मीडिया में आईं कुछ ख़बरों के अनुसार, खिख कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह ने पंजाब के मोगा ज़िले के रोडे गांव में सरेंडर किया है, हालांकि राज्य पुलिस ने इससे इनकार करते हुए उसे गिरफ़्तार करने की बात कही है. रोडे गांव दिवंगत सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है, जिसे अमृतपाल अपना आदर्श मानता है.
चंडीगढ़: एक महीने से अधिक समय तक फरार रहने के बाद पंजाब पुलिस ने आखिरकार रविवार सुबह कट्टरपंथी सिख नेता अमृतपाल सिंह को हिरासत में ले लिया.
जहां पंजाब पुलिस ने एक ट्वीट में दावा किया था कि अमृतपाल को पंजाब के मोगा जिले से गिरफ्तार किया गया है, वहीं यह दावा भी किया जा रहा है कि उसने मोगा के रोडे गांव में पुलिस के सामने सरेंडर किया था.
रविवार को अपने ट्विटर पेज से पंजाब पुलिस ने ट्वीट कर कहा, ‘अमृतपाल सिंह मोगा से गिरफ्तार. आगे की जानकारी पंजाब पुलिस द्वारा साझा की जाएगी. नागरिकों से शांति और सद्भाव बनाए रखने का आग्रह करें, कोई भी फर्जी खबर साझा न करें, हमेशा सत्यापित करें और फिर साझा करें.’
#AmritpalSingh arrested in Moga, Punjab.
Further details will be shared by #PunjabPolice
Urge citizens to maintain peace and harmony, Don't share any fake news, always verify and share.
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) April 23, 2023
गिरफ्तारी के बाद अमृतपाल सिंह को असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया है.
दिलचस्प बात यह है कि जिस रोडे गांव से उसे गिरफ्तार किया गया, वह दिवंगत सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का जन्म स्थान है, जिसे अमृतपाल अपना आदर्श मानता है. दिवंगत अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए एक समूह ‘वारिस पंजाब दे’ का कार्यभार संभालने से पहले अमृतपाल की दस्तारबंदी इसी गांव से हुई थी.
पंजाब के कई समाचार चैनल भिंडरावाले के भाई जसबीर सिंह रोडे के बयान प्रसारित कर रहे हैं, जिन्होंने दावा किया कि अमृतपाल कल (शनिवार) रात रोडे गांव पहुंचा था. सुबह-सुबह उसने गांव के गुरुद्वारे में मत्था टेका. पुलिस द्वारा हिरासत में लेने से पहले उसने सिख संगत को संबोधित किया.
#WATCH | Punjab: Singh Sahib Giani Jasbir Singh Rode, at Rodewal Gurdawara in Moga, narrates the sequence leading upto to the arrest of Waris Punjab De's #AmritpalSingh pic.twitter.com/x9eiUlIhvN
— ANI (@ANI) April 23, 2023
अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रोडे ने कहा कि कुछ फर्जी खबरें फैलाई जा रही हैं कि पुलिस ने अमृतपाल को घेर लिया और पकड़ लिया. उन्होंने कहा कि ये झूठ हैं. अमृतपाल ने स्वेच्छा से सरेंडर किया है.
रोडे ने पूछा, ‘अगर उसे (बिना सरेंडर किए) पुलिस ने गिरफ्तार किया है, तो उसे गुरुद्वारे के अंदर सभा को संबोधित करने की अनुमति क्यों दी जा गई थी?’
उन्होंने कहा कि पुलिस निश्चित रूप से अपनी कहानी पेश करेगी कि उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हकीकत यह है कि उसने खुद ही सरेंडर कर दिया है.
अमृतपाल को पुलिस द्वारा गुरुद्वारे से हिरासत में लेने के दृश्य पहले से ही सोशल मीडिया पर चल रहे हैं. इसमें वह अपने पारंपरिक सिख परिधान में नजर आ रहा है.
ऐसी खबरें हैं कि उसे जल्द ही असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ट्रांसफर कर दिया जाएगा, जहां उसके अन्य साथियों को गिरफ्तारी के बाद भेजा गया है. अंतिम व्यक्ति जिसे वहां भेजा गया था, वह अमृतपाल का करीबी सहयोगी पप्पलप्रीत था. पुलिस का कहना है कि पप्पलप्रीत ने 18 मार्च को शुरू हुए तलाशी अभियान के बाद पुलिस की गिरफ्तारी से बचने में अमृतपाल सिंह की मदद की थी.
ईश्वर की नजर में मैं दोषी नहीं, कानूनी लड़ाई लड़ूंगा: गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल
जैसा कि पुलिस ने पहले कहा था, अमृतपाल सिंह पर कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. इसका मतलब यह है कि उसे 12 महीने तक बिना किसी आरोप के निवारक हिरासत में रखा जा सकता है, जिसे सरकार द्वारा नए सबूत जुटाए जाने पर बढ़ाया जा सकता है.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, उस पर अजनाला थाने पर हमला करने के मामले सहित आठ से अधिक केस दर्ज हैं.
पुलिस का आरोप है कि अमृतपाल राज्य की सुरक्षा के लिए प्रतिकूल तरीके से काम कर रहा था. कुछ समय के लिए वह कट्टरपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा दे रहा था और भारत से ‘पंजाब के अलगाव’ की मांग कर रहा था, खालिस्तान नामक एक अलग राष्ट्र बनाने के लिए हिंसक सहित सभी साधनों का वह उपयोग कर रहा था.
हालांकि, रोडे गांव में गिरफ्तारी से पहले सामने आए एक वीडियो में अमृतपाल ने दावा किया कि वह ईश्वर की नजर में निर्दोष है और कानूनी लड़ाई लड़ेगा.
उसने कहा कि वह अभी संत भिंडरावाले की भूमि रोडे में अपने जीवन के एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है, जहां से उन्होंने सिख समुदाय के लिए अपनी यात्रा शुरू की थी.
उन्होंने कहा कि उन्हें गिरफ्तार करने के कई तरीके थे लेकिन मौजूदा शासकों (आप सरकार की ओर इशारा करते हुए) का असली रंग सामने आ गया है, क्योंकि उसने बिना सोचे समझे सैकड़ों सिख युवाओं को परेशान किया और गिरफ्तार किया.
अमृतपाल ने कहा, ‘बाहर के लोग हमें दोषी मान सकते हैं, लेकिन हम ईश्वर की नजर में दोषी नहीं हैं. हमने फैसला किया है कि हम यहां रहेंगे और लड़ेंगे.’
उसने कहा कि उसके और उसके अनुयायियों के खिलाफ सभी मामले झूठे और मनगढ़ंत हैं. हम आने वाले समय में कानूनी लड़ाई लड़ेंगे.
अमृतपाल ने कहा, ‘मुझे सिख संगत का आशीर्वाद प्राप्त है और इसीलिए मैंने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है. मेरा समर्पण अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है. हम सिखों के खिलाफ गलत प्रचार और झूठे मामलों से लड़ेंगे.’
कौन है अमृतपाल सिंह
29 वर्षीय अमृतपाल सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से चर्चित हुआ. पिछले साल सितंबर में दुबई से आने के तुरंत बाद पंजाब में कट्टरपंथी विचारधाराओं को बढ़ावा देने कारण वह अचानक सुर्खियों में आ गया था. कहा जाता है कि उसने पिछले 10 साल दुबई में बिताए हैं.
उसने खुले तौर पर एक अलग सिख राज्य खालिस्तान की मांग की थी. पंजाब में उस समय तनाव बढ़ गया जब बीते फरवरी महीने में अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अपहरण के एक मामले में गिरफ्तार अपने एक सहयोगी को छुड़ाने के लिए अमृतसर जिले के अजनाला में पुलिस थाने पर हथियारों के साथ हमला बोल दिया था.
इस घटना के बाद से वह विवादों में आ गया. राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की सरकार ने बीते 18 मार्च को उसे गिरफ्तार करने के लिए एक कार्रवाई शुरू की, हालांकि इस अभियान की विभिन्न वर्गों में भारी आलोचना हुई.
अमृतपाल सिंह को पकड़ने के अभियान के दौरान पंजाब सरकार पर राज्य में डर पैदा करने का आरोप लगाया गया. कई दिनों तक इंटरनेट को निलंबित कर दिया गया था, 300 से अधिक सिख युवाओं को हिरासत में लिया गया, यहां तक कि राज्य के कई पत्रकारों के सोशल मीडिया एकाउंट, जो इस मुद्दे पर रिपोर्टिंग कर रहे थे, उन्हें ब्लॉक भी कर दिया गया.
पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया: आईजी
सिख कट्टरपंथी नेता अमृतपाल सिंह के आत्मसमर्पण करने की खबर आने के बाद पंजाब पुलिस ने एक मीडिया ब्रीफिंग में इस दावे का खंडन किया है.
पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुखचैन सिंह गिल ने मीडिया को बताया कि बीते 18 मार्च को अमृतपाल के गिरफ्तारी से बचने के बाद से ही पुलिस उस पर लगातार दबाव बनाए हुई थी. गिल ने कहा कि पंजाब पुलिस के सभी विभाग समन्वित अभियान के तहत उस पर लगातार नजर रखे हुए थे.
उन्होंने आगे कहा कि इसके चलते पुलिस को अमृतपाल के रोडे गांव में मौजूद होने के बारे में पुख्ता इनपुट मिले थे.
गिल ने कहा कि इनपुट के आधार पर अमृतसर पुलिस और पंजाब इंटेलिजेंस विंग की एक संयुक्त टीम ने पूरे गांव को घेर लिया था. भारी संख्या में सुरक्षा बल मौजूद रहे. अमृतपाल को इस तरह घेरा गया था कि उसके बचने की कोई गुंजाइश नहीं थी.
गिल ने कहा, ‘चूंकि वह गुरुद्वारा साहिब के अंदर था, इसलिए जगह की पवित्रता बनाए रखने के लिए पुलिस ने अंदर प्रवेश नहीं किया. जैसा कि वह जानता था कि अब उसके पास छिपने के लिए कोई जगह नहीं बची है, गुरुद्वारे से बाहर आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया.’
अमृतपाल सिंह के खिलाफ एनएसए लागू किया गया
इस बीच गिल ने मीडिया को बताया कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) का वॉरंट जारी किया गया था, क्योंकि वह पिछले महीने पुलिस कार्रवाई से बच रहा था.
गिल ने कहा, ‘उसकी गिरफ्तारी के बाद आज सुबह उन वॉरंटों को (आरोपी के खिलाफ) लागू किया गया है.’
गिल ने इसके बाद कहा कि उसे रविवार सुबह करीब 6:45 बजे रोडे गांव में गिरफ्तार किया गया.
उन्होंने कहा, ‘गिरफ्तारी के तुरंत बाद उसे बठिंडा जिले के वायुसेना स्टेशन ले जाया गया, जहां से उसे असम के डिब्रूगढ़ भेज दिया गया.’ उन्होंने कहा कि उसे कड़ी सुरक्षा के बीच डिब्रूगढ़ की सेंट्रल जेल में रखा जाएगा. उसके कई साथी वहां पहले से ही बंद हैं.
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