जंतर-मंतर पर पदक विजेता पहलवानों के प्रदर्शन के बीच कुश्ती महासंघ से जुड़े एक फिज़ियोथेरेपिस्ट ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगे आरोपों का समर्थन करते हुए बताया कि साल 2014 में लखनऊ में आयोजित एक नेशनल कैंप में कुछ जूनियर खिलाड़ियों पर ‘दबाव डाला गया और रात में बृजभूषण से मिलने को कहा गया था.’
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किए जाने को लेकर पहलवान फिर दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं. खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ताओं पर दबाव डाला जा रहा है. डब्ल्यूएफआई अधिकारी उनके घर जाकर पैसे की पेशकश कर रहे हैं.
इस बीच, साल 2014 में लखनऊ में एक नेशनल कैंप में मौजूद फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत मलिक ने भी इन खिलाड़ियों का साथ देते हुए बताया है कि उक्त कैंप में उन्हें कम से कम तीन जूनियर महिला पहलवानों ने बताया था कि उन पर ‘दबाव’ डाला गया और ‘रात में बृजभूषण से मिलने को कहा गया.’
जंतर-मंतर पर मौजूद परमजीत मलिक ने कहा कि इस बारे में अपने सीनियर्स को बताते हुए लड़कियां रोया करती थीं. परमजीत ने यह भी जोड़ा कि उन्होंने इस बारे में महिला कोच कुलदीप मलिक को बताया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए परमजीत ने कहा कि वे फरवरी में मामले की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित निगरानी समिति के सामने दो बार पेश हुए थे और उन्होंने 2014 की घटना वहां बताई थी.
2014 के घटनाक्रम के बारे में उन्होंने बताया कि पहली बार उन्होंने ‘तीन से चार’ जूनियर महिला पहलवानों को लखनऊ में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) के केंद्र से बाहर ले जाते हुए देखा. उन्होंने आरोप लगाया, ‘रात दस बजे से ज्यादा का समय था और मैंने देखा कि जो लोग उन्हें गाड़ियों में लेने आए थे, उनमें ड्राइवर समेत बृजभूषण से जुड़े लोग थे. बाद में इन लड़कियों ने बताया कि क्या हुआ था.’
उन्होंने आगे बताया, ‘इन लड़कियों ने बताया कि इन पर दबाव डाला गया और बृजभूषण से रात में मिलने को कहा गया. कम से कम तीन लड़कियों ने तब अपने सीनियर्स को इस बारे में बताया था. मेरे सामने उन जूनियर पहलवानों ने रट हुए बताया था कि उनके साथ क्या हुआ. मैं 2014 में गीता फोगाट का पर्सनल फिजियोथेरेपिस्ट था. इन लड़कियों ने मेरे साथ ही सीनियर पहलवानों, जिनमें मेरी पत्नी सुमन कुंडू भी शामिल थीं, को 2014 में लखनऊ नेशनल कैंप में बृजभूषण द्वारा किए कथित यौन उत्पीड़न के बारे में बताया था.’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि इस मसले के बारे में शिकायत करने के बाद उन्हें कैंप छोड़ने को कहा गया था. मलिक ने बताया, ‘आज लोग सवाल कर रहे हैं कि लड़कियां अब क्यों बोल रही हैं. वे डरी हुई थीं, इन धमकियों से कि उनका नाम नेशनल कैंप की लिस्ट से बाहर कर दिया जाएगा, उन्हें डर था कि सलेक्शन ट्रायल्स निष्पक्ष नहीं होंगे.’
परमजीत मलिक ने आगे जोड़ा, ‘मैंने निगरानी समिति को बताया कि 2014 में लखनऊ नेशनल कैंप में क्या हुआ था. जब मैं इस बारे में बता रहा था, तब समिति सदस्यों में से एक योगेश्वर दत्त बार-बार मुझे टोक रहे थे, मुझसे सबूत मांग रहे थे. मैंने पूरी डिटेल तब बता पाया जब बॉक्सर मैरी कॉम (निगरानी समिति की प्रमुख) ने दखल दिया.’
प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में से एक, जो 2014 के कैंप में भी मौजूद थीं, ने कहा कि इन आरोपों की भी जांच होनी चाहिए.
उल्लेखनीय हैं कि कुश्ती महासंघ केप्रमुख और भाजपा के सांसद बृजभूषण शरण के खिलाफ आरोपों की जांच को लेकर ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक के साथ विनेश फोगाट और सात पहलवान फिर से धरने पर बैठे हैं.
पिछले हफ्ते एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए अलग-अलग पुलिस शिकायतें दर्ज करवाई हैं.
21 अप्रैल को दर्ज की गई पुलिस शिकायतों में पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के कई उदाहरणों का हवाला दिया है, जो साल 2012 से हाल में साल 2022 तक हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि कम से कम चार मौकों पर उत्पीड़न दिल्ली में अशोक रोड पर स्थित बृजभूषण के घर (उनका सांसद आवास, जो डब्ल्यूएफआई कार्यालय के रूप में भी काम करता है) पर हुआ. खिलाड़ियों का यह भी कहना है कि उत्पीड़न की घटनाएं भारत के बाहर एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के साथ-साथ घरेलू प्रतियोगिताओं के दौरान भी हुईं.
दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए खिलाड़ी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसने 25 अप्रैल को उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है.
बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर खिलाड़ियों का पहला प्रदर्शन जनवरी महीने में हुआ था. कई हफ्तों के विरोध के बाद 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय ने ओलंपिक पदक विजेता और मुक्केबाज़ मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया था.
पहलवानों के समर्थन में आए ओलंपिक विजेता अभिनव बिंद्रा, सत्यपाल मलिक
इस बीच, 2008 बीजिंग ओलंपिक में निशानेबाजी में स्वर्ण पदक जीतने वाले और ओलंपिक एथलीट्स कमीशन के सदस्य अभिनव बिंद्रा ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शनरत पहलवानों के प्रति समर्थन जताया है.
उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ‘एथलीट्स के बतौर हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं. भारतीय कुश्ती प्रशासन में उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में हमारे खिलाड़ियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध करना जरूरी समझा, जो कि बहुत ही चिंताजनक है.’
As athletes, we train hard every day to represent our country on the international stage. It is deeply concerning to see our athletes finding it necessary to protest on the streets regarding the allegations of harassment in the Indian wrestling administration. My heart goes out…
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) April 26, 2023
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं उन सभी के साथ हूं , जो इससे प्रभावित हुए हैं. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस मुद्दे को ठीक से संभाला जाए, खिलाड़ियों की चिंताओं को सुना जाए और निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से उनका समाधान किया जाए. यह घटना एक ऐसे उचित सुरक्षा तंत्र की महत्वपूर्ण जरूरत पर बात करती है जो उत्पीड़न को रोक सके और प्रभावित लोगों के लिए न्याय सुनिश्चित कर सके. हमें सभी खिलाड़ियों के पनपने के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में काम करना चाहिए.’
उधर, बुधवार को जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक प्रदर्शनकारी खिलाड़ियों से मिलने पहुंचे.
मलिक ने खिलड़ियों का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें मिल रहा समर्थन बढ़ना चाहिए. ‘उन्होंने कहा, ‘मैं इसे बढ़ाने के लिए मुझसे जो हो सकेगा वो करूंगा- क्योंकि यह लड़ाई केवल उनकी नहीं है, यह देश की सभी महिलाओं की लड़ाई है.’
मलिक ने यह भी कहा, ‘मैं इन नौजवान लड़कियों से कहना चाहता हूं कि सब्र रखें, क्योंकि ये कामयाब होंगी. पूरा देश तुम्हारे साथ है. कुश्ती के क्षेत्र में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए इतिहास आपको याद रखेगा.’
उन्होंने किसान आंदोलन का उदाहरण देते हुए आगे कहा, ‘जब किसानों की यूनियन ने महीनों तक अपना आंदोलन जारी रखा था, तब वे प्रधानमंत्री से माफी मंगवाने में कामयाब हुए थे. आज वो आपके साथ हैं, तो इस बारे में कोई सवाल ही नहीं उठता, आप सब सफल होंगे.’