जम्मू: ‘द केरला स्टोरी’ को लेकर हुई झड़प में सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्र घायल

जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में रविवार को हुई घटना. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाने वाले गुंडा तत्वों की बेहद व्यथित करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. उन्होंने उपराज्यपाल से ज़िम्मेदार लोगों के लिए सज़ा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

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घटना के विरोध में कश्मीरी छात्रों ने प्रदर्शन किया. (फोटो साभार: ट्विटर वीडियोग्रैब)

जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में रविवार को हुई घटना. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाने वाले गुंडा तत्वों की बेहद व्यथित करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. उन्होंने उपराज्यपाल से ज़िम्मेदार लोगों के लिए सज़ा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.

घटना के विरोध में कश्मीरी छात्रों ने प्रदर्शन किया. (फोटो साभार: ट्विटर वीडियोग्रैब)

नई दिल्ली: जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में रविवार रात (14 मई) दो समूहों के बीच हुई झड़प में पांच छात्र घायल हो गए, जिनमें से एक गंभीर रूप से घायल हो गया.

सूत्रों ने बताया कि कुछ छात्रों ने विवादास्पद हिंदी फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ के दृश्यों को रविवार देर शाम एक वॉट्सऐप ‘स्टडी ग्रुप’ में भेजा था, जिसमें कहा गया कि यह ‘देखने लायक’ है. समूह के अन्य लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वे इससे सहमत नहीं हैं.

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म के कथानक से असहमत कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि छात्रों का वॉट्सऐप ग्रुप केवल अध्ययन सामग्री साझा करने के लिए है. इस तरह की विवादास्पद चीजों को इसमें प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए.

वॉट्सऐप चैट जल्द ही हॉस्टल के दो समूहों के बीच झड़प में तब्दील हो गई, जिसमें प्रथम वर्ष से लेकर अंतिम वर्ष के बैच के छात्र शामिल थे. हालांकि, दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर झड़प शुरू करने का आरोप लगाया, जिसमें पुलिस के अनुसार कुछ बाहरी लोग भी शामिल थे.

चश्मदीदों ने कहा कि बाहरी लोगों के शामिल होने से रात भर परेशानी जारी रही. यह पहली बार नहीं था, जब छात्रावास में रहने वाले छात्रों के बीच झड़प हुई थी, उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले दो समूहों में झड़प हुई थी.

झड़प में घायल छात्रों में से एक ने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में कॉलेज में माहौल ‘अत्यधिक ध्रुवीकृत’ हो गया है, जिसमें छात्रों ने धार्मिक और क्षेत्रीय आधार पर समूह बनाए हैं.

मौजूदा तनाव को देखते हुए हॉस्टल पहुंचे और रातभर वहीं रहे मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शाही सुधन शर्मा ने कैंपस में ध्रुवीकरण के माहौल से इनकार किया. उन्होंने कहा कि कॉलेज में पहली बार देश भर से लगभग 150 छात्र पीजी और अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए आए हैं और वे सभी सद्भाव से रहते हैं.

उन्होंने कहा कि पांच घायल छात्रों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से चार को सुबह छुट्टी दे दी गई. शर्मा ने बताया कि जम्मू संभाग के भद्रवाह इलाके का रहने वाला पांचवां छात्र अभी भी अस्पताल में भर्ती है और उसके सिर में एक दर्जन से अधिक टांके लगे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी हालत स्थिर है और उन्हें भी जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी.

इस बीच द केरला स्टोरी की सामग्री से असहमत छात्रों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में प्रदर्शन किया. छात्र हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिनमें लिखा था, ‘हम कॉलेज में पढ़ने आते हैं, लड़ने के लिए नहीं’ और दूसरे समूह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

प्रिंसिपल ने कहा कि कॉलेज प्रशासन ने बाहरी लोगों की संलिप्तता की जांच के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, साथ ही कहा कि कॉलेज भी दोषी छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा.

जम्मू के एसएसपी चंदन कोहली ने कहा कि पुलिस ने सरकारी मेडिकल कॉलेज छात्रावास में ‘कुछ छात्रों और बाहरी लोगों के बीच हाथापाई’ का संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि जांच चल रही है.

छात्रों के बीच झड़प पर कश्मीर के वरिष्ठ मुख्यधारा के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘यह चौंकाने वाला है कि भारत सरकार सांप्रदायिक आग भड़काने वाली फिल्मों के माध्यम से हिंसा को बढ़ावा देती है और प्रोत्साहित करती है.’

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले केंद्रशासित प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग करते हुए उन्होंने आगे लिखा, ‘चुनावी लाभ के लिए भाजपा की अतृप्त प्यास बुझाने के लिए निर्दोषों का खून बहाया जा रहा है.’

महबूबा ने ट्वीट किया, ‘उपराज्यपाल से अनुरोध है कि संज्ञान लें और दोषियों को दंडित करें.’

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘जम्मू में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाने वाले गुंडा तत्वों की बेहद व्यथित करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं.’

जम्मू कश्मीर पुलिस से इस पर संज्ञान लेने और जिम्मेदार लोगों को सजा सुनिश्चित करने के लिए कहते हुए उन्होंने आगे लिखा, ‘उपराज्यपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह समयबद्ध तरीके से किया जाए और छात्रों को आश्वस्त किया जाए कि राजनीति के बदले उनकी सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा.’

उमर ने एक पोस्ट को रीट्वीट करते हुए कहा, ‘मुस्लिम छात्रों पर हमले के बाद कश्मीरी छात्रों ने जम्मू के सरकारी मेडिकल में विरोध प्रदर्शन किया.’

उनके रीट्वीट में छात्रों के हवाले से कश्मीर की एक स्थानीय समाचार एजेंसी को बताया गया, ‘हम यहां पढ़ने आए हैं लड़ने नहीं. कश्मीरियों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है.’

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सज्जाद लोन ने भी ट्वीट कर कहा, ‘मेडिकल कॉलेज में हुई घटना निंदनीय है. ये छोटे बच्चे हैं और जो अधिकारी प्रभारी हैं उनके घर में ऐसे छोटे बच्चे हैं. बस उम्मीद है कि इस मुद्दे की निष्पक्ष और मानवीय तरीके से जांच की जाएगी.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कुछ तस्वीरें देखीं. वे डरावनी हैं. मैं उपराज्यपाल से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं कि सुधारात्मक कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में उन्हें दोहराया न जाए.’

इस बीच जम्मू और कश्मीर छात्रसंघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने कहा कि उन्होंने उपराज्यपाल कार्यालय और एडीजीपी जम्मू मुकेश सिंह के साथ इस मुद्दे को उठाया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस घटना के लिए जिम्मेदार छात्रों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके. उन्होंने छात्रों से परिसर में शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की.