामलों में गवाह के रूप में पूछताछ की गई थी.’