खाप महापंचायत ने 28 मई को नए संसद भवन के सामने महिला पंचायत की घोषणा की

28 मई को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पहलवान लगभग एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

जंतर मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है. (फोटो साभार: फेसबुक)

28 मई को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पहलवान लगभग एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

जंतर मंतर पर पहलवानों का प्रदर्शन जारी है. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: खाप महापंचायत ने रविवार को फैसला किया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं पहलवानों का समर्थन करने वाली महिलाएं 28 मई को नए संसद भवन के समक्ष पंचायत करेंगी. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे.

द हिंदू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, खाप महापंचायत के नेताओं ने रोहतक में बैठक की थी. किसी बड़े फैसले की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन विचार विमर्श के बाद उन्होंने संसद भवन तक जाने का ही फैसला किया.

विरोध करने वाले पहलवानों में से साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान इस महापंचायत में शामिल हुए, जबकि बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट जंतर-मंतर पर धरना स्थल पर डटे रहे.

पुनिया ने कहा, ‘उन्होंने चार फैसले लिए हैं. महिला पंचायत 28 मई को संसद भवन के ठीक सामने होगी. 23 मई को हम जंतर मंतर से इंडिया गेट तक कैंडल मार्च निकालेंगे. महापंचायत ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की अपनी मांग को दोहराया और वादा किया कि पहलवानों के आह्वान पर पांच घंटे के भीतर खाप धरना स्थल पर पहुंच जाएंगी.’

पुनिया से पूछा गया कि क्या पहलवान इस कदम से संतुष्ट हैं, उन्होंने कहा, ‘हम महापंचायत के इस फैसले का स्वागत करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं के साथ पुरुष समर्थक जाएंगे या नहीं, इसका फैसला बाद में किया जाएगा.’

इस फैसले का मतलब है कि पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने का मन बना लिया है, जिन पर उन्होंने कई महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है.

वहीं, इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) का एड-हॉक पैनल जिसे भारतीय कुश्ती महासंघ के मामलों को चलाने का काम सौंपा गया है, 20 जून के आसपास एशियाई खेलों के ट्रायल आयोजित कराएगा.

विरोध करने वाले पहलवानों को अभ्यास के लिए मुश्किल से ही समय मिल पा रहा है और अगर वे ट्रायल में शामिल होने का फैसला करते हैं तो उनके लिए अपने-अपने वर्ग में अपने प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला करना बेहद मुश्किल होगा.

टोक्यो खेलों में कांस्य पदक जीतने वाले पुनिया ने कहा, ‘मैं इस लड़ाई में एक ओलंपिक पदक तक का त्याग करने को तैयार हूं.’

पहलवानों की ओर से योजनाओं को तैयार करने के लिए किसानों और खाप नेताओं सहित 31 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जबकि खेल से संबंधित निर्णयों पर मार्गदर्शन के लिए नौ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है.

मालूम हो कि बीते जनवरी महीने में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन शुरू किया था.

कई हफ्तों के विरोध के बाद बीते 23 जनवरी को मामले की जांच के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय के आश्वासन और ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था.

इस दौरान बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया था.

हालांकि कोई कार्रवाई न होने के बाद बीते 23 अप्रैल को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक समेत अन्य पहलवानों ने अपना प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया.

सात दिनों के विरोध के बाद बीते 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से एक यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत और दूसरी महिला के शील भंग का प्रयास से संबंधित है.

इससे पहले दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर न दर्ज करने का आरोप लगाते हुए खिलाड़ी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसने 25 अप्रैल को उनकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.