प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग क़ानून के तहत चर्च के धन की हेराफेरी के सिलसिले में देशभर में पांच स्थानों- पुणे, पचमढ़ी, जालंधर, इंदौर और कोलकाता में चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया की संपत्तियों की तलाशी ली. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद और ज़ब्त किए गए हैं.
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चर्च के धन की हेराफेरी के सिलसिले में देश भर में पांच स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तलाशी ली है.
पुणे (महाराष्ट्र), पचमढ़ी (मध्य प्रदेश), जालंधर (पंजाब), इंदौर (मध्य प्रदेश) और कोलकाता (पश्चिम बंगाल) में चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) की संपत्तियों पर छापेमारी की गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, जबलपुर के बोर्ड एजुकेशन, चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया अध्यक्ष पीसी सिंह के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा द्वारा एफआईआर दर्ज की गई थी. प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपनी जांच शुरू की थी.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि तलाशी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद और जब्त किए गए हैं.
ईडी के एक अधिकारी ने अखबार को बताया कि सीएनआई के विभिन्न पदाधिकारियों, जिनमें सिंह और सीएनआई के तहत एक ट्रस्ट के पूर्व प्रबंध निदेशक शामिल हैं, को ‘संपत्तियों को खराब स्थिति और अतिक्रमण के रूप में दिखाकर बेचने या बहुत कम कीमतों पर किराए पर देने के माध्यम से चर्च संपत्तियों की भारी हेराफेरी में शामिल पाया गया.
जांच एजेंसी ने कहा कि सतपुड़ा नेशनल पार्क और पचमढ़ी हिल स्टेशन पर एक इमारत के साथ एक एकड़ जमीन 15 साल के लिए 12,500 रुपये प्रति माह की दर से सतपुड़ा रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निजी संस्था को किराए पर दी गई थी.
ईडी ने 15 मार्च, 2023 को जबलपुर, मुंबई, रांची और नागपुर में सिंह से संबंधित छह परिसरों की तलाशी ली थी. तीन दिन बाद 18 मार्च को जांच एजेंसी ने रांची में तीन परिसरों की तलाशी ली थी.
सिंह को 12 अप्रैल को ईडी ने गिरफ्तार किया था और 13 अप्रैल को जबलपुर में पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया गया था. अदालत ने 27 अप्रैल तक सिंह की हिरासत ईडी को दे दी थी.
ईडी ने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार, संपत्तियों की बिक्री के खिलाफ सीएनआई के तहत ट्रस्ट को दिए जाने वाले करोड़ों रुपये को इधर-उधर भेजने के कई मामलों का खुलासा हुआ है.