आपने डर के समय में बहुत साहस दिखाया है: सत्यपाल मलिक को सीबीआई के समन पर अरविंद केजरीवाल

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने एक समन जारी किया है. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद उन्हें यह समन भेजा गया है. 

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सत्यपाल मलिक और अरविंद केजरीवाल. (फोटो साभार: फेसबुक)

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में कथित बीमा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने एक समन जारी किया है. द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर सवाल उठाने के हफ्तेभर बाद उन्हें यह समन भेजा गया है.

सत्यपाल मलिक और अरविंद केजरीवाल. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: सीबीआई द्वारा सत्यपाल मलिक को तलब किए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने ‘डर के इस समय’ में बहुत साहस दिखाया है और पूरा देश उनके साथ है.

दरअसल केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मलिक को केंद्र शासित प्रदेश में कथित बीमा घोटाले के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया है.

भ्रष्टाचार का यह मामला जम्मू कश्मीर में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी एक बीमा योजना में अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ा है. मलिक द्वारा मामले में उन्हें रिश्वत देने के प्रयास के आरोप लगाने के बाद इस संबंध में केस दर्ज किया गया था.

इस संबंध में सीबीआई ने एक समन भेजकर ‘पूछताछ के लिए’ सत्यपाल मलिक को 28 अप्रैल को बुलाया है. यह दूसरी बार होगा, जब सीबीआई उनसे पूछताछ करेगी, पहली बार अक्टूबर 2022 में उनसे पूछताछ की गई थी. बिहार, जम्मू और कश्मीर, गोवा और अंत में मेघालय के राज्यपाल के रूप में अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद उनसे यह पूछताछ की गई थी.

सीबीआई का यह कदम मलिक के द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू के एक सप्ताह बाद आया है, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र की मोदी सरकार पर आलोचनात्मक टिप्पणी की थी. खास तौर से उन्होंने जम्मू कश्मीर के बारे में बोला था. तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने और इसके विभाजन के दौरान मलिक ने यहां अंतिम राज्यपाल के रूप में कार्य किया था.

केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा, ‘पूरा देश आपके साथ है. खौफ के इस दौर में आपने बहुत साहस दिखाया है, सर. वो कायर है, सीबीआई के पीछे छिपा है. जब-जब इस महान देश पर संकट आया, आप जैसे लोगों ने अपने साहस से उसका मुकाबला किया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘वो अनपढ़ है, भ्रष्ट है, गद्दार है. वो आपका मुकाबला नहीं कर सकता. आप आगे बढ़ो सर.’

मालूम हो कि अक्टूबर 2021 में पहली बार मलिक में आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के कार्यकाल के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान उनसे कहा गया था कि यदि वह अंबानी और आरएसएस से संबद्ध एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंजूरी दें तो उन्हें रिश्वत के तौर पर 300 करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था.

मलिक ने द वायर के इंटरव्यू से पहले इस घटना का जिक्र पत्रकार प्रशांत टंडन को दिए गए एक साक्षात्कार में भी किया था. इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सौदे में ज्यादा रुचि रखने वाले ‘आरएसएस पदाधिकारी’ राम माधव थे. इसके प्रसारण के बाद माधव ने मलिक को मानहानि का नोटिस भेजा था.

मार्च 2022 में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था कि मलिक द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और प्रशासन ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है.

सीबीआई ने इस संबंध में दो केस दर्ज किए थे और अप्रैल 2022 में 14 स्थानों पर तलाशी ली थी.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, तब एक बयान में सीबीआई ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर सरकार के अनुरोध पर कदाचार के आरोपों के संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. पहला मामला निजी कंपनी को जम्मू-कश्मीर कर्मचारी स्वास्थ्य देखभाल बीमा योजना का अनुबंध देने तथा वर्ष 2017-18 में 60 करोड़ रुपये (लगभग) जारी करने के संबंध में और दूसरा मामला वर्ष 2019 में एक निजी फर्म को किरु हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के सिविल कार्यों के 2200 करोड़ रुपये (लगभग) का अनुबंध देने से संबंधित है.

बता दें कि सत्यपाल मलिक ने पिछले हफ्ते द वायर को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा था कि फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले को रोका जा सकता था, अगर केंद्र ने सीआरपीएफ कर्मचारियों को स्थानांतरित करने के लिए उनके द्वारा किए गए विमान के अनुरोध को ठुकराया नहीं होता. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सरकार की लापरवाही और अक्षमता नहीं होती तो इस घटना को रोका जा सकता था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, आप के मुख्य प्रवक्ता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मलिक ने कहा है कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान सेना और अर्धसैनिक बलों पर ‘फिदायीन’ हमले की संभावना के बारे में खुफिया इनपुट थे.

भारद्वाज ने 2019 के पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे संकेत थे कि आरडीएक्स से लदी एक कार घूम रही थी, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.

उन्होंने कहा कि मलिक ने यह भी कहा है कि सीआरपीएफ जवानों की आवाजाही के लिए कोई विमान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, ‘इससे बड़ी कोई देश-विरोधी गतिविधि नहीं है. वे जानते थे कि खतरा है, लेकिन केंद्र ने कुछ नहीं किया.’

उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों ने जवानों को मरने दिया, उन पर देश विरोधी गतिविधियों का मुकदमा चलाया जाना चाहिए था.’

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