शेयर मार्केट में लिस्टिंग के बाद एलआईसी के शेयर 40% गिरने पर कांग्रेस ने मोदी-अडानी पर सवाल उठाए

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि एक साल पहले एलआईसी को शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध किया गया था, तब बाज़ार पूंजीकरण 5.48 लाख करोड़ रुपये था. आज यह भारी गिरावट के साथ 3.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है! 

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जयराम रमेश और एलआईसी लोगो. (फोटो साभार: फेसबुक/पीटीआई)

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि एक साल पहले एलआईसी को शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध किया गया था, तब बाज़ार पूंजीकरण 5.48 लाख करोड़ रुपये था. आज यह भारी गिरावट के साथ 3.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है!

जयराम रमेश और एलआईसी लोगो. (फोटो साभार: फेसबुक/पीटीआई)

नई दिल्ली: भारत के अग्रणी बीमाकर्ता जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की शेयर बाजार में लिस्टिंग होने के ठीक एक साल बाद इसके शेयरों में लगभग 40 प्रतिशत की महत्वपूर्ण गिरावट आई है. इसके परिणामस्वरूप निवेशकों को 1.93 लाख करोड़ रुपये का चौंका देने वाला नुकसान हुआ है, जिससे उनकी संपत्ति कम हो गई है.

इसके बाद कांग्रेस ने बुधवार को कंपनी के बाजार पूंजीकरण में गिरावट को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने फर्म के मार्केट कैपिटल में गिरावट को अडानी कंपनियों में निवेश से जोड़ने की मांग की, जिसे भारतीय जनता पार्टी ने खारिज कर दिया. पार्टी ने उन पर ‘आधी जानकारी’ के साथ लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया गया.

जयराम रमेश ने एक ट्वीट कर कहा, ‘आज से ठीक एक साल पहले एलआईसी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया गया था. इसका बाजार पूंजीकरण तब 5.48 लाख करोड़ रुपये था. आज यह 35 प्रतिशत की भारी गिरावट के साथ 3.59 लाख करोड़ रुपये हो गया है!.’

उन्होंने आगे कहा, ‘इस भारी गिरावट का एकमात्र कारण मोदानी (मोदी+अडानी) है. इस प्रक्रिया में लाखों पॉलिसीधारकों को गंभीर चोट आर्थिक रूप से पहुंची है.’

उन्होंने इसके साथ उस मीडिया रिपोर्ट को भी साझा किया है, जिसमें दावा किया गया था कि शेयर बाजार में लिस्टिंग के बाद से एलआईसी के शेयरों ने 1.9 लाख करोड़ रुपये का सफाया कर दिया.

जयराम रमेश पर पलटवार करते हुए भाजपा आईटी-सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अडानी समूह में एलआईसी का निवेश 1 प्रतिशत से भी कम है.

एलआईसी प्रमुख ने कहा, ‘एलआईसी ने अडानी के शेयरों पर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया है. पॉलिसीधारकों के लिए कोई जोखिम नहीं है.’

मालवीय ने ट्वीट में एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें एलआईसी प्रमुख का बयान था.

उन्होंने इसमें कहा, ‘एलआईसी प्रमुख कहते हैं कि ‘एलआईसी ने अडाणी के शेयरों पर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाया है. पॉलिसीधारकों के लिए कोई जोखिम नहीं है.’ जयराम रमेश, जिन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शर्मिंदा करने के लिए मीडिया को विशेषाधिकार प्राप्त पत्राचार लीक करने के लिए जाना जाता है, जिनकी कैबिनेट में वे मंत्री थे, एक बार फिर आधी जानकारी देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं.’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह में एलआईसी की होल्डिंग के मूल्य में गिरावट को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला करती रही है और सवाल करती रही है कि किसने भारत की वित्तीय प्रणाली के इस स्तंभ (एलआईसी) को समूह के लिए इतना जोखिम लेने के लिए ‘मजबूर’ किया.

कांग्रेस अमेरिकी वित्तीय अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रही है. अडानी ग्रुप ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी नई सूचीबद्ध कंपनियों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में से एक रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि देश की सबसे बड़ी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ/Initial Public Offering) निवेशकों को आकर्षित करने के लिए संघर्ष करना पड़ा है.

एक सफल आईपीओ के बाद पिछले साल 17 मई को 8 प्रतिशत से अधिक की छूट पर एलआईसी को (शेयर बाजार) सूचीबद्ध किया था, जिससे सरकारी खजाने में 20,557 करोड़ रुपये आए थे. एलआईसी के शेयर बीएसई पर 872 रुपये और एनएसई पर 867.20 रुपये पर सूचीबद्ध थे.

बीएसई पर 949 रुपये के निर्गम मूल्य (Issue Price) के मुकाबले एलआईसी का स्टॉक 39.92 प्रतिशत नीचे है. एनएसई पर यह निर्गम मूल्य से 39.93 फीसदी टूटा है.

बुधवार को बीएसई पर एलआईसी के शेयर 0.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ 570.10 रुपये पर बंद हुए. एनएसई पर फर्म के शेयर 0.44 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 570 रुपये पर बंद हुए.