विहिप ने बजरंग दल पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को मानहानि का नोटिस भेजा

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा-पत्र में कांग्रेस ने दावा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों के ख़िलाफ़ कड़ी एवं निर्णायक कार्रवाई करेगी. इस पर विश्व हिंदू परिषद की चंडीगढ़ इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 100 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है.

मल्लिकार्जुन खरगे. (फोटो साभार: फेसबुक)

कर्नाटक विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा-पत्र में कांग्रेस ने दावा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठनों के ख़िलाफ़ कड़ी एवं निर्णायक कार्रवाई करेगी. इस पर विश्व हिंदू परिषद की चंडीगढ़ इकाई ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को 100 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है.

मल्लिकार्जुन खड़गे. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की चंडीगढ़ इकाई ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को उनकी शाखा बजरंग दल के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए एक कानूनी नोटिस जारी किया है.

बता दें कि कर्नाटक चुनाव में अपने चुनावी घोषणा-पत्र में कांग्रेस ने दावा किया था कि अगर वह सत्ता में आई, तो बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी एवं निर्णायक कार्रवाई करेगी, जो जाति और धर्म के नाम पर समाज में नफरत फैलाते हैं.

इस पर तब विवाद खड़ा हो गया जब दक्षिणपंथी संगठनों ने पीएफआई के साथ बजरंग दल की तुलना किए जाने पर आपत्ति जताई. विहिप के मुताबिक पीएफआई एक आतंकवादी संगठन है, जो विभिन्न देशों में प्रतिबंधित है.

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, खड़गे को जारी किए गए नोटिस में विहिप ने कहा है कि पीएफआई और सिमी अल-कायदा, आईएसआईएस के अलावा अन्य वैश्विक आतंकवादी संगठनों से जुड़े आतंकवादी संगठन हैं, जिन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा और 100 से अधिक देशों द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है.

इसमें कहा गया है कि दोनों संगठनों ने नरसंहार, बलात्कार, बम विस्फोट, अपहरण, मानव-तस्करी, रासायनिक हमले, साइबर हमले, सार्वजनिक फांसी आदि जैसे तरीकों से उनके धार्मिक विचारों का विरोध करने वालों को निशाना बनाया है.

इसमें कहा गया है कि विहिप के तत्वावधान में बजरंग दल सहिष्णुता, धार्मिक एकता, राष्ट्रीय अखंडता और राष्ट्र के प्रति सेवा में विश्वास करता है.

नोटिस में दर्ज है, ‘राष्ट्र की सेवा में बजरंग दल भगवान राम और भगवान हनुमान से प्रेरणा लेता है, जो धर्म और सेवा के आदर्श अवतार हैं.’

इसमें कहा गया है कि बिना किसी आधार के पीएफआई और अन्य तालिबानी संगठनों के साथ बजरंग दल की तुलना करते हुए लगाए गए आरोप पूरे भारत के लाखों बजरंग दल और विहिप के कार्यकर्ताओं के नाम और सम्मान को हानि पहुंचाते हैं.

इसके अनुसार, ‘यह हरकत भगवान हनुमान के भक्तों को भी बदनाम करती है.’

नोटिस में खड़गे को कानूनी नोटिस जारी होने के 14 दिनों के भीतर विहिप को उक्त राशि का भुगतान करने की सलाह दी गई है, अन्यथा संगठन कांग्रेस अध्यक्ष पर अदालत में मुकदमा करेगा. नोटिस में 100 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की गई है.

मालूम हो कि कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में कहा था कि वह बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है.

कांग्रेस के घोषणा-पत्र में कहा गया था, ‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’

इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घोषणा को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि उसने पहले भगवान राम को बंद कर दिया था और अब वह ‘जय बजरंग बली’ का नारा लगाने वालों को बंद करना चाहती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 3 मई को कर्नाटक के लोगों से वोट डालने पर ‘जय बजरंगबली’ कहने का आग्रह किया था ताकि कांग्रेस को ‘दुरुपयोग की संस्कृति’ के लिए ‘दंडित’ किया जा सके.

जिस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए मोदी पर हनुमान की तुलना बजरंग दल से करके हिंदू भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया था और उनसे माफी की मांग की थी.