राहुल गांधी के ख़िलाफ़ फैसला देने वाले गुजरात के जज की पदोन्नति रुकने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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गुजरात के 68 न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. द हिंदू के मुताबिक, जस्टिस एमआर शाह की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों की पदोन्नति ‘योग्यता-सह-वरिष्ठता सिद्धांत’ का उल्लंघन है. कोर्ट ने गुजरात सरकार के आदेश को अवैध बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मामला शीर्ष अदालत में लंबित होने की जानकारी के बावजूद पदोन्नति दी. इन 68 अधिकारियों में सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश हसमुखभाई वर्मा भी शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ को जबरन धर्मांतरण का आरोप लगाने वाले व एक मुस्लिम व्यक्ति अज़मत अली खान को ‘जिहादी’ कहकर संबोधित करने वाले वीडियो को हटाने का आदेश दिया है. बार एंड बेंच के अनुसार, अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा जांच किए जा रहे एक मामले पर रिपोर्ट किए जाने और ‘जिहादी’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर नाराजगी व्यक्त की. जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने वीडियो में की गई धमकी भरी टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे खान की सुरक्षा को खतरा है. कोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ के साथ ही  यूट्यूब और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और सरकारी अधिकारियों को वीडियो को सार्वजनिक रूप तुरंत ब्लॉक करने को भी कहा है.

विवादित फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है. दैनिक भास्कर के अनुसार, फिल्म के निर्माताओं की इन राज्यों में प्रतिबंध के खिलाफ याचिका को सुनते हुए कोर्ट ने सवाल किया कि जब यह फिल्म पूरे देश में चल रही है, तो इन दोनों राज्यों में क्या दिक्कत है. ये मामला कला की स्वतंत्रता का है. इस बात को दर्शकों के ऊपर छोड़ देना चाहिए कि वे फिल्म देखना चाहते हैं या नहीं.

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई के खिलाफ असम में एक करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया गया है. एनडीटीवी के अनुसार, एनजीओ ‘असम पब्लिक वर्क्स’ के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा का कहना है कि रंजन गोगोई ने अपनी आत्मकथा में शर्मा को लेकर भ्रामक बातें लिखी हैं. मानहानि का केस के साथ शर्मा ने किताब पर रोक लगाने की भी मांग की है. एपीडब्ल्यू वही संगठन है, जो असम में मतदाता सूची से अवैध प्रवासियों के नामों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जिसके बाद अदालत ने एनआरसी अपडेट के निर्देश दिए थे.

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर पहलवानों के प्रदर्शन के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खेल मंत्रालय को विभिन्न खेल संघों में ‘यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम’ के तहत अनिवार्य आंतरिक शिकायत समिति की गैर-मौजूदगी के बारे में नोटिस भेजा है. इंडियन एक्सप्रेस ने बीते दिनों बताया था कि कुश्ती महासंघ समेत देश के 30 राष्ट्रीय खेल संघों में से 16 ऐसे हैं, जिनमें कोई समिति ही नहीं है. आयोग ने मंत्रालय से शिकायत समिति के गठन और कार्यवाही को लेकर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को क़ानूनी मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने गुरुवार को 10 दिनों तक चली सुनवाई के बाद कहा कि एक संवैधानिक सिद्धांत है जिस पर हम क़ायम रहे हैं- हम क़ानून या नीति बनाने का निर्देश नहीं दे सकते, हम नीति निर्माण के क्षेत्र में नहीं जा सकते.

रांची में स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के सभी 100 एपिसोड का विश्लेषण करते हुए अध्ययन करेगा. हिंदुस्तान के मुताबिक, शुक्रवार को आईआईएम के निदेशक डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अध्ययन में प्रधानमंत्री के संबोधन में जिन विषयों पर बात की गई है उनका संक्षिप्त रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जो भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे. राज्य सरकार और राष्ट्रीय स्तर पर सिफारिशें करने और नीतियां बनाने के लिए प्रस्तावित अध्ययन राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर नीतियां बनाने में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करेगा.

बीबीसी ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी इसकी डॉक्यूमेंट्री को लेकर एक भाजपा नेता द्वारा दायर मानहानि का केस सुनना इस कोर्ट के अधिकारक्षेत्र में नहीं आता है. बार एंड बेंच के अनुसार, बीबीसी और विकीपीडिया के वकील ने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रुचिका सिंगला की अदालत को यह भी बताया कि वे विदेशी संस्थाएं हैं जिन्हें ठीक से नोटिस नहीं दिया गया है और इसके विरोध में पेश हो रहे हैं. इस बीच, अमेरिका स्थित डिजिटल लाइब्रेरी इंटरनेट आर्काइव के वकील ने कहा कि उसने अपने मंच से डॉक्यूमेंट्री को हटा दिया है. अदालत ने मामले को स्थगित कर दिया और सुनवाई की अगली तारीख 26 मई तय की है.