यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा सांसद अयोध्या में ‘जन चेतना महारैली’ करेंगे

माना जा रहा है कि भाजपा सांसद और यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि प्रदर्शनकारी पहलवानों को विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी का व्यापक समर्थन मिल रहा है. रैली के माध्यम से वह हिंदू धार्मिक नेताओं की मदद से लोगों को अपने पक्ष में लामबंद करना चाहते हैं.

बीते 19 मई को उत्तर प्रदेश लखनऊ में भाजपा महासंपर्क अभियान के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (बाएं) और भाजपा सांसद साक्षी महाराज. (फाइल फोटो साभार: फेसबुक/Brij Bhushan Sharan Singh)

माना जा रहा है कि भाजपा सांसद और यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि प्रदर्शनकारी पहलवानों को विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी का व्यापक समर्थन मिल रहा है. रैली के माध्यम से वह हिंदू धार्मिक नेताओं की मदद से लोगों को अपने पक्ष में लामबंद करना चाहते हैं.

बीते 19 मई को उत्तर प्रदेश लखनऊ में भाजपा महासंपर्क अभियान के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह. (फोटो साभार: फेसबुक/Brij Bhushan Sharan Singh)

लखनऊ: यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह 5 जून को अयोध्या में ‘जन चेतना महारैली’ का आयोजन करेंगे.

सिंह की रैली को नई दिल्ली में उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिला पहलवानों के खिलाफ हिंदू धार्मिक नेताओं के समर्थन को मजबूत करने के उनके प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट से भाजपा सांसद सिंह ने गुरुवार (18 मई) को अपने फेसबुक पेज पर रैली के बारे में जानकारी दी. सिंह ने हिंदी में सोशल मीडिया पर लिखा, ‘परम पूज्य संत महापुरुषों का आह्वान. 5 जून अयोध्या चलो. जन चेतना महारैली.’

रैली के उद्देश्यों को लेकर अटकलें तेज हैं. व्यापक तौर पर यह माना गया है कि सिंह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि प्रदर्शनकारी पहलवानों को विपक्षी दलों और सिविल सोसायटी का व्यापक समर्थन मिल रहा है. इसके अलावा, महिला खिलाड़ियों को हरियाणा की खापों और किसान संगठनों के समर्थन ने भी सिंह का सिरदर्द बढ़ा दिया है.

सिंह अपने ऊपर कार्रवाई होने से पहले हिंदू धार्मिक नेताओं की मदद से लोगों को लामबंद करना चाहते हैं. विपक्ष और सिविल सोसायटी समूह लगातार नरेंद्र मोदी सरकार पर उन्हें गिरफ्तार करने और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के पद से बर्खास्त करने का दबाव बना रहे हैं.

इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में सिंह के खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज की हैं. इनमें से एक मामला नाबालिग के कथित उत्पीड़न से संबंधित है. हालांकि, सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

पिछले कुछ दिनों में उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में भी विरोध बढ़ गया है. हाल ही में महिला पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए कई महिला अधिकार कार्यकर्ता और लेखक लखनऊ के शहीद स्मारक पर एकत्रित हुए.

अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (एआईडीडब्ल्यूए), महिला महासंघ, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ (एआईपीडब्ल्यूए) और साझी दुनिया उन संगठनों में शामिल थे, जिन्होंने सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. उन्होंने महिला पहलवानों के लिए न्याय की मांग को लेकर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भी भेजा है.

विरोध प्रदर्शन के दौरान एआईडीडब्ल्यूए की नेता मधु गर्ग ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ‘बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ’ भगवा दल के लिए केवल एक चुनावी नारा था.

6 मई को प्रदर्शनकारियों की सभा को संबोधित करते हुए गर्ग ने कहा था, ‘हमारी बेटियां (प्रदर्शनकारी महिला पहलवान) 23 दिनों से अधिक समय से धरने पर बैठी हैं और आरोपी खुलेआम घूम रहा है और उन्हें धमका रहा है.’

महिला महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष आशा मिश्रा ने सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना करते हुए कहा था, ‘यह निंदनीय है कि भाजपा अपराधियों को उनके धर्म और जाति के आधार पर देखती है. हमने हाथरस मामले, उन्नाव बलात्कार मामले और बिलकिस बानो मामले में कई मौकों पर पहले भी भाजपा का यही रवैया देखा है.’

बाबा भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) इकाई ने भी गुरुवार (18 मई) को विश्वविद्यालय परिसर में भाजपा सांसद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

लेकिन, काफी दबाव के बावजूद भी भाजपा ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है.

भाजपा के अंदरूनी सूत्रों ने गुमनाम रूप से खुलासा किया है कि सिंह बहराइच, गोंडा और श्रावस्ती के कुछ हिस्सों समेत उत्तर प्रदेश की कई संसदीय सीटों को प्रभावित करते हैं. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व 2024 के महत्वपूर्ण आम चुनावों से पहले इस प्रभावशाली नेता को नाराज करना नहीं चाहता है.

द वायर ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास से सिंह की ‘जन चेतना महा रैली’ के बारे में संपर्क किया. दास के मुताबिक, उन्हें रैली का कोई आमंत्रण नहीं मिला है. यह पूछे जाने पर कि क्या औपचारिक रूप से आमंत्रित किए जाने पर वह रैली में शामिल होंगे, उन्होंने कहा कि ‘निमंत्रण मिलने के बाद मैं इस बारे में सोचूंगा.’

संपर्क करने पर सिंह के कार्यालय के एक प्रतिनिधि ने द वायर को बताया, ‘यह रैली हिंदू धार्मिक नेताओं द्वारा आयोजित की जा रही है.’

इसके अनुसार, नेता चाहते हैं कि यदि आरोप सही हैं तो डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए और यदि आरोप झूठे और तुच्छ हैं तो आरोप लगाने वालों को दोषी ठहराया जाना चाहिए.

उनके प्रतिनिधि ने कहा कि देश भर से सिंह के समर्थक रैली में शामिल होने आएंगे. यह पूछे जाने पर कि अयोध्या को क्यों चुना गया, उन्होंने जवाब दिया कि संतों के लिए वहां एकत्र होना सुविधाजनक होगा.

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