कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की पूर्व संध्या पर केआर पेट विधानसभा में कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों को लुभाने के लिए साड़ियां और चिकन बांटा. ग्रामीणों के यह लेने से इनकार के बाद कार्यकर्ता इसे उनके घर के सामने छोड़ आए. इससे नाराज़ ग्रामीणों ने इसे स्थानीय भाजपा नेता के घर के सामने फेंक दिया.
नई दिल्ली: कर्नाटक में बुधवार को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था. इसकी पूर्व संध्या पर राज्य की केआर पेट विधानसभा में कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं की तरफ से मतदाताओं के बीच साड़ियां और चिकन बांटा गया था.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इसके बारे में पता लगने पर बुधवार को कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सवाल किए और इसी बीच बूकानकेरे के गंजिगेरे गांव के लोगों ने इन्हें अलग ही तरह से लौटाया.
#KarnatakaAssemblyElection2023
Ganjigere village voters in KR Pet assembly segment returned the Sarees and chicken which were allegedly given by BJP candidate KC Narayan Gowda. The villagers also raised slogans against BJP. @IndianExpress pic.twitter.com/mHbtybdXEJ— Kiran Parashar (@KiranParashar21) May 10, 2023
अख़बार के अनुसार, सामने आए वीडियो दिखाते हैं कि बुधवार सुबह मतदाताओं ने साड़ियां और चिकन स्थानीय भाजपा नेता के घर के बंद दरवाजे के सामने फेंकते हुए पार्टी के खिलाफ नारे लगाए और ‘धिक्कार है’ कहते दिखे.
निर्वाचन आयोग का कहना है कि उसे इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है लेकिन वे मामले को देखेंगे.
अख़बार के मुताबिक, एक ग्रामीण ने बताया कि ‘भाजपा कार्यकर्ता’ वोट देने के लिए मतदाताओं को लुभाने के लिए चिकन और साड़ी लेकर अनुसूचित जाति बहुल गंजिगेरे गांव गए थे और जब लोगों ने यह लेने से इनकार कर दिया, तो इसे उनके दरवाजे पर छोड़कर चले आए.
नाम न बताने की शर्त पपर बात करते हुए एक ग्रामीण ने दावा किया कि उन्होंने खुद ही इसे वापस करने का फैसला किया, उन्होंने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि वे (नेता) हमें इस सब से लुभाएं. हम जिसे चाहेंगे, उसे वोट देंगे.’
एक अन्य ग्रामीण ने स्वीकार किया कि उनमें से कुछ ने ‘उपहार’ स्वीकार किए थे, लेकिन बुधवार सुबह एक स्थानीय कांग्रेस नेता के उनके पास आकर सवाल-जवाब करने के बाद उनका मन बदल गया.
बता दें कि यह गांव राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का जन्मस्थान है.
इस गांव के एक वकील लोकेश जीजे ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि ग्रामीण दिखाना चाहते थे कि वे भाजपा को वोट नहीं देंगे. लोकेश ने बताया, ‘उस रात करीब दो बजे भाजपा प्रत्याशी नारायण गौड़ा के समर्थक गांव आए थे और मतदाताओं को लुभाने के लिए चिकन, पैसे और साड़ियां बांट रहे थे. गांववालों ने इसे लेने से मना कर दिया. फिर तीन से चार बजे के बीच गौड़ा के समर्थक इन्हें उनके घरों के बाहर रखकर चले गए. गुस्से में कुछ ग्रामीणों ने इन्हें स्थानीय भाजपा नेता के घर के सामने फेंका तो कुछ नदी में डाल आए.’
अनुसूचित जाती के अलावायहां अच्छी खासी आबादी कुरुबा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदार सिद्धारमैया इसी समुदाय से हैं.
कभी कांग्रेस का गढ़ रहा केआर पेट हाल ही में जद (एस) की ओर मुड़ गया. 2013 और 2018 में यह सीट जद (एस) के केसी नारायण गौड़ा ने जीती थी. लेकिन गौड़ा उन 17 कांग्रेस और जद (एस) विधायकों में से एक थे, जिन्होंने 2019 में सरकार बनाने में मदद करते हुए इस्तीफा दे दिया और भाजपा में चले गए.
गौड़ा द्वारा खाली की गई केआर पेट सीट को भरने के लिए हुए 2019 के उपचुनाव में उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में फिर से जीत हासिल की और जद (एस) के बीएल देवराज को हराया. केआर पेट से भाजपा की यह पहली जीत थी.
इस बार कांग्रेस ने बीएल देवराज (जो 2019 उपचुनाव जद-एस उम्मीदवार थे) को मैदान में उतारा है, जबकि जद (एस) की तरफ से एचटी मंजू मैदान में हैं.