‘मन की बात’ न सुनने पर छात्राओं को मिली सज़ा समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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पीजीआई, चंडीगढ़ के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन की छत्तीस छात्राओं को बीते अप्रैल महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के सौवें एपिसोड को सुनने के कार्यक्रम में मौजूद न होने को लेकर दंडित किया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, संस्थान की प्रिंसिपल द्वारा जारी आदेश में उन्हें हफ्तेभर तक हॉस्टल से बाहर न निकलने की सजा दी गई है. इनमें 28 लड़कियां कोर्स के पहले साल की पढ़ाई कर रही हैं और आठ तीसरे वर्ष में पढ़ती हैं.

महाराष्ट्र में बीते साल शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद खड़े हुए राजनीतिक संकट से जुड़ी याचिकाएं सुनते हुए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल और स्पीकर ने कानून के अनुरूप कार्रवाई नहीं की. लाइव लॉ के अनुसार, सीजेआई की अगुवाई वाली संवैधानिक पीठ ने हालांकि यह जोड़ा कि वे उद्धव ठाकरे सरकार को बहाल नहीं कर सकते क्योंकि उन्होंने विश्वास मत का सामना किए बिना ही इस्तीफ़ा दे दिया था. अपने महत्वपूर्ण फैसले में अदालत ने यह टिप्पणी भी की कि ‘न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और किसी पार्टी के भीतरी या दलों के बीच विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है.’

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच अधिकारों को लेकर अक्सर होने वाली खींचतान के बीच सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने गुरुवार को दिए एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की विधायी शक्तियों से बाहर के क्षेत्रों को छोड़कर सेवाओं आदि के मामले में नौकरशाहों पर सरकार का नियंत्रण है। इसका अर्थ यह कि अधिकारियों की तैनाती और तबादले का हक़ सरकार के पास होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के हर अधिकार में उपराज्यपाल का दखल नहीं हो सकता.

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक दलित व्यक्ति के उनकी शादी में घोड़ी चढ़ने पर उनसे मारपीट का मामला सामने आया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घटना 4 मई को शहर की सोहल्ला जाटव बस्ती में हुई जब दलित समुदाय से आने वाले 24 वर्षीय दूल्हे को कथित उच्च जातियों के 20-25 लोगों ने पीटा। अख़बार ने बताया कि पीटने वाले लोगों का कहना था कि ‘हमारे गांव में दलित दूल्हे घोड़ी पर सवार होकर अपनी शादी में नहीं जाते, तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?’ घटना को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

कांग्रेस ने दावा किया है कि जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार डीआरडीओ अधिकारी प्रदीप कुरुलकर आरएसएस का सक्रिय स्वयंसेवक है. एनडीटीवी के अनुसार, पुणे की एक विशेष अदालत ने महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार कुरुलकर की पुलिस हिरासत 15 मई तक बढ़ा दी है. उधर, कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को जवाब देना चाहिए कि कुरुलकर और आरएसएस के बीच क्या संबंध है, क्योंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है.

कर्नाटक में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में एक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने उन्हें वोट के लिए लुभाने के लिए दिए गए उपहार स्थानीय भाजपा नेता के घर के सामने फेंक दिए. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, केआर पेट के मतदाताओं में मतदान की पूर्व संध्या पर कथित भाजपा कार्यकर्ताओं ने बूकानकेरे के गंजिगेरे गांव में साड़ियां और चिकन बांटे थे और लोगों ने इसे लेने से मना कर दिया था. इसके बाद कार्यकर्ता इसे उनके घर के सामने छोड़ आए. सामने आए एक वीडियो में इससे नाराज़ ग्रामीण इसे स्थानीय भाजपा नेता के घर के सामने फेंकते हुए ‘धिक्कार’ के नारे लगाते दिख रहे हैं.

केरल के कोल्लम ज़िले के एक सरकारी अस्पताल में बीते बुधवार को एक 42 वर्षीय स्कूल शिक्षक ने 23 वर्षीय डॉक्टर की कैंची मारकर हत्या कर दी. कथित तौर पर शराब के आदी शिक्षक को चोट लगने के बाद अस्पताल ले जाया गया था. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घटना से नाराज हाईकोर्ट ने कहा कि घटना सिस्टम पर भरोसा कम कर सकती है. अदालत ने राज्य पुलिस प्रमुख को इस बारे एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने और ऑनलाइन सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश भी दिया था.

2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में एक और गवाह द्वारा अभियोजन का साथ न देने के बाद ‘होस्टाइल’ (Hostile) घोषित कर दिया गया. एनडीटीवी के अनुसार, भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर से कथित जान-पहचान रखने वाला यह शख्स पूर्व में दी गई गवाही से मुकरने वाला 37वां गवाह है। मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की थी, जिसे अपने बयान में उक्त व्यक्ति ने कहा था कि उसने ठाकुर के किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और दोनों में जान-पहचान थी। हालांकि, बुधवार को एनआईए की अदालत में इससे मुकरते हुए उनका कहना था कि वे ठाकुर को नहीं जानते। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि उन्होंने अपनी इच्छा से एटीएस को बयान दिया था.