आर्यन ख़ान मामले में शाहरुख़ ख़ान से रिश्वत मांगने के आरोप में समीर वानखेड़े के ख़िलाफ़ केस

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े और चार अन्य लोगों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के एक मामले में केस दर्ज किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अभिनेता शाहरुख़ ख़ान से उनके बेटे आर्यन को ड्रग्स मामले में न फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी.

समीर वानखेड़े. (फोटो साभार: एएनआई)

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े और चार अन्य लोगों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के एक मामले में केस दर्ज किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि अभिनेता शाहरुख़ ख़ान से उनके बेटे आर्यन को ड्रग्स मामले में न फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी.

समीर वानखेड़े. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: अक्टूबर 2021 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने तत्कालीन जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के नेतृत्व में मुंबई तट पर खड़े कॉर्डेलिया क्रूज पर छापा मारकर अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया था.

इस घटना के लगभग 19 महीने बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वानखेड़े और चार अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में केस दर्ज किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि शाहरुख से उनके बेटे को ड्रग्स के मामले में न फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई थी.

सीबीआई की टीमों ने वानखेड़े के आवास सहित दिल्ली, मुंबई, कानपुर और रांची शहरों में 29 स्थानों पर छापेमारी की.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वानखेड़े को पिछले साल सतर्कता जांच के बाद कोर्डेलिया छापे में बड़ी विसंगतियां पाए जाने के बाद एनसीबी से बाहर कर दिया गया था.

सीबीआई ने एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी विश्व विजय सिंह, पूर्व खुफिया अधिकारी आशीष रंजन प्रसाद, किरण गोसावी (जो छापे के दौरान वानखेड़े की टीम के साथ गवाह के रूप में थे और बाद में एनसीबी की हिरासत में आर्यन खान के साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी), सैनविले डिसूजा और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ बीते बृहस्पतिवार (11 मई) को एफआईआर दर्ज किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, विश्व विजय सिंह को पिछले महीने एक अन्य मामले में एनसीबी से हटा दिया गया था.

इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के साथ-साथ, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आपराधिक साजिश और धमकी देकर जबरन वसूली के आरोप लगाए गए हैं.

सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘यह आरोप लगाया गया है कि मुंबई क्षेत्र के एनसीबी के उक्त अधिकारियों ने कॉर्डेलिया मामले में व्यक्तियों/अन्य लोगों से अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए दूसरों के साथ आपराधिक साजिश रची थी और कथित आरोपी (आर्यन खान की ओर इशारा करते हुए) से रिश्वत के रूप में अनुचित लाभ प्राप्त किया था.’

उन्होंने कहा, ‘यह भी आरोप लगाया गया है कि समीर वानखेड़े के कथित निर्देशों के अनुसार उक्त व्यक्तियों ने नशीले पदार्थों को रखने के अपराधों के आरोप में धमकी देकर कथित अभियुक्तों के परिवार के सदस्यों (आर्यन खान का जिक्र करते हुए) से (लगभग) 25 करोड़ रुपये की राशि निकालने के लिए षड्यंत्र रचा था.’

सीबीआई ने कहा कि रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये की सांकेतिक राशि पहले ही प्राप्त की जा चुकी है.

हिंदुस्तान टाइम्स ने इस संबंध जानने के लिए वानखेड़े से संपर्क किया लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी.

सीबीआई जांच से परिचित अधिकारियों ने कहा कि वानखेड़े, जिन्हें अनियमितताएं सामने आने के बाद चेन्नई में करदाताओं की सेवाओं के महानिदेशक (डीजीटीएस) के कार्यालय भेज दिया गया था, को जल्द ही मामले में पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा.

भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी वानखेड़े को अनियमितताएं सामने आने के बाद एनसीबी से ट्रांसफर कर दिया गया था. उन्होंने 2 अक्टूबर, 2021 की रात मुंबई में ग्रीन गेट पर अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल पर कॉर्डेलिया जहाज पर छापा मारने के लिए सिंह सहित कुछ अधिकारियों और गवाहों की एक टीम का नेतृत्व किया था.

एनसीबी ने दावा किया था कि उसने क्रूज से 13 ग्राम कोकीन, पांच ग्राम मेफेड्रोन, 21 ग्राम मैरिजुआना, एमडीएमए की 22 गोलियां और 1.33 लाख रुपये नकद जब्त किए थे. इसने 14 लोगों को पकड़ा और घंटों की पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर 2021 को आर्यन खान (24 वर्ष), अरबाज मर्चेंट (26 वर्ष) और मुनमुम धमेचा (28) को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एजेंसी ने छापे के सिलसिले में 17 और लोगों को गिरफ्तार किया था.

वॉट्सऐप चैट के आधार पर वानखेड़े की टीम ने दावा किया था कि आरोपी एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे. इसने आरोप लगाया कि आर्यन खान कुछ विदेशी ड्रग सप्लायर के संपर्क में थे और चैट में ‘हार्ड ड्रग्स’ और ‘भारी मात्रा’ का जिक्र था.

हालांकि, एनसीबी के दावों को खारिज करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस नितिन डब्ल्यू सांबरे की एकल पीठ ने पिछले साल अक्टूबर में कहा था कि किसी भी साजिश के अस्तित्व का कोई सबूत नहीं मिला.

रिपोर्ट के मुताबिक, छापेमारी की फिर से जांच करने के लिए एनसीबी द्वारा गठित डिप्टी डायरेक्टर जनरल संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) को इस बात का सबूत नहीं मिला था कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन एक बड़ी ड्रग्स साजिश या अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थे. एसआईटी को नाटकीय छापेमारी में कई अनियमितताएं भी मिली थीं.

अक्टूबर 2021 में वानखेड़े के नेतृत्व में एक क्रूज पोत पर की गई छापेमारी के बाद आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था और पोत से कथित तौर पर मादक पदार्थ बरामद किया गया था. बाद में आर्यन को बॉम्बे उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई.

एसआईटी ने पिछले साल मई में 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, लेकिन आर्यन खान को यह कहते हुए क्लीनचिट दे दी थी कि उनके पास कभी ड्रग्स नहीं मिला था, इसलिए उनका फोन लेने और उनकी चैट की जांच करने की कोई जरूरत नहीं थी. चैट से यह भी पता नहीं चला कि खान किसी अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का हिस्सा थे.

3 अक्टूबर 2021 को क्रूज पर हुई छापेमारी के एक ‘स्वतंत्र गवाह’ प्रभाकर सैल ने बीते 24 अक्टूबर को एक हलफनामे में और फिर पत्रकारों के सामने दावा किया था कि आर्यन खान को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपये पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें ‘आठ करोड़ रुपये समीर वानखेड़े (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे.

उन्होंने दावा किया था कि गोसावी ने मामले को निपटाने के लिए 25 करोड़ रुपये वसूलने के बारे में बात की थी, जिसे 18 करोड़ रुपये पर तय किया जा सकता था, क्योंकि उन्हें समीर वानखेड़े को 8 करोड़ रुपये देने थे.

सैल ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने गोसावी को शाहरुख खान के मैनेजर से मुलाकात करते हुए देखा था और क्रूज पर छापे के बाद उन्हें वानखेड़े की उपस्थिति में 9-10 खाली पन्नों पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया था. फिलहाल गोसावी फरार है और मुंबई पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है.